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नकली मावा फैक्ट्री मामला: सामने आई ये चौंकाने वाली जांच, आरोपियों पर कसा शिकंजा

देहरादून में मिलावटखोरों के खिलाफ की गई कार्रवाई के बाद उत्तराखंड पुलिस और खाद्य सुरक्षा विभाग सतर्क हो गया है. साथ ही त्योहार के सीजन को देखते हुए 1 अक्टूबर से लेकर 31 अक्टूबर तक मिलावटखोरों के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया है. जिससे मिलावटखोरों पर लगाम लग सके.

अशोक कुमार
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Published : Oct 8, 2019, 9:16 AM IST

Updated : Oct 8, 2019, 9:24 AM IST

देहरादून: पटेलनगर थाना पुलिस ने पिछले दिनों क्षेत्र के भुड्डी गांव में नकली नकली घी, पनीर और मावा बनाने वाली फैक्ट्री पकड़ी थी. अब इस मामले में पुलिस की कार्रवाई को बल मिला है. नकली दूध से बने सभी खाद्य पदार्थों के सैंपल रुद्रपुर लैब में फेल साबित हुए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक सेहत के लिए हानिकारक पाए गए हैं. जिसके बाद पुलिस महानिदेशक का कहना है कि समाज में ऐसे लोगों के लिए कोई जगह नहीं है. मामले की गंभीरता को देखते हुए खाद्य सामग्रियों में मिलावट और नकली पदार्थों की बिक्री को रोकने की दिशा में पहली बार 1 अक्टूबर से लेकर 31 अक्टूबर तक अभियान शुरू कर दिया है.

अब मिलावटखोरों की खैर नहीं

बता दें, 3 सितंबर को देहरादून एसपी सिटी श्वेता चौबे ने भारी पुलिस बल के साथ थाना पटेलनगर क्षेत्र के शिमला बाईपास रोड भुड्डी गांव के पास नकली दूध पनीर, मावा फैक्ट्री में छापेमारी की थी. जहां भारी मात्रा में जहरीला दूध बनाने का कच्चा माल, यूरिया डिटर्जेंट केमिकल बरामद हुआ था. इस मामले में पुलिस ने फैक्ट्री संचालक समेत 5 लोगों को जेल भेजा जा चुका है. आरोपियों के खिलाफ आजीवन कारावास जैसी गंभीर धाराएं होने के चलते अभी तक आरोपियों की जमानत तक नहीं हो पाई है. वहीं, रुद्रपुर लैब से सैंपल रिपोर्ट आने के बाद अब पुलिस आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने में जुट गई है.

इस मामले में पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार का कहना है कि खाद्य पदार्थों को पौष्टिक बताकर जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वालों के लिए समाज में कोई जगह नहीं है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से पुलिस ने 1999 में संशोधन किए गए एक्ट के तहत मिलावट खोर और नकली सामग्री बेचने वालों के खिलाफ सख्त आजीवन कारावास वाली धाराएं लगाई हैं. उसको रुद्रपुर की रिपोर्ट से बल मिलेगा. आने वाले दिनों में पुलिस नकली और मिलावटी खोरों के खिलाफ इसी तरह से सख्त धाराओं में कार्रवाई करेगी, जिससे लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके और मिलावट के गोरखधंधे पर रोक लगाई जा सके.

पढ़ें- IMPACT: नकली मावा फैक्ट्री मामले में आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती धाराओं में केस दर्ज

त्योहार का सीजन शुरू हो गया है, ऐसे में उत्तराखंड पुलिस भी सतर्क हो गई है. पुलिस ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए खाद्य सामग्रियों में मिलावट और नकली पदार्थों की बिक्री को रोकने की दिशा में पहली बार 1 अक्टूबर से लेकर 31 अक्टूबर तक अभियान शुरू कर दिया है. अब देखना होगा कि पुलिस का यह अभियान आखिर कितना सफल साबित होता है.

