देहरादून/रुद्रप्रयाग: कोरोना संक्रमण के घटते ग्राफ के बीच प्रदेश सरकार ने बीती 2 अगस्त से कक्षा 9 से लेकर कक्षा बारहवीं तक के छात्रों के लिए स्कूलों को खोल दिया था. आज कक्षा 6 से लेकर कक्षा आठवीं तक के छात्रों के लिए भी स्कूल खोल दिए गए हैं. आज पहले दिन प्रदेश के सरकारी और निजी स्कूलों में महज 15 से 20% छात्र ही स्कूल पहुंचे.
वहीं, बात अगर छात्रों की करें तो वे भी लंबे समय बाद स्कूल खुलने से काफी उत्साहित नजर आये. ईटीवी भारत से बात करते हुए छात्रों ने बताया कि स्कूल पहुंचकर उन्हें काफी अच्छा लग रहा है. अब तक वे ऑनलाइन माध्यमों से पढ़ाई कर रहे थे, जिसमें कई बार नेटवर्क की दिक्कत होती है, जिसके कारण परेशानी होती है. इसके कारण उनकी पढ़ाई भी बाधित हो रही थी. अब स्कूल खुलने से वे अच्छे से पढ़ाई से कर सकेंगे. अपने दोस्तों से मिल सकेंगे.
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अगर बात प्रदेश के सरकारी और निजी स्कूलों की करें तो अभी भी स्कूल पहुंचने वाले छात्रों की संख्या बेहद कम है. ईटीवी भारत से बात करते हुए राजकीय बालिका इंटर कॉलेज राजपुर रोड की प्रधानाचार्य प्रेमलता बौड़ाई ने बताया कि स्कूल पहुंचने वाले छात्रों की संख्या में आने वाले दिनों में सुधार देखने को मिलेगा. 2 अगस्त से लेकर अब तक जबसे कक्षा 9 से लेकर 12वीं तक के छात्रों के लिए स्कूल खुले हैं तो स्कूल पहुंचने वाले छात्रों की संख्या 45% तक हो चुकी है. आज कक्षा 6 से लेकर कक्षा आठवीं तक के छात्रों के लिए पहले दिन स्कूल खुले हैं. पहले दिन महज 15% छात्र ही स्कूल पहुंचे.
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राजधानी देहरादून के जाने-माने निजी स्कूल दून इंटरनेशनल के प्रधानाचार्य दिनेश बर्थवाल ने बताया कि उनके स्कूल में कोविड-19 का पूरी तरह से पालन हो रहा है. इसके बावजूद कम ही अभिभावक छात्रों को स्कूल भेज रहे हैं. जिन कक्षाओं में छात्रों की संख्या में सुधार हुआ है उसमें कक्षा 10वीं और 12वीं कक्षा शामिल हैं. इसकी बड़ी वजह अगले साल होने वाली बोर्ड की परीक्षा है.
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वहीं, रुद्रप्रयाग के राउप्रावि डांगी गुनाऊ के प्रधानाचार्य हेमंत चैकियाल ने कहा स्कूल खुलने के पहले दिन 70 प्रतिशत बच्चे स्कूल पहुंचे हैं. बच्चों के स्कूल पहुंचने पर कोरोना गाइड लाइन का पूरा पालन करवाया जा रहा है. बच्चों को सैनिटाइज करने के साथ ही मास्क लगाकर पठन-पाठन करवाया जा रहा है. बच्चों को कोरोना की भी गाइडलाइंस के मुताबिक ही विद्यालय बुलाया जा रहा है. उन्हीं बच्चों को विद्यालय में आने की अनुमति दी जा रही है, जिनके अभिभावकों ने सहमति पत्र दिया है.