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विभिन्न मांगों को लेकर सफाई कर्मियों का CM आवास कूच, 4 जनवरी को फिर करेंगे घेराव

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Published : Jan 2, 2022, 3:00 PM IST

Updated : Jan 2, 2022, 5:43 PM IST

विभिन्न मांगों को लेकर सफाई कर्मियों ने सीएम आवास कूच किया. हालांकि, पुलिस ने हाथीबड़कला में ही बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया. इसके बाद सफाई कर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी शुरू कर दी.

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देहरादून

देहरादून: नए साल के दूसरे दिन 2 जनवरी (रविवार) को सरकार पर अपनी मांगों को अनसुना किए जाने का आरोप लगाते हुए सफाई कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री आवास कूच किया. आवास कूच से पहले सफाई कर्मी नगर निगम में एकत्रित हुए और एक सभा का आयोजन किया.

अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सैकड़ों सफाई कर्मियों ने अखिल भारतीय सफाई मजदूर संघ के बैनर तले सीएम आवास कूच किया. इससे पहले सफाई कर्मचारी नगर निगम में एकत्रित हुए और वहां एक सभा का आयोजन किया. उसके बाद जुलूस की शक्ल में पैदल मार्च निकालते हुए हाथीबड़कला पहुंचे. जहां पहले से ही मौजूद पुलिस बल ने प्रदर्शनकारियों को बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया. इस दौरान सफाई कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी शुरू कर दी.

सफाई कर्मियों का CM आवास कूच

प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे अखिल भारतीय मजदूर संघ उत्तराखंड के अध्यक्ष विशाल बिरला का कहना है कि सरकार लगातार उनकी मांगों को अनसुना कर रही है. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में सफाई कर्मियों ने अपनी जान की परवाह किए बगैर आगे बढ़कर अपनी सेवाएं प्रदान की, लेकिन सरकार उनकी मांगों को लेकर गंभीर नहीं है. उन्होंने कहा कि सफाई कर्मचारी सरकार से मांग कर रहे हैं कि कोरोना ड्यूटी में कार्यरत व कोरोना संक्रमण से जान गंवा चुके सफाई कर्मचारियों के आश्रितों को शहीदों जैसा सम्मान पत्र दिया जाए और उन्हें 10-10 लाख का मुआवजा दिया जाए. इसके साथ ही उनके एक आश्रित को सरकारी नौकरी योग्यता अनुरूप दी जाए, लेकिन सरकार लगातार उनकी अनदेखी करती आ रही है. इसके विरोध में मुख्यमंत्री आवास कूच करने के लिए बाध्य होना पड़ा है.

ये भी पढ़ेंः लक्सर: मांग पूरी न होने पर पानी की टंकी पर चढ़े युवक, आश्वासन के बाद उतरे नीचे

सफाई कर्मचारियों के अन्य प्रमुख मांगेः मृतक आश्रित नियमावली में संशोधन सहित वन टाइम सेटेलमेंट जैसे काले कानून, नियमावली 2013, 2016 के शोषणकारी प्रावधान को समाप्त कर अनेकों हताहत कार्मिकों के आश्रितों को परिवार में सरकारी नौकरी होने पर भी अनुकंपा के आधार पर तुरंत नियुक्ति के आदेश जारी किए गए हैं. सभी सरकारी विभागों मे सफाई कार्य से ठेकेदारी जैसी कलंककारी प्रताप समाप्त करते हुए विभागीय संविदा पर सफाई कार्मिकों को नियुक्त करते हुए सम्मान जनक वेतन दिया जाए.

उत्तराखंड राज्य में घरों में कार्य करने वाले गृह सेवक/ सेविका को मानसिक शारीरिक उत्पीड़न व आर्थिक शोषण से बचाने के लिए समग्र विकास नीति बनाई जाए और इसका शासनादेश तुरंत जारी किया जाए. सरकारी विभागों के अलावा निजी क्षेत्रों में कार्य करने वाले सफाई कर्मचारियों के शोषण को रोकने के लिए उत्तराखंड सफाई सैनिक कल्याण निगम लिमिटेड (उसनल) का गठन करने के आदेश जारी किए जाएं.

4 जनवरी को फिर करेंगे घेराव: 11 सूत्रीय मांग पूरी न होने पर देवभूमि उत्तराखंड सफाई कर्मचारी संघ से जुड़े प्रदेश के सभी सफाई कर्मचारी मंगलवार 4 जनवरी को देहरादून में मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे.

उत्तराखंड देवभूमि सफाई कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों की हल्द्वानी में रविवार को बैठक हुई. जिसमें 4 जनवरी को मुख्यमंत्री आवास घेरने का निर्णय लिया गया है. जिसमें प्रदेश से भारी संख्या में सफाई कर्मचारी पहुंचेंगे. देवभूमि सफाई संघ के प्रदेश अध्यक्ष राहत मसीह ने बताया कि निकायों में ठेका प्रथा समाप्त करने समेत 11 सूत्रीय मांगों को लेकर संघ लंबे समय से संघर्ष कर रहा है. लेकिन, सरकार उनकी मांगों को अनसूना कर रहा है. ऐसे में मजबूरन सफाई कर्मचारी मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे.