देहरादून: पटेलनगर थाना पुलिस ने पिछले दिनों क्षेत्र के भुड्डी गांव में नकली नकली घी, पनीर और मावा बनाने वाली फैक्ट्री पकड़ी थी. अब इस मामले में पुलिस की कार्रवाई को बल मिला है. नकली दूध से बने सभी खाद्य पदार्थों के सैंपल रुद्रपुर लैब में फेल साबित हुए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक सेहत के लिए हानिकारक पाए गए हैं. जिसके बाद पुलिस महानिदेशक का कहना है कि समाज में ऐसे लोगों के लिए कोई जगह नहीं है. मामले की गंभीरता को देखते हुए खाद्य सामग्रियों में मिलावट और नकली पदार्थों की बिक्री को रोकने की दिशा में पहली बार 1 अक्टूबर से लेकर 31 अक्टूबर तक अभियान शुरू कर दिया है.

अब मिलावटखोरों की खैर नहीं

बता दें, 3 सितंबर को देहरादून एसपी सिटी श्वेता चौबे ने भारी पुलिस बल के साथ थाना पटेलनगर क्षेत्र के शिमला बाईपास रोड भुड्डी गांव के पास नकली दूध पनीर, मावा फैक्ट्री में छापेमारी की थी. जहां भारी मात्रा में जहरीला दूध बनाने का कच्चा माल, यूरिया डिटर्जेंट केमिकल बरामद हुआ था. इस मामले में पुलिस ने फैक्ट्री संचालक समेत 5 लोगों को जेल भेजा जा चुका है. आरोपियों के खिलाफ आजीवन कारावास जैसी गंभीर धाराएं होने के चलते अभी तक आरोपियों की जमानत तक नहीं हो पाई है. वहीं, रुद्रपुर लैब से सैंपल रिपोर्ट आने के बाद अब पुलिस आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने में जुट गई है.

इस मामले में पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार का कहना है कि खाद्य पदार्थों को पौष्टिक बताकर जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वालों के लिए समाज में कोई जगह नहीं है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से पुलिस ने 1999 में संशोधन किए गए एक्ट के तहत मिलावट खोर और नकली सामग्री बेचने वालों के खिलाफ सख्त आजीवन कारावास वाली धाराएं लगाई हैं. उसको रुद्रपुर की रिपोर्ट से बल मिलेगा. आने वाले दिनों में पुलिस नकली और मिलावटी खोरों के खिलाफ इसी तरह से सख्त धाराओं में कार्रवाई करेगी, जिससे लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके और मिलावट के गोरखधंधे पर रोक लगाई जा सके.

पढ़ें- IMPACT: नकली मावा फैक्ट्री मामले में आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती धाराओं में केस दर्ज

त्योहार का सीजन शुरू हो गया है, ऐसे में उत्तराखंड पुलिस भी सतर्क हो गई है. पुलिस ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए खाद्य सामग्रियों में मिलावट और नकली पदार्थों की बिक्री को रोकने की दिशा में पहली बार 1 अक्टूबर से लेकर 31 अक्टूबर तक अभियान शुरू कर दिया है. अब देखना होगा कि पुलिस का यह अभियान आखिर कितना सफल साबित होता है.

Intro:summary- पिछले दिनों भंड़ाफोड़ हुए- नकली पनीर,मावा और घी फेक्ट्री के सेम्पल लैब रिपोर्ट में सेहत के लिए पूरी तरह हानिकारक ,तो क्या देहरादून वासी मीठा जहर का सेवन कर रहे थे, रिपोर्ट में सभी सेम्पल सेहत के लिए हानिकारक. रिपोर्ट से पुलिस की सख्त कार्रवाई को मिला बल, अब खाद्य सुरक्षा विभाग की आरोपियों के खिलाफ अलग से कड़ी कार्रवाई कर रहा हैं।

