ऋषिकेश: एम्स ऋषिकेश में शुक्रवार को आयोजित बैठक में उत्तराखंड में मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया. इसके साथ ही स्थानीय उत्पादों को आगे बढ़ाने और आयुर्वेद के क्षेत्र में अनुसंधान की संभावनाओं पर भी चर्चा की गई. इस दौरान बैठक में सूबे के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने खासतौर पर शिरकत की.
शुक्रवार को पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज एम्स पहुंचे. उन्होंने एम्स में कोरोना संक्रमित मरीजों को दिए जा रहे बेहतर उपचार के लिए निदेशक प्रोफेसर रविकांत व अन्य चिकित्सकों का आभार जताया. एम्स निदेशक प्रो.रविकांत ने बताया कि उत्तराखंड में हर साल लाखों की संख्या में देश-दुनिया के पर्यटक पहुंचते हैं. ऐसे में एम्स संस्थान राज्य में मेडिकल टूरिज्म को आगे बढ़ाने की दिशा में कार्य करेगा. निदेशक एम्स ने बताया कि ऐसा करने से क्षेत्र में टूरिज्म को और अधिक बढ़ावा मिलेगा जिससे उत्तराखंड की आर्थिकी में इजाफा होगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.
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एम्स निदेशक ने बताया कि एम्स मुख्यतः एलोपैथिक संस्थान है मगर ऋषिकेश जैसे स्थान पर होने की वजह से इसमें आयुष के क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं. लिहाजा हमें आयुष और एलोपैथी का एक ऐसा होलिस्टिक प्रोग्राम तैयार करना होगा जिससे कि इस क्षेत्र में मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा मिल सके.
इस अवसर पर पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि बैठक में बहुत से मुद्दों पर चर्चा हुई है. इनमें मेडिकल टूरिज्म प्रमुख रूप से शामिल है, जिसे उत्तराखंड में आगे बढ़ाने पर विमर्श किया गया. उन्होंने बताया कि चर्चा में हमारे यहां उपलब्ध जड़ी-बूटियों पर अनुसंधान पर भी जोर दिया गया है. लिहाजा सरकार इन विषयों में रिसर्च कार्य को आगे बढ़ाने की दिशा में कार्य करेगी, जिससे राज्य को पर्यटन के साथ-साथ आर्थिक व अन्य रूप में भी लाभ मिल सके.
पर्यटन मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा इस विषय पर एम्स संस्थान के साथ मिलकर एक सेमिनार का आयोजन किया जाएगा. इसमें राज्य में मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा देने की संभावनाओं और आयुर्वेद के विकास के लिए विस्तृत खाका तैयार किया जाएगा, जिससे आगे चलकर अनुसंधान आदि माध्यमों से इस क्षेत्र में आगे सकारात्मक प्रगति हो सके.