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उत्तराखंड: सभी जिलों के क्वारंटाइन सेंटरों के लिए बनाए जाएंगे एसडीएम स्तर के नोडल अधिकारी

स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि कोविड-19 से प्रदेश की जनता को बचाने के लिए किसी भी प्रकार की कोई धन की कमी नहीं है.

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Published : May 27, 2020, 8:11 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड राज्य में दिन प्रतिदिन बढ़ रहे कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या को देखते हुए उत्तराखंड चिकित्सा स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने शासन के वरिष्ठ अधिकारियों और जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से कोविड-19 की समीक्षा की. बैठक के दौरान स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि कोविड-19 से प्रदेश की जनता को बचाने के लिए किसी भी प्रकार की कोई धन की कमी नहीं है. ऐसा निर्णय लिया गया कि सभी जिलों के क्वारंटाइन सेंटरों के लिए एसडीएम स्तर के नोडल अधिकारी बनाए जाएंगे.

बैठक के दौरान स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि एसडीआरएफ और मुख्यमंत्री राहत कोष के साथ ही जिला योजना से भी जिलों को पर्याप्त धनराशि उपलब्ध कराई गई है, ताकि स्वास्थ्य सुविधाओं की व्यवस्थाओं को और बेहतर किया जा सके. यही नहीं अधिकारियों को क्वारंटाइन फेसिलिटी में सारी आवश्यक सुविधाएं और व्यवस्थाएं सुनिश्चित किए जाने के निर्देश भी दिए. इसके साथ ही उत्तराखंड प्रवासियों के साथ ही यहां रोके जाने वाले लोगों को जरूरी चीजों की कमी न हो और स्वच्छता का भी पूरा ध्यान रखा जाय, संबंधी दिशा-निर्देश भी दिए.

पढ़े: कोरोना का असर: कैंची धाम में इस बार नहीं लगेगा मेला, ये है मंदिर की महत्ता

यही नहीं प्रदेश में लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस मरीजों की संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों को जिलों में क्वारंटाइन सेंटरों की मॉनिटरिंग के लिए एडीएम स्तर के अधिकारी को नोडल बनाये जाने, क्वारंटाइन सेंटर में क्या-क्या सुविधाएं होनी चाहिए, उसकी लिस्टिंग करने की भी बात कही. उन्होंने कहा कि कोविड केयर सेंटर (सीसीसी) बहुत महत्वपूर्ण हैं, लिहाजा कोशिश की जाए कि यहां अधिक स्थान उपलब्ध हो, क्योंकि रेड जोन से आने वालों को संस्थागत क्वारंटाइन किया जाना जरूरी है.

कोरोना संक्रमण मरीजों की संख्या को बढ़ता देख उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग कार्मिकों की आवश्यकता के अनुसार, आउटसोर्सिंग से भी कर्मी को भर्ती कर सकती है. जिसमें विशेषज्ञ कर्मी को भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी. शासन स्तर पर सीसीसी, एमआईएस और लॉजिस्टिक के लिए नोडल अधिकारी तैनात किए गए हैं. जिलों में भी नोडल अधिकारी नियुक्त करते हुए उन्हें सक्रिय किया जाएगा. जिलों में फील्ड लेवल पर जो भी कठिनाइयां आती हैं, उन समस्याओं को शासन के संज्ञान में लाया जाएगा. जिसपर संज्ञान लेते हुए शासन उनकी समस्याओं का हल निकालेगा.

देहरादून: उत्तराखंड राज्य में दिन प्रतिदिन बढ़ रहे कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या को देखते हुए उत्तराखंड चिकित्सा स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने शासन के वरिष्ठ अधिकारियों और जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से कोविड-19 की समीक्षा की. बैठक के दौरान स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि कोविड-19 से प्रदेश की जनता को बचाने के लिए किसी भी प्रकार की कोई धन की कमी नहीं है. ऐसा निर्णय लिया गया कि सभी जिलों के क्वारंटाइन सेंटरों के लिए एसडीएम स्तर के नोडल अधिकारी बनाए जाएंगे.

बैठक के दौरान स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि एसडीआरएफ और मुख्यमंत्री राहत कोष के साथ ही जिला योजना से भी जिलों को पर्याप्त धनराशि उपलब्ध कराई गई है, ताकि स्वास्थ्य सुविधाओं की व्यवस्थाओं को और बेहतर किया जा सके. यही नहीं अधिकारियों को क्वारंटाइन फेसिलिटी में सारी आवश्यक सुविधाएं और व्यवस्थाएं सुनिश्चित किए जाने के निर्देश भी दिए. इसके साथ ही उत्तराखंड प्रवासियों के साथ ही यहां रोके जाने वाले लोगों को जरूरी चीजों की कमी न हो और स्वच्छता का भी पूरा ध्यान रखा जाय, संबंधी दिशा-निर्देश भी दिए.

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यही नहीं प्रदेश में लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस मरीजों की संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों को जिलों में क्वारंटाइन सेंटरों की मॉनिटरिंग के लिए एडीएम स्तर के अधिकारी को नोडल बनाये जाने, क्वारंटाइन सेंटर में क्या-क्या सुविधाएं होनी चाहिए, उसकी लिस्टिंग करने की भी बात कही. उन्होंने कहा कि कोविड केयर सेंटर (सीसीसी) बहुत महत्वपूर्ण हैं, लिहाजा कोशिश की जाए कि यहां अधिक स्थान उपलब्ध हो, क्योंकि रेड जोन से आने वालों को संस्थागत क्वारंटाइन किया जाना जरूरी है.

कोरोना संक्रमण मरीजों की संख्या को बढ़ता देख उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग कार्मिकों की आवश्यकता के अनुसार, आउटसोर्सिंग से भी कर्मी को भर्ती कर सकती है. जिसमें विशेषज्ञ कर्मी को भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी. शासन स्तर पर सीसीसी, एमआईएस और लॉजिस्टिक के लिए नोडल अधिकारी तैनात किए गए हैं. जिलों में भी नोडल अधिकारी नियुक्त करते हुए उन्हें सक्रिय किया जाएगा. जिलों में फील्ड लेवल पर जो भी कठिनाइयां आती हैं, उन समस्याओं को शासन के संज्ञान में लाया जाएगा. जिसपर संज्ञान लेते हुए शासन उनकी समस्याओं का हल निकालेगा.

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