देहरादून: नए साल के दूसरे दिन 2 जनवरी (रविवार) को सरकार पर अपनी मांगों को अनसुना किए जाने का आरोप लगाते हुए सफाई कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री आवास कूच किया. आवास कूच से पहले सफाई कर्मी नगर निगम में एकत्रित हुए और एक सभा का आयोजन किया.

अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सैकड़ों सफाई कर्मियों ने अखिल भारतीय सफाई मजदूर संघ के बैनर तले सीएम आवास कूच किया. इससे पहले सफाई कर्मचारी नगर निगम में एकत्रित हुए और वहां एक सभा का आयोजन किया. उसके बाद जुलूस की शक्ल में पैदल मार्च निकालते हुए हाथीबड़कला पहुंचे. जहां पहले से ही मौजूद पुलिस बल ने प्रदर्शनकारियों को बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया. इस दौरान सफाई कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी शुरू कर दी.

सफाई कर्मियों का CM आवास कूच

प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे अखिल भारतीय मजदूर संघ उत्तराखंड के अध्यक्ष विशाल बिरला का कहना है कि सरकार लगातार उनकी मांगों को अनसुना कर रही है. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में सफाई कर्मियों ने अपनी जान की परवाह किए बगैर आगे बढ़कर अपनी सेवाएं प्रदान की, लेकिन सरकार उनकी मांगों को लेकर गंभीर नहीं है. उन्होंने कहा कि सफाई कर्मचारी सरकार से मांग कर रहे हैं कि कोरोना ड्यूटी में कार्यरत व कोरोना संक्रमण से जान गंवा चुके सफाई कर्मचारियों के आश्रितों को शहीदों जैसा सम्मान पत्र दिया जाए और उन्हें 10-10 लाख का मुआवजा दिया जाए. इसके साथ ही उनके एक आश्रित को सरकारी नौकरी योग्यता अनुरूप दी जाए, लेकिन सरकार लगातार उनकी अनदेखी करती आ रही है. इसके विरोध में मुख्यमंत्री आवास कूच करने के लिए बाध्य होना पड़ा है.

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सफाई कर्मचारियों के अन्य प्रमुख मांगेः मृतक आश्रित नियमावली में संशोधन सहित वन टाइम सेटेलमेंट जैसे काले कानून, नियमावली 2013, 2016 के शोषणकारी प्रावधान को समाप्त कर अनेकों हताहत कार्मिकों के आश्रितों को परिवार में सरकारी नौकरी होने पर भी अनुकंपा के आधार पर तुरंत नियुक्ति के आदेश जारी किए गए हैं. सभी सरकारी विभागों मे सफाई कार्य से ठेकेदारी जैसी कलंककारी प्रताप समाप्त करते हुए विभागीय संविदा पर सफाई कार्मिकों को नियुक्त करते हुए सम्मान जनक वेतन दिया जाए.

उत्तराखंड राज्य में घरों में कार्य करने वाले गृह सेवक/ सेविका को मानसिक शारीरिक उत्पीड़न व आर्थिक शोषण से बचाने के लिए समग्र विकास नीति बनाई जाए और इसका शासनादेश तुरंत जारी किया जाए. सरकारी विभागों के अलावा निजी क्षेत्रों में कार्य करने वाले सफाई कर्मचारियों के शोषण को रोकने के लिए उत्तराखंड सफाई सैनिक कल्याण निगम लिमिटेड (उसनल) का गठन करने के आदेश जारी किए जाएं.

4 जनवरी को फिर करेंगे घेराव: 11 सूत्रीय मांग पूरी न होने पर देवभूमि उत्तराखंड सफाई कर्मचारी संघ से जुड़े प्रदेश के सभी सफाई कर्मचारी मंगलवार 4 जनवरी को देहरादून में मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे.

उत्तराखंड देवभूमि सफाई कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों की हल्द्वानी में रविवार को बैठक हुई. जिसमें 4 जनवरी को मुख्यमंत्री आवास घेरने का निर्णय लिया गया है. जिसमें प्रदेश से भारी संख्या में सफाई कर्मचारी पहुंचेंगे. देवभूमि सफाई संघ के प्रदेश अध्यक्ष राहत मसीह ने बताया कि निकायों में ठेका प्रथा समाप्त करने समेत 11 सूत्रीय मांगों को लेकर संघ लंबे समय से संघर्ष कर रहा है. लेकिन, सरकार उनकी मांगों को अनसूना कर रहा है. ऐसे में मजबूरन सफाई कर्मचारी मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे.

Last Updated : Jan 2, 2022, 5:43 PM IST
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