मसूरी/किच्छाः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने प्रदेश में प्रतिपदा उत्सव मनाया. इस दौरान स्वयंसेवकों ने पथ संचलन कर लोगों को नववर्ष की शुभकामनाएं दी. वहीं, उन्होंने राष्ट्र के लिए खुद को जागरूक करने का संकल्प लिया.
रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के स्वयंसेवकों ने मसूरी में प्रतिपदा उत्सव मनाया. इस दौरान स्वयंसेवकों ने मलिंगार चौक से गांधी चौक तक पथ संचलन किया. आरएसएस के नेता राजेंद्र पंत ने बताया कि पूरे देश में हिंदू समाज के लिए प्रतिपदा काफी महत्वपूर्ण होता है. देश के अलग-अलग हिस्सों में नववर्ष के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस दिन ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की थी. भारत प्राचीन और दिशा देने वाला देश है. सांस्कृतिक विरासत इसकी पहचान रही है, लेकिन हम अपनी संस्कृति विरासत को भूल गए और एक जनवरी से नववर्ष मनाना शुरू कर दिया. भारतीयों को हिंदू काल गणना के आधार पर नववर्ष मनानी चाहिए.
वहीं, आरएसएस नेता पंत ने कहा कि स्वयंसेवक साधारण होते हैं, लेकिन उनका दायित्व काफी बड़ा होता है. समाज के प्रति जिम्मेदारी का भाव रखना चाहिए. अपनी संस्कृति और परंपराओं के प्रति जागरूक करना चाहिए. संघ का कर्तव्य है विमुख हो रही युवा पीढ़ी को संस्कृति से जोड़ना. इसके लिए पहले खुद को जागरूक होना होगा. उन्होंने कहा कि उनका किसी भी राजनीतिक पार्टी से कोई संबंध नहीं है, लेकिन बीजेपी के विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से मिलते हैं. इसलिए कई विषयों में एक साथ देखे जाते हैं. कोई भी राजनीतिक दल और संस्था राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विचारों को समझकर उसका पालन करती है तो वो भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का हिस्सा बन सकते हैं. आरएसएस किसी एक विशेष पार्टी का हिस्सा नहीं है.
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किच्छाः हिंदू नववर्ष के मौके पर आरएसएस की किच्छा इकाई के तत्वावधान में भी पथ संचलन कार्यक्रम का आयोजन किया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बौद्धिक प्रमुख कलीराम भट्ट ने स्वयं सेवकों से देश और धर्म हित के हितों के लिए कार्य करने की अपील की. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का पथ संचलन शहर के सरस्वती शिशु मंदिर से प्रारंभ होकर शहर के मुख्य मार्गों से होकर दीनदयाल उपाध्याय चौक, महाराणा प्रताप चौक, रेलवे बाजार से होते हुए वापस सरस्वती शिशु मंदिर पहुंची.