देहरादून: उत्तराखंड परिवहन निगम से सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों ने अपनी ग्रेच्युटी और नगदीकरण भुगतान की राशि की मांग को लेकर परिवहन मुख्यालय का घेराव किया. इस दौरान रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद बैनर तले लगभग 50 रिटायर कर्मियों ने परिवहन निगम के फाइनेंस कंट्रोलर अधिकारी को कमरे में बंद कर धरना प्रदर्शन किया. कर्मचारियों की नाराजगी को देखते हुए परिवहन निगम फाइनेंस कंट्रोलर ने आश्वासन दिया कि उनकी मांगों को जल्द ही उच्च अधिकारियों के सामने रखकर निस्तारित किया जाएगा.
400 कर्मचारियों का 67 करोड़ भुगतान लंबित: उत्तराखंड परिवहन निगम से रिटायर कर्मचारियों की मानें तो वर्ष 2015 से 2021 तक लगभग 400 से अधिक पूरे राज्य में रोडवेज कर्मचारी रिटायर हुए हैं. ऐसे में सभी सेवानिवृत्त कर्मियों की ग्रेच्युटी और नगरीकरण का भुगतान निगम के पास लगभग 67 करोड़ के आसपास बनता है. यानी औसतन एक कर्मचारी की सीनियरिटी के हिसाब से 10 से 12 लाख रुपए पेंडिंग हैं.
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इस मामले में निगम आला अधिकारियों ने प्रति कर्मचारी रिटायरमेंट कर्मचारी को दोनों ही भुगतान के एवज में डेढ़ लाख रुपए मात्र एक मुश्त राशि देने का आदेश अलग-अलग डिविजन को दिया था. मगर इस रकम का सभी सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने विरोध किया. कर्मचारियों की मांग है कि उनको वरिष्ठता के आधार पर रिटायरमेंट वाले दोनों ही भुगतान किए जाएं. जो उनके हिसाब से लगभग 33 साल की नौकरी करने वाले कर्मचारियों का औसतन प्रति व्यक्ति 10 से 12 लाख का बनता है.
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ईटीवी भारत से बात करते हुए निगम कर्मचारी संयुक्त परिषद के पदाधिकारी अध्यक्ष दिनेश गोस्वामी ने कहा निगम मनमानी करते हुए तीन दशकों से नौकरी करने वाले सेवानिवृत्त कर्मचारियों को एकमुश्त प्रति व्यक्ति के हिसाब से डेढ़ लाख रुपए अलग-अलग डिविजन में वितरित कर रहा है. उसका विरोध कर गुरुवार परिवहन मुख्यालय से रोकने की मांग की गई.
जिसे निगम ने स्वीकार कर लिया गया है. ऐसे में अब वरिष्ठता के आधार पर भुगतान देने की मांग रखी गई है. जिस पर अगले मंगलवार को परिवहन निगम के मैनेजिंग डायरेक्टर से सेवानिवृत्त कर्मचारियों की बैठक का समय दिया गया है.