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गढ़वाली कवि संदीप रावत की 'कोरोना बैरी' ऐसे कर रही कोरोना से बचाव को लेकर जागरुक - Garhwali poet Sandeep Rawat

प्रदेश में कोरोना वायरस से बचाव एंव रोकथाम के लिए सोशल मीडिया के जरिए लोग जागरुक कर रहे हैं. ऐसे में गढ़वाली कवि एवं शिक्षक संदीप रावत ने कोरोना वायरस से बचाव के लिए गढ़वाली भाषा में कोरोनो बैरी रचना के जरिए जागरुक कर रहे हैं. विज्ञान के शिक्षक संदीप रावत की रचनाओं में झलकता है उनका गढ़वाली भाषा के प्रति प्रेम और समर्पण

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गढ़वाली कवि एवं शिक्षक संदीप रावत
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Published : May 2, 2020, 5:27 PM IST

Updated : May 2, 2020, 5:41 PM IST

देहरादून: कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए देश में 17 मई तक लॉकडाउन चल रहा है. ऐसे में राजधानी देहरादून के रहने वाले संदीप रावत द्वारा गढ़वाली भाषा में कोरोनो बैरी रचना की गई है. जो कि कोरोना संक्रमण के प्रति गढ़वाली भाषा में लोगों को जागरुक कर रहे हैं.

गढ़वाली कवि संदीप रावत की 'कोरोना बैरी' ऐसे कर रही कोरोना से बचाव को लेकर जागरुक

एक तरफ जहां देश कोरोना महामारी से जंग लड़ रहा है. वहीं, दूसरी तरफ इस मुश्किल दौर में लेखक और कवि अपनी रचनाओं के माध्यम से कोरोना महामारी के प्रति जन जागृति का काम लगातार कर रहे हैं. इसी कड़ी में उत्तराखंड के गढ़वाली लेखक और रचनाकार संदीप रावत द्वारा भी कोरोना वायरस को लेकर गढ़वाली में 'कोरोना बैरी' की रचना की है. जिसमें कोरोना को लेकर संदेश दिया गया है.

ये भी पढ़ें: बदरीनाथ के कपाट खुलने की तैयारियां तेज, PM मोदी के नाम की होगी पहली पूजा

बता दें कि संदीप रावत गढ़वाली भाषा के लेखक हैं, उन्होंने कई काव्य संग्रह भी लिखे हैं. उनकी अब तक चार गढ़वाली पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं. "एक लपाग" गढ़वाली कविता-गीत संग्रह, गढ़वाली भाषा अर साहित्य कि विकास जात्रा, लोक का बाना (गढ़वाली आलेख संग्रह ), उदरोल ( गढ़वाली कथा संग्रह ) कुछ इनकी प्रमुख पुस्तकें हैं. वहीं इसके अलावा वो कई मंचों पर काव्य पाठ भी कर चुके हैं.

देहरादून: कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए देश में 17 मई तक लॉकडाउन चल रहा है. ऐसे में राजधानी देहरादून के रहने वाले संदीप रावत द्वारा गढ़वाली भाषा में कोरोनो बैरी रचना की गई है. जो कि कोरोना संक्रमण के प्रति गढ़वाली भाषा में लोगों को जागरुक कर रहे हैं.

गढ़वाली कवि संदीप रावत की 'कोरोना बैरी' ऐसे कर रही कोरोना से बचाव को लेकर जागरुक

एक तरफ जहां देश कोरोना महामारी से जंग लड़ रहा है. वहीं, दूसरी तरफ इस मुश्किल दौर में लेखक और कवि अपनी रचनाओं के माध्यम से कोरोना महामारी के प्रति जन जागृति का काम लगातार कर रहे हैं. इसी कड़ी में उत्तराखंड के गढ़वाली लेखक और रचनाकार संदीप रावत द्वारा भी कोरोना वायरस को लेकर गढ़वाली में 'कोरोना बैरी' की रचना की है. जिसमें कोरोना को लेकर संदेश दिया गया है.

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बता दें कि संदीप रावत गढ़वाली भाषा के लेखक हैं, उन्होंने कई काव्य संग्रह भी लिखे हैं. उनकी अब तक चार गढ़वाली पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं. "एक लपाग" गढ़वाली कविता-गीत संग्रह, गढ़वाली भाषा अर साहित्य कि विकास जात्रा, लोक का बाना (गढ़वाली आलेख संग्रह ), उदरोल ( गढ़वाली कथा संग्रह ) कुछ इनकी प्रमुख पुस्तकें हैं. वहीं इसके अलावा वो कई मंचों पर काव्य पाठ भी कर चुके हैं.

Last Updated : May 2, 2020, 5:41 PM IST
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