पिछले दिनों थाना पटेलनगर क्षेत्र के अंतर्गत भुड्डी ग्रामीण इलाकें भंडाफोड़ हुए नकली- मावा, पनीर और घी फैक्ट्री के सभी सैंपल पूरी तरह फेल (अनसेफ) साबित हुए हैं, यानी नकली दूध से बने सभी खाद्य पदार्थों के सैंपल रुद्रपुर लैब रिपोर्ट के मुताबिक सेहत के लिए हानिकारक पाए गए हैं। ऐसे में इस रिपोर्ट के अनुसार देहरादून वासी पनीर,मावा और शुद्ध देशी घी के नाम पर मीठा जहर का सेवन कर रहे थे।
उधर पुलिस पहले ही इस मामलें पर आरोपित गिरोह के खिलाफ आजीवन सजा जैसी धाराओं में कार्रवाई कर अभियुक्तों को जेल भेज चुका हैं। अब खाद्य विभाग के रुद्रपुर लैब से भी सैंपल रिपोर्ट पूरी तरह से सेहत के लिए हानिकारक आने के बाद खाद्य सुरक्षा विभाग जेल में बंद आरोपियों के खिलाफ अलग से कानूनी कार्रवाई करने में जुटा हैं।


Body:सेम्पल रिपोर्ट के आधार पर पुलिस कार्रवाई को मिलेगा बल

बता दे कि,पटेलनगर के भुड्डी गांव में नकली दूध फैक्ट्री का भंडाफोड़ कर देहरादून पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ बीते अगस्त माह में इतनी सख्त धाराएं 272,273,275 लगाई थी जो आईपीसी के तहत आजीवन कारावास में तहत आती हैं। इसी के चलते अभी तक आरोपियों की जमानत नहीं हो सकी। उधर अब रुद्रपुर लैब से इस मामलें पर नकली दूध के सभी खाद्य पदार्थों के सैंपल पूर्ण रूप से सेहत के लिए हानिकारक व फेल साबित होने के बाद पुलिस की कार्यवाही को और अधिक बल मिला है।

इस मामले में उत्तराखंड में अलग-अलग खाद्य सामग्रियों में मिलावट पर नकली पदार्थों की बिक्री को रोकने की दिशा में पुलिस मुख्यालय द्वारा 1 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक पहली बार त्योहारी सीजन में मिलावट खोरो के खिलाफ सख्त अभियान चलाया हुआ है। उधर रुद्रपुर से नकली पनीर मावा की के सैंपल पूरी तरह से अनसेफ आने के बाद पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि खाद्य पदार्थों को पोस्टिक बताकर जनता के जीवन से खिलवाड़ करने वालों के लिए समाज में कोई जगह नहीं है ...डीजी ने कहा कि,जिस तरह से पुलिस ने 1999 में संशोधन किए गए एक्ट के तहत मिलावट खोर और नकली सामग्री बेचने वालों के खिलाफ सख्त आजीवन कारावास वाली धाराएं लगाई है उसको रुद्रपुर की रिपोर्ट से और अधिक बल मिलेगा। आने वाले दिनों में पुलिस नकली और मिलावटी खोरों के खिलाफ इसी तरह से सख्त धाराओं में कार्यवाही करेगी ताकि जनता के जीवन से खिलवाड़ करने वालों को लंबी सजा दिलाकर इस गोरखधंधे पर रोक लगाई जा सके।

बाइट- अशोक कुमार महानिदेशक अपराध व कानून व्यवस्था


Conclusion:उधर नकली दूध पनीर मावा की के सैंपल पहली बार पूरी तरह से सेहत के लिए हानिकारक रिपोर्ट आने के बाद अब खाद्य सुरक्षा विभाग भी जेल में बंद आरोपियों के खिलाफ अलग से कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी में जुटा है। ताकि पोस्टिक आहारों के रूप में नकली खाद्य सामग्री परोसने वाले लोगों पर प्रभावी अंकुश लग सके.

बाइट - गणेश कंडवाल ,जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी देहरादून
Last Updated : Oct 8, 2019, 9:24 AM IST
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