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कोरोना इफेक्ट: वाहनों के पंजीकरण में आई भारी कमी, RTO कार्यालय को करोड़ों का नुकसान

कोरोना के चलते संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय को महज 34 करोड़ रुपये का राजस्व मिल पाया है. इसकी बड़ी वजह वाहनों का कम पंजीकरण होना है.

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Published : Sep 16, 2020, 7:19 PM IST

Updated : Sep 16, 2020, 10:08 PM IST

देहरादूनः कोरोना संकटकाल में एक ओर वाहनों की बिक्री में भारी कमी दर्ज की जा रही है. जबकि, दूसरी ओर ऑटोमोबाइल सेक्टर को हुए नुकसान का सीधा असर संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय भी पड़ रहा है. अभी तक महज 34 करोड़ का ही राजस्व मिल पाया है.

संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय को करोड़ों का नुकसान.

संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय देहरादून की बात करें तो इस साल जून महीने से लेकर अब तक 9,300 वाहन ही पंजीकृत हो पाए हैं. जबकि, बीते साल जून से लेकर सितंबर महीने तक करीब 12,000 वाहनों का पंजीकरण किया गया था. जिससे 39 करोड़ रुपये का राजस्व मिला था, लेकिन इस बार वाहनों के पंजीकरण में आई कमी की वजह से महज 34 करोड़ का राजस्व ही मिल पाया है.

ये भी पढ़ेंः मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना की रफ्तार धीमी, अब तक महज 86 लोगों को मिला लोन

एआरटीओ द्वारका प्रसाद ने बताया कि वाहनों के पंजीकरण की कमी से राजस्व में कमी आई है. जिसकी एक बड़ी वजह यह है कि इस बार लोगों ने 10 लाख से ज्यादा की कीमत के वाहन कम खरीदे. इस बार जो वाहन पंजीकरण के लिए पहुंचे हैं, वो वाहन 5 से 5 लाख रुपये तक के हैं. वहीं, दूसरी ओर कोरोना संकटकाल में राज्य सरकार की ओर से कमर्शियल वाहन चालकों को भी टैक्स में छूट दी गई है. जिसकी वजह से भी इस बार कम राजस्व प्राप्त हो सका है.

देहरादूनः कोरोना संकटकाल में एक ओर वाहनों की बिक्री में भारी कमी दर्ज की जा रही है. जबकि, दूसरी ओर ऑटोमोबाइल सेक्टर को हुए नुकसान का सीधा असर संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय भी पड़ रहा है. अभी तक महज 34 करोड़ का ही राजस्व मिल पाया है.

संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय को करोड़ों का नुकसान.

संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय देहरादून की बात करें तो इस साल जून महीने से लेकर अब तक 9,300 वाहन ही पंजीकृत हो पाए हैं. जबकि, बीते साल जून से लेकर सितंबर महीने तक करीब 12,000 वाहनों का पंजीकरण किया गया था. जिससे 39 करोड़ रुपये का राजस्व मिला था, लेकिन इस बार वाहनों के पंजीकरण में आई कमी की वजह से महज 34 करोड़ का राजस्व ही मिल पाया है.

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एआरटीओ द्वारका प्रसाद ने बताया कि वाहनों के पंजीकरण की कमी से राजस्व में कमी आई है. जिसकी एक बड़ी वजह यह है कि इस बार लोगों ने 10 लाख से ज्यादा की कीमत के वाहन कम खरीदे. इस बार जो वाहन पंजीकरण के लिए पहुंचे हैं, वो वाहन 5 से 5 लाख रुपये तक के हैं. वहीं, दूसरी ओर कोरोना संकटकाल में राज्य सरकार की ओर से कमर्शियल वाहन चालकों को भी टैक्स में छूट दी गई है. जिसकी वजह से भी इस बार कम राजस्व प्राप्त हो सका है.

Last Updated : Sep 16, 2020, 10:08 PM IST
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