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ऋषिकेश की मेयर को मिला संतों का साथ, औरेंज सिटी के समर्थन में निकाली रैली

तीर्थ नगरी को भगवा रंग में रंगने के महापौर के प्रस्ताव का समर्थन करते हुए संत समाज ने नगर में रैली निकाली. संतों ने निगम से लेकर शहर के तमाम बाजारों को ऑरेंज सिटी (भगवा रंग) में रंगने की मांग को लेकर अखिल भारतीय संत समिति के बैनर तले यह रैली निकाली.

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Published : Mar 17, 2021, 6:56 AM IST

ऋषिकेश: तीर्थ नगरी को भगवा रंग में रंगने के महापौर के प्रस्ताव का समर्थन करते हुए संत समाज ने नगर में रैली निकाली. संतों ने निगम से लेकर शहर के तमाम बाजारों को ऑरेंज सिटी (भगवा रंग) में रंगने की मांग को लेकर अखिल भारतीय संत समिति के बैनर तले यह रैली निकाली.

तीर्थ नगरी को भगवा रंग में रंगने के प्रस्ताव पर संतों ने महापौर का किया समर्थन.
ऋषिकेश को भगवा रंग में रंगने के महापौर के प्रयासों को कुछ भाजपा के पार्षदों का समर्थन नहीं मिला था. लेकिन विभिन्न संस्थाओं के साथ शहर का संत समाज इस मुद्दे पर मेयर के साथ खड़ा दिखाई दे रहा है. संत समाज ने निगम से लेकर शहर के तमाम बाजारों को ऑरेंज सिटी (भगवा रंग) में रंगने की मांग को लेकर अखिल भारतीय संत समिति के बैनर तले रैली निकाली. इस दौरान संतों ने गंगा तट, त्रिवेणी घाट पर गंगा की पूजा कर ऋषिकेश को भगवा रंग में रंगने के संकल्प लिया. साथ ही यहां स्थित मंदिर को भगवा रंग में रंग दिया.

पढ़ें: बोर्ड बैठक में पार्षदों का वॉकआउट, मेयर के 'भगवा' सिटी प्रस्ताव को भाजपाइयों ने ही ठुकराया

बता दें कि, इससे पूर्व मंगलवार की दोपहर बड़ी भारी संख्या में शहर के धर्माचार्य, संत, महात्मा और महामंडलेश्वर निगम कार्यालय पहुंचे. जहां महापौर के ऋषिकेश को भगवा रंग में रंगने के प्रस्ताव का स्वागत करते हुए उन्हें इस बाबत अपने पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया. इस दौरान महापौर अनिता ममगाईं ने कहा कि इस मुद्दे पर वह जनमत संग्रह कराया जाएगा. उन्होंने ऑरेंज सिटी को लेकर विरोध कर रहे पार्षदों पर एक जनप्रतिनिधि के हाथों में खेलने का आरोप भी जड़ा है. उन्होंने कहा कि देवभूमि को भगवा रंग से सजाने का प्रस्ताव शहर के पौराणिक महत्व को ध्यान में रखकर लाया गया है. उन्होंने आगे कहा कि देवभूमि की पहचान आदिकाल से साधु-संतों की तप स्थली के रूप में रही है.

ऋषिकेश: तीर्थ नगरी को भगवा रंग में रंगने के महापौर के प्रस्ताव का समर्थन करते हुए संत समाज ने नगर में रैली निकाली. संतों ने निगम से लेकर शहर के तमाम बाजारों को ऑरेंज सिटी (भगवा रंग) में रंगने की मांग को लेकर अखिल भारतीय संत समिति के बैनर तले यह रैली निकाली.

तीर्थ नगरी को भगवा रंग में रंगने के प्रस्ताव पर संतों ने महापौर का किया समर्थन.
ऋषिकेश को भगवा रंग में रंगने के महापौर के प्रयासों को कुछ भाजपा के पार्षदों का समर्थन नहीं मिला था. लेकिन विभिन्न संस्थाओं के साथ शहर का संत समाज इस मुद्दे पर मेयर के साथ खड़ा दिखाई दे रहा है. संत समाज ने निगम से लेकर शहर के तमाम बाजारों को ऑरेंज सिटी (भगवा रंग) में रंगने की मांग को लेकर अखिल भारतीय संत समिति के बैनर तले रैली निकाली. इस दौरान संतों ने गंगा तट, त्रिवेणी घाट पर गंगा की पूजा कर ऋषिकेश को भगवा रंग में रंगने के संकल्प लिया. साथ ही यहां स्थित मंदिर को भगवा रंग में रंग दिया.

पढ़ें: बोर्ड बैठक में पार्षदों का वॉकआउट, मेयर के 'भगवा' सिटी प्रस्ताव को भाजपाइयों ने ही ठुकराया

बता दें कि, इससे पूर्व मंगलवार की दोपहर बड़ी भारी संख्या में शहर के धर्माचार्य, संत, महात्मा और महामंडलेश्वर निगम कार्यालय पहुंचे. जहां महापौर के ऋषिकेश को भगवा रंग में रंगने के प्रस्ताव का स्वागत करते हुए उन्हें इस बाबत अपने पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया. इस दौरान महापौर अनिता ममगाईं ने कहा कि इस मुद्दे पर वह जनमत संग्रह कराया जाएगा. उन्होंने ऑरेंज सिटी को लेकर विरोध कर रहे पार्षदों पर एक जनप्रतिनिधि के हाथों में खेलने का आरोप भी जड़ा है. उन्होंने कहा कि देवभूमि को भगवा रंग से सजाने का प्रस्ताव शहर के पौराणिक महत्व को ध्यान में रखकर लाया गया है. उन्होंने आगे कहा कि देवभूमि की पहचान आदिकाल से साधु-संतों की तप स्थली के रूप में रही है.

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