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उत्तराखंड के सभी पुलों का होगा सेफ्टी ऑडिट, अधिकारियों को दिया गया 3 हफ्ते का समय

उत्तराखंड में सभी पुलों का सेफ्टी ऑडिट किया जाएगा. इससे संबंधित शासनादेश प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग आरके सुधांशु की ओर से जारी किया गया है. साथ ही पुलों से संबंधित अद्यतन रिपोर्ट को हर हाल में 3 हफ्ते के भीतर उपलब्ध कराने को कहा गया है. वहीं, यदि पुलों पर किसी भी प्रकार की दुर्घटना होती है तो संबंधित अधिशासी अभियंता की जिम्मेदारी तय की जाएगी.

Safety audit of all bridges
पुलों का सेफ्टी ऑडिट
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Published : Nov 2, 2022, 7:41 PM IST

देहरादूनः गुजरात के मोरबी में मच्छु नदी के ऊपर बने केबल पुल टूटने से 135 लोगों की मौत हो गई. इस हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया. उत्तराखंड में भी कई पुल हैं, जो जर्जर हालत में हैं. लिहाजा, उत्तराखंड के पुलों को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने सभी पुलों का सेफ्टी ऑडिट करने का निर्णय लिया है. इसके लिए प्रमुख सचिव आरके सुधांशु ने आदेश भी जारी कर दिया है.

आदेश के अनुसार, उत्तराखंड में पुलों का उचित अनुरक्षण न होने, मानकानुसार समय-समय पर सुरक्षा ऑडिट (Periodically Safety Audit) की निर्धारित समय में व्यवस्था न होने, भार क्षमता से अधिक यातायात संचालन होने, पुलों के पास साइनेज न होने और पुलों की अत्यधिक समयावधि (निर्माण की) होने से कई हादसे हो रहे हैं. जिसमें जान-माल के नुकसान के साथ आवागमन बाधित हो रहा है.
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड के 400 पुलों के लिए PWD ने बनाया एक्शन प्लान

उन्होंने लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंताओं को निर्देश दिए हैं कि इस संबंध में तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित की जाए. साथ ही प्रदेश में अवस्थित पुलों से संबंधित अद्यतन सूचना हर हाल में 3 हफ्ते के भीतर शासन में उपलब्ध कराने को कहा है. उन्होंने ये भी स्पष्ट किया है कि पुलों के संबंध में लोक निर्माण विभाग (Public Works Department) के जिला स्तरीय अधिकारियों की ओर से जिला प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित किया जाए. जो पुल सालों पहले बनाए गए हैं, उनमें भार क्षमता के आधार पर आवागमन सुनिश्चित किया जाए.

वहीं, प्रत्येक पुलों का सेफ्टी ऑडिट (Safety audit of all bridges in Uttarakhand) करते हुए आवश्यकतानुसार अनुरक्षण आदि का प्रस्ताव तत्काल शासन को उपलब्ध कराने को कहा गया है. साथ ही पुलों के पास साइनेज की उचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं. यदि पुलों पर किसी भी प्रकार की दुर्घटना होती है तो संबंधित अधिशासी अभियंता की जिम्मेदारी तय की जाएगी.
ये भी पढ़ेंः देश के प्रसिद्ध लक्ष्मण और राम झूला का REALITY CHECK, जानें कितने सुरक्षित

देहरादूनः गुजरात के मोरबी में मच्छु नदी के ऊपर बने केबल पुल टूटने से 135 लोगों की मौत हो गई. इस हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया. उत्तराखंड में भी कई पुल हैं, जो जर्जर हालत में हैं. लिहाजा, उत्तराखंड के पुलों को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने सभी पुलों का सेफ्टी ऑडिट करने का निर्णय लिया है. इसके लिए प्रमुख सचिव आरके सुधांशु ने आदेश भी जारी कर दिया है.

आदेश के अनुसार, उत्तराखंड में पुलों का उचित अनुरक्षण न होने, मानकानुसार समय-समय पर सुरक्षा ऑडिट (Periodically Safety Audit) की निर्धारित समय में व्यवस्था न होने, भार क्षमता से अधिक यातायात संचालन होने, पुलों के पास साइनेज न होने और पुलों की अत्यधिक समयावधि (निर्माण की) होने से कई हादसे हो रहे हैं. जिसमें जान-माल के नुकसान के साथ आवागमन बाधित हो रहा है.
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उन्होंने लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंताओं को निर्देश दिए हैं कि इस संबंध में तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित की जाए. साथ ही प्रदेश में अवस्थित पुलों से संबंधित अद्यतन सूचना हर हाल में 3 हफ्ते के भीतर शासन में उपलब्ध कराने को कहा है. उन्होंने ये भी स्पष्ट किया है कि पुलों के संबंध में लोक निर्माण विभाग (Public Works Department) के जिला स्तरीय अधिकारियों की ओर से जिला प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित किया जाए. जो पुल सालों पहले बनाए गए हैं, उनमें भार क्षमता के आधार पर आवागमन सुनिश्चित किया जाए.

वहीं, प्रत्येक पुलों का सेफ्टी ऑडिट (Safety audit of all bridges in Uttarakhand) करते हुए आवश्यकतानुसार अनुरक्षण आदि का प्रस्ताव तत्काल शासन को उपलब्ध कराने को कहा गया है. साथ ही पुलों के पास साइनेज की उचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं. यदि पुलों पर किसी भी प्रकार की दुर्घटना होती है तो संबंधित अधिशासी अभियंता की जिम्मेदारी तय की जाएगी.
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