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पिछले चार दिन से अनिश्चितकालीन धरने पर डटे रोडवेज कर्मचारी, इन मुद्दों को लेकर है नाराजगी

उत्तराखंड रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद का अनिश्चितकालीन धरना पांचवें दिन भी जारी रहा. रोडवेज कर्मचारी अपनी 12 सूत्रीय मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं.

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Published : Jan 13, 2020, 4:52 PM IST

Updated : Jan 13, 2020, 7:16 PM IST

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रोडवेज कर्मचारी.

देहरादून: उत्तराखंड रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद का अनिश्चितकालीन धरना पांचवें दिन भी जारी रहा. रोडवेज कर्मचारी अपनी 12 सूत्रीय मांगों को लेकर धरना पर बैठे हैं. रोडवेज कर्मचारियों ने राज्य सरकार से कार्यशाला को बदलने, उत्तराखंड परिवहन निगम को आईएसबीटी का स्वामित्व प्रदान करने या फिर 100 करोड़ की धनराशि देने की मांग की है.

बता दें कि, रोडवेज कर्मचारियों की नाराजगी शासन-प्रशासन और उत्तराखंड परिवहन निगम से बीते दो माह से वेतन न मिलने को लेकर है. प्रदेश के लगभग साढ़े छह हजार रोडवेज कर्मचारियों को दीपावली के बाद से ही वेतन नहीं मिल पाया है. उच्च न्यायलय की ओर से राज्य सरकार को कर्मचारियों के वेतन के लिए उत्तराखंड परिवहन निगम को 68 करोड़ रुपए अवमुक्त करने का आदेश जारी किया गया था. लेकिन सरकार कि ओर से उत्तराखंड परिवहन निगम को कोई पैसा अब तक अवमुक्त नहीं किया गया है.

मांगों को लेकर धरने पर रोडवेज कर्मचारी.

ये भी पढ़ें: नैनीताल की हसीन वादियां पर्यटकों से हुई गुलजार, कारोबारियों के खिले चेहरे

वहीं रोडवेज कर्मचारियों की नाराजगी हरिद्वार बाईपास रोड पर स्थित रोडवेज कार्यशाला को शिफ्ट किए जाने को लेकर भी है. उत्तराखंड रोडवेज की सालों पुरानी इस कार्यशाला का शहरी विकास विभाग ने अधिग्रहण कर लिया है. लेकिन इसके एवज में जो धनराशि उत्तराखंड परिवहन निगम को दी गई है, वह बेहद ही कम है.

देहरादून: उत्तराखंड रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद का अनिश्चितकालीन धरना पांचवें दिन भी जारी रहा. रोडवेज कर्मचारी अपनी 12 सूत्रीय मांगों को लेकर धरना पर बैठे हैं. रोडवेज कर्मचारियों ने राज्य सरकार से कार्यशाला को बदलने, उत्तराखंड परिवहन निगम को आईएसबीटी का स्वामित्व प्रदान करने या फिर 100 करोड़ की धनराशि देने की मांग की है.

बता दें कि, रोडवेज कर्मचारियों की नाराजगी शासन-प्रशासन और उत्तराखंड परिवहन निगम से बीते दो माह से वेतन न मिलने को लेकर है. प्रदेश के लगभग साढ़े छह हजार रोडवेज कर्मचारियों को दीपावली के बाद से ही वेतन नहीं मिल पाया है. उच्च न्यायलय की ओर से राज्य सरकार को कर्मचारियों के वेतन के लिए उत्तराखंड परिवहन निगम को 68 करोड़ रुपए अवमुक्त करने का आदेश जारी किया गया था. लेकिन सरकार कि ओर से उत्तराखंड परिवहन निगम को कोई पैसा अब तक अवमुक्त नहीं किया गया है.

मांगों को लेकर धरने पर रोडवेज कर्मचारी.

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वहीं रोडवेज कर्मचारियों की नाराजगी हरिद्वार बाईपास रोड पर स्थित रोडवेज कार्यशाला को शिफ्ट किए जाने को लेकर भी है. उत्तराखंड रोडवेज की सालों पुरानी इस कार्यशाला का शहरी विकास विभाग ने अधिग्रहण कर लिया है. लेकिन इसके एवज में जो धनराशि उत्तराखंड परिवहन निगम को दी गई है, वह बेहद ही कम है.

Intro:देहरादून- अपनी 12 सूत्रीय मांगों को लेकर उत्तराखंड रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद का अनिश्चितकालीन धरना आज पांचवे दिन भी जारी रहा ।

बता दें कि रोडवेज कर्मचारियों की नाराजगी शासन- प्रशासन और उत्तराखंड परिवहन निगम से बीते 2 माह से वेतन न मिलने को लेकर है । यहां आपकी जानकारी के लिए बता दें कि प्रदेश के लगभग साढ़े छह हजार रोडवेज कर्मचारियों को दीपावली के बाद से ही वेतन नहीं मिल पाया है । इससे पहले दीपावली के बाद उच्च न्यायलय की ओर से राज्य सरकार को कर्मचारियों के वेतन के लिए उत्तराखंड परिवहन निगम को 68 करोड़ रुपए अवमुक्त करने का आदेश जारी किया गया था । लेकिन सरकार कि ओर से उत्तराखंड परिवहन निगम को कोई पैसा अब तक अवमुक्त नही किया गया । जिसकी वजह से कर्मचारियों को वेतन नही मिल पा रहा है।




Body:वहीं दूसरी तरफ रोडवेज कर्मचारियों की नाराजगी हरिद्वार बाईपास रोड पर स्थित रोडवेज कार्यशाला को किए जाने को लेकर भी है । उत्तराखंड रोडवेज की सालों पुरानी इस कार्यशाला का शहरी विकास विभाग ने अधिग्रहण कर लिया है । लेकिन इसकी एवज में जो धनराशि उत्तराखंड परिवहन निगम को दी गई है वह बेहद ही कम है । जिसे स्वीकारा नहीं जा सकता । सभी रोडवेज कर्मचारियों की राज्य सरकार से यह मांग है कि सरकार इस कार्यशाला के बदले या तो उत्तराखंड परिवहन निगम को आईएसबीटी का स्वामित्व प्रदान करें या फिर 100 करोड़ की धनराशि दे।


Conclusion:
Last Updated : Jan 13, 2020, 7:16 PM IST
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