देहरादून: देश दुनिया में कोरोना वायरस से हाहाकार मचा हुआ है. वहीं देश में कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों की संख्या 3 हज़ार पार है. लिहाजा, केंद्र सरकार कोरोना वायरस से बचने को लेकर तमाम एडवाइजरी जारी कर रही है और साथ ही लोगों को सोशल डिस्टेंस का पालन करने की बात कर रही है.
वहीं दूसरी ओर देहरादून के संत एवं कथा वाचक गोपाल मणि कोरोना वायरस से बचने के लिए गोबर और गोमूत्र को ब्रह्मास्त्र बता रहे हैं. यही नहीं उनका कहना है कि गोबर और गोमूत्र के मिश्रण से स्नान कर कोरोना वायरस को देश से दूर भगा सकते हैं. लिहाजा सरकारों को इस पर रिसर्च करना चाहिए.
संत एवं कथा वाचक गोपाल मणि ने पहले गाय के गोबर व मलमूत्र से स्नान किया और शीर्षासन किया. संत गोपाल मणि ने कहा कि शीर्षासन करने का उद्देश्य यह है कि देश के शीर्ष स्थानों के जो लोग हैं, उन तक ये संदेश पहुंचाना है कि कोरोना वायरस से बचने के लिए हमारे पास एकमात्र ब्रह्मास्त्र गाय का गोबर और गोमूत्र है. जो कोरोना महामारी से जनता को बचा सकता है. इस उपाय से कोरोना वायरस को हराया जा सकता है.
इसके साथ ही 5 अप्रैल को प्रधानमंत्री ने देश की जनता से रात 9 बजे दीपक, मोमबत्ती, टॉर्च और मोबाइल का फ़्लैश लाइट जलाने का आह्वान किया है. उसका देश की जनता समर्थन करती है. वह प्रधानमंत्री और शासन के माध्यम से आग्रह करते हैं कि क्यों ना गोबर और गोमूत्र का भी उपयोग किया जाए. जिससे इस महामारी से देश की जनता को बचाया जा सके.
यह गुप्त ब्रह्मास्त्र केवल हमारे पास ही है और यह गुप्त ब्रह्मास्त्र कोरोना वायरस जैसी गुप्त शत्रु को मारने के लिए है.
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यही नहीं संत गोपाल मणि ने कहा कि गाय को अंग्रेजी में cow कहते हैं और cow में c का मतलब है corona, O का मतलब है out from और W का मतलब world है. यानी विश्व से इस बीमारी को दूर करने के लिए औषधि सिर्फ गाय के पास है और यह संदेश वह देश की जनता को देना चाहते हैं. यही नहीं संत ने दावा किया कि अगर वैज्ञानिक गाय के गोबर और गोमूत्र पर रिसर्च करें तो उन्हें पता चलेगा कि कोरोना को दूर करने में गोबर और गोमूत्र रामबाण साबित होगा.