देहरादून: उत्तराखंड में मतगणना को लेकर 24 घंटे से भी कम का समय बचा है. वहीं, मतगणना को लेकर दो दिन पूर्व से विभिन्न संस्थानों और संस्थाओं ने एग्जिट पोल किए हैं, जिस पर भाजपा और कांग्रेस सहित अन्य दल अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. वहीं, उत्तराखंड के परिपेक्ष्य में पूर्व से ही यहां पर चुनाव और मतदान को लेकर विभिन्न मुद्दों पर शोध कर रही संस्था एसडीसी फाउंडेशन ने एग्जिट पोल पर सवाल खड़े किए हैं.
एसडीसी फाउंडेशन का कहना है कि क्या उत्तराखंड के भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार यह एग्जिट पोल जनता के विश्वास पर खरा उतर रहे हैं या इनमें और सुधार की अभी आवश्यकता है. बता दें कि उत्तराखंड की एसडीसी फाउंडेशन चुनाव शुरू होने से अब तक लगातार मतदान सहित मतदाताओं की संख्या पर अपनी रिपोर्ट जारी कर रही है. वहीं, अब विभिन्न संस्थाओं और संस्थानों के एग्जिट पोल पर एसडीसी फाउंडेशन ने उत्तराखंड के भौगोलिक परिस्थितियों के परिपेक्ष्य में सवाल खड़े किये हैं.
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एसडीसी फाउंडेशन के अध्यक्ष अनूप नौटियाल का कहना है कि उत्तराखंड में 11 हजार से अधिक मतदान केंद्र हैं और इसमें 7 हजार से अधिक मतदान केंद्र ऐसे हैं, जिसमें 1 किमी से लेकर 20 किमी तक पैदल जाना पड़ता है. क्या उत्तराखंड के एग्जिट पोल करने वाले संस्थानों ने इस क्षेत्रों में जाकर जनता की राय पूछी है. उन्होंने कहा यह ऐसा प्रदेश है, जहां 32 सीट पर सरकार बनती है और 31 सीटों पर विपक्ष में बैठना पड़ता है. इसलिए 36 से 40 सीटों की रेंज के मानक पर भी सवाल उठता है.
नौटियाल का कहना है कि इसको लेकर उन्होंने जनता से राय मांगी तो 80 प्रतिशत लोग एग्जिट पोल पर विश्वास नहीं जताते हैं. वहीं, एसडीसी फाउंडेशन ने दावा किया कि जहां 2017 विधानसभा चुनाव में 11 सीटों पर जीत का मार्जिन 2000 से कम रहा है. वहीं, इस बार के चुनाव में 12 सीटों पर जीत का मार्जिन 5000 हजार से कम का रहेगा.