देहरादून: RSS प्रमुख मोहन भागवत इनदिनों देहरादून प्रवास पर हैं. अपने कार्यक्रम के अनुसार वो कई प्रबुद्ध लोगों से मुलाकात कर रहे हैं. इस दौरान भागवत ने कहा कि देश के जो सच्चे मुसलमान हैं उन्हें संघ से कोई भय नहीं है और जो मुसलमान विपरीत विचारधारा के हैं वो ही संघ से भय खाते हैं. संघ चीफ ने कहा देश को जोड़ने का काम संस्कृति करती है, जिसके अनेक रूप हैं, लेकिन भाव एक है. यही हिन्दू संस्कृति है और भारत में रहने वाले सभी हिन्दू हैं. संघ का काम हिन्दू समाज को इकट्ठा कर अपनाना है.
संघ कोई राजनीतिक दल नहीं
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि संघ कोई राजनीतिक दल नहीं है. क्योंकि राजनीति समाज को तोड़ने का काम करती है. लेकिन कुछ विपरीत विचारधारा के लोग संघ का विरोध करते हैं. कांग्रेस, समाजवादी, मुस्लिम लीग के लोगों की भी सहायता करती है.
शिक्षा व्यापार बन गया है, बदलाव जरूरी
आरएसएस प्रमुख का कहना है कि शिक्षा व्यापार बन गया है. इसमें बदलाव जरूरी है. क्योंकि जबतक छात्रों को बेहतर शिक्षा नहीं मिलेगी तबतक वो अच्छे नागरिक नहीं बन सकते. उन्होंने कहा कि विकेन्द्रित योजना से शिक्षा व्यवस्था में गुणवत्ता लाया जा सकता है. बेहतर शिक्षा के लिए शिक्षक, छात्र और अभिभावक मिलकर योजना बनाएं.
अंग्रेजी विद्यालयों में हिंदी में ही हो प्रार्थना
मोहन भागवत ने प्रचार्यों से मुलाकात के दौरान कहा कि शिक्षा अपनी मात्र भाषा हिंदी में होनी चाहिए. इसके लिए अगर अभिभावकों के विचार में परिवर्तन आएगा तो ही कुछ बदलाव हो सकता है. जहां अंग्रेजी भाषा को ज्यादा महत्व दिया गया है वहां अंग्रेजी प्रभावी रही है इसलिए अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों में हिंदी को जगह मिलनी चाहिए. इंग्लिश मीडियम स्कूलों में प्रार्थना हिंदी में ही होनी चाहिए.