देहरादून: रोडवेज वर्कशॉप की 30 बीघा जमीन शासन द्वारा स्मार्ट सिटी योजना के तहत शहरी विकास मंत्रालय को ट्रांसफर करने पर कर्मचारियों का पारा चढ़ गया है. जिसको लेकर कर्मचारी संगठन ने आंदोलन की राह पकड़ ली है. जमीन हस्तांतरित करने से कर्मचारियों ने आगामी 23 नवंबर को एक घंटे के लिए प्रदेशभर की बसों का संचालन बंद कर सड़कों पर उतरने का एलान किया है. साथ ही इस दौरान कर्मचारी खाली प्लेट और चम्मच लेकर अपना विरोध-प्रदर्शन करेंगे.
गौर हो कि बीते रविवार को मुख्यमंत्री द्वारा रोडवेज वर्कशॉप की 30 बीघा जमीन पर स्मार्ट सिटी योजना के तहत बनने वाले ग्रीन भवन का शिलान्यास किया. जानकारी के मुताबिक इस स्थान पर शहरी विकास मंत्रालय कचहरी कार्यालय, कलेक्टर भवन सहित अन्य सरकारी ग्रीन भवनों का निर्माण करेगा. मामले में रोडवेज कर्मचारी यूनियन के प्रदेश महामंत्री अशोक चौधरी ने बताया कि सन 1950 में देहरादून के हरिद्वार रोड पर स्थित 30 बीघा जमीन को खरीद कर रोडवेज ने अपनी बसों का वर्कशॉप और कार्यालय स्थापित किया था.
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लेकिन परिवहन सचिव शैलेश भगोली द्वारा इस स्थान को स्मार्ट सिटी के तहत शहरी विकास मंत्रालय को हस्तांतरित कर दिया गया है, जो इस स्थान पर ग्रीन बिल्डिंग का निर्माण किया जाएगा. उन्होंने बताया कि सरकार ने रोडवेज वर्कशॉप की जमीन की जगह रोडवेज को मात्र 20 करोड़ों देकर जमीन ट्रांसफर कर दी है. वहीं देहरादून के ट्रांसपोर्ट नगर में रोडवेज की वर्कशॉप का निर्माण कराने का आदेश दिया गया है.
ऐसे में समस्त कर्मचारी की मांग हैं कि, दशकों पुरानी रोडवेज की इस 30 बीघा जमीन का सरकार बाजारी मूल्य जो आज के हिसाब से लगभग 300 करोड़ रुपए होता है. जिसका वर्तमान समय के हिसाब से मूल्य मिलना चाहिए या फिर फिर इसके एवज में आईएसबीटी परिसर रोडवेज के नाम पर ट्रांसफर किया जाए.
रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री दिनेश चंद्र ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार प्रदेश भर में परिवहन निगम की जमीनों का अधिग्रहण कर रोडवेज के अस्तित्व को खत्म करने की विचारधारा पर चल रही है.