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सेफ्टी फर्स्ट कार्निवल-2020 का हुआ आगाज, 100 स्कूल होंगे लाभांवित

देहरादून में सीड संस्था की ओर से सेफ्टी फर्स्ट कार्निवल-2020 का आयोजन किया जा रहा है. इसके तहत प्रदेश के 100 स्कूलों में आपदा प्रबंधन से जुड़े प्रशिक्षण समेत तमाम विषयों पर जागरुकता कार्यक्रम चलाया जाएगा.

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सेफ्टी फर्स्ट कार्निवाल
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Published : Jan 22, 2020, 7:57 PM IST

देहरादूनः राजधानी दून में सेफ्टी फर्स्ट कार्निवल-2020 का आगाज हो गया है. इस कार्निवल का शुभारंभ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत कर की. इस दौरान उन्होंने सीड संस्था की इस आयोजन के लिए सराहना की. वहीं, स्कूल सुरक्षा कार्यक्रम के तहत हरिद्वार और देहरादून में 100 सरकारी स्कूल लाभांवित होंगे. जिसमें करीब 31 हजार छात्र-छात्राओं, 50 हजार अभिभावकों और 700 शिक्षकों को कवर किया जाएगा.

सेफ्टी फर्स्ट कार्निवल का आगाज.

दरअसल, सीड संस्था सीएसआर फंड के तहत प्रदेश के 100 स्कूलों में आपदा प्रबंधन से जुड़े प्रशिक्षण समेत तमाम विषयों पर कार्यक्रम चला रही है. जिसे लेकर सरकार के साथ एक एमओयू साइन भी हुआ है. स्कूल प्रोग्राम के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए सेफ्टी फर्स्ट कार्निवल का आयोजन किया गया है. जबकि, स्कूल प्रोग्राम को साल 2017 में पहली बार दिल्ली सरकार ने 50 स्कूलों में शुरू किया था.

ये भी पढ़ेंः CBSE Borad Exam: दून रीजन में 1.42 लाख छात्र देंगे परीक्षा, दिव्यांग छात्रों के लिए विशेष इंतजाम

यह प्रोग्राम प्रत्येक स्कूल और विभिन्न मुद्दों को संबोधित करने के लिए जरूरत के अनुसार दृष्टिकोण प्रदान करता है. इस कार्यक्रम के तहत इंजीनियर और वास्तुकार स्कूल का संरचनात्मक मूल्यांकन करते हैं. साथ ही किसी भी प्राकृतिक या मानव निर्मित आपदा की स्थिति के दौरान तैयारियों की भी जांच की जाती है.

वहीं, बाद में सीड के विशेषज्ञ बच्चों, स्कूलों और समुदाय के साथ मिलकर उन्हें आपदा से निपटने और जोखिम कम करने का प्रशिक्षण देते हैं. इतना ही नहीं स्कूलों में जरूरी मरम्मत के काम भी संस्था ही करती है.

देहरादूनः राजधानी दून में सेफ्टी फर्स्ट कार्निवल-2020 का आगाज हो गया है. इस कार्निवल का शुभारंभ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत कर की. इस दौरान उन्होंने सीड संस्था की इस आयोजन के लिए सराहना की. वहीं, स्कूल सुरक्षा कार्यक्रम के तहत हरिद्वार और देहरादून में 100 सरकारी स्कूल लाभांवित होंगे. जिसमें करीब 31 हजार छात्र-छात्राओं, 50 हजार अभिभावकों और 700 शिक्षकों को कवर किया जाएगा.

सेफ्टी फर्स्ट कार्निवल का आगाज.

दरअसल, सीड संस्था सीएसआर फंड के तहत प्रदेश के 100 स्कूलों में आपदा प्रबंधन से जुड़े प्रशिक्षण समेत तमाम विषयों पर कार्यक्रम चला रही है. जिसे लेकर सरकार के साथ एक एमओयू साइन भी हुआ है. स्कूल प्रोग्राम के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए सेफ्टी फर्स्ट कार्निवल का आयोजन किया गया है. जबकि, स्कूल प्रोग्राम को साल 2017 में पहली बार दिल्ली सरकार ने 50 स्कूलों में शुरू किया था.

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यह प्रोग्राम प्रत्येक स्कूल और विभिन्न मुद्दों को संबोधित करने के लिए जरूरत के अनुसार दृष्टिकोण प्रदान करता है. इस कार्यक्रम के तहत इंजीनियर और वास्तुकार स्कूल का संरचनात्मक मूल्यांकन करते हैं. साथ ही किसी भी प्राकृतिक या मानव निर्मित आपदा की स्थिति के दौरान तैयारियों की भी जांच की जाती है.

वहीं, बाद में सीड के विशेषज्ञ बच्चों, स्कूलों और समुदाय के साथ मिलकर उन्हें आपदा से निपटने और जोखिम कम करने का प्रशिक्षण देते हैं. इतना ही नहीं स्कूलों में जरूरी मरम्मत के काम भी संस्था ही करती है.

Intro:फीड एफटीपी से भेजी गई है।।

folder name--uk_deh_03_safe_school_vis_byte_7206766


summary- देहरादून में सेफ्टी फर्स्ट कार्निवाल 2020 का आज शुभारंभ हो गया... मुख्यमंत्री कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए सीड संस्था द्वारा चलाए जा रहे जागरूकता प्रशिक्षण कार्यक्रम को सराहा।। दरअसल सीड संस्था सीएसआर फंड के तहत प्रदेश के 100 स्कूलों में आपदा प्रबंधन से जुड़े प्रशिक्षण समेत तमाम विषयों पर कार्यक्रम चला रहा है।। जिसको लेकर उसका सरकार के साथ एमओयू साइन हुआ है।


Body:स्कूल सुरक्षा कार्यक्रम के तहत हरिद्वार और देहरादून में 100 सरकारी स्कूलों के 31000 छात्र-छात्राओं 50000 अभिभावकों और 700 शिक्षकों को कवर किया जाएगा.. स्कूल प्रोग्राम के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए देहरादून में सेफ्टी फर्स्ट कार्निवाल 2020 का आयोजन किया गया।। स्कूल प्रोग्राम को 2017 में पहली बार दिल्ली सरकार के 50 स्कूलों में शुरू किया गया था।।। यह प्रोग्राम प्रत्येक स्कूल या स्थान के विभिन्न मुद्दों को संबोधित करने के लिए जरूरत के अनुसार दृष्टिकोण प्रदान करता है।।। इस कार्यक्रम के तहत इंजीनियरों और वास्तु कारों द्वारा स्कूल का संरचनात्मक मूल्यांकन किया जाता है।।।। इसके साथ ही किसी भी प्राकृतिक या मानव निर्मित आपदा की स्थिति में तैयारियों की भी जांच की जाती है ।।।। इसके बाद सीड के विशेषज्ञ बच्चों स्कूलों और समुदाय के साथ मिलकर उन्हें आदत तैयारियों और जोखिम कम करने का प्रशिक्षण देते हैं।। यही नहीं स्कूलों में जरूरी मरम्मत के कार्य तक पर भी संस्था के द्वारा काम करवाया जाता है।।।

बाइट मुकुल सती, अपर निदेशक


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