देहरादून: पटेलनगर थाना पुलिस ने पिछले दिनों क्षेत्र के भुड्डी गांव में नकली नकली घी, पनीर और मावा बनाने वाली फैक्ट्री पकड़ी थी. अब इस मामले में पुलिस की कार्रवाई को बल मिला है. नकली दूध से बने सभी खाद्य पदार्थों के सैंपल रुद्रपुर लैब में फेल साबित हुए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक सेहत के लिए हानिकारक पाए गए हैं. जिसके बाद पुलिस महानिदेशक का कहना है कि समाज में ऐसे लोगों के लिए कोई जगह नहीं है. मामले की गंभीरता को देखते हुए खाद्य सामग्रियों में मिलावट और नकली पदार्थों की बिक्री को रोकने की दिशा में पहली बार 1 अक्टूबर से लेकर 31 अक्टूबर तक अभियान शुरू कर दिया है.
बता दें, 3 सितंबर को देहरादून एसपी सिटी श्वेता चौबे ने भारी पुलिस बल के साथ थाना पटेलनगर क्षेत्र के शिमला बाईपास रोड भुड्डी गांव के पास नकली दूध पनीर, मावा फैक्ट्री में छापेमारी की थी. जहां भारी मात्रा में जहरीला दूध बनाने का कच्चा माल, यूरिया डिटर्जेंट केमिकल बरामद हुआ था. इस मामले में पुलिस ने फैक्ट्री संचालक समेत 5 लोगों को जेल भेजा जा चुका है. आरोपियों के खिलाफ आजीवन कारावास जैसी गंभीर धाराएं होने के चलते अभी तक आरोपियों की जमानत तक नहीं हो पाई है. वहीं, रुद्रपुर लैब से सैंपल रिपोर्ट आने के बाद अब पुलिस आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने में जुट गई है.
इस मामले में पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार का कहना है कि खाद्य पदार्थों को पौष्टिक बताकर जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वालों के लिए समाज में कोई जगह नहीं है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से पुलिस ने 1999 में संशोधन किए गए एक्ट के तहत मिलावट खोर और नकली सामग्री बेचने वालों के खिलाफ सख्त आजीवन कारावास वाली धाराएं लगाई हैं. उसको रुद्रपुर की रिपोर्ट से बल मिलेगा. आने वाले दिनों में पुलिस नकली और मिलावटी खोरों के खिलाफ इसी तरह से सख्त धाराओं में कार्रवाई करेगी, जिससे लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके और मिलावट के गोरखधंधे पर रोक लगाई जा सके.
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त्योहार का सीजन शुरू हो गया है, ऐसे में उत्तराखंड पुलिस भी सतर्क हो गई है. पुलिस ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए खाद्य सामग्रियों में मिलावट और नकली पदार्थों की बिक्री को रोकने की दिशा में पहली बार 1 अक्टूबर से लेकर 31 अक्टूबर तक अभियान शुरू कर दिया है. अब देखना होगा कि पुलिस का यह अभियान आखिर कितना सफल साबित होता है.