देहरादून: 2 जुलाई से प्रदेश में रोडवेज बसों के पहिए थम सकते हैं. उत्तराखंड रोडवेज कर्मचारी यूनियन ने एक बार फिर आगामी 2 जुलाई से हड़ताल की घोषणा की है. अपनी 18 सूत्रीय मांगों को लेकर यूनियन ने सरकार को एक जुलाई तक बातचीत करने का समय दिया है.
जानकारी के मुताबिक परिवहन विभाग में कार्यरत संविदा और स्थायी रूप से नियुक्त कर्मचारियों ने अपने वेतन सहित 18 मांगों को लेकर पिछले 22 मई को हड़ताल की घोषणा की थी. लेकिन सरकार द्वारा वेतन की मांग को मान लिया गया था और बाकी मांगों पर बात करने के लिए 6 जून 2019 का समय दिया गया था.
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लेकिन 6 जून से लेकर 11 जून तक सरकार ने मांगों पर कोई बातचीत नहीं की है. जिसके बाद उत्तराखंड रोडवेज कर्मचारी यूनियन ने एक बार फिर राज्य सरकार को अपनी मांगों को लेकर 1 जुलाई तक का समय दिया है. जिसके बाद उन्होंने 2 जुलाई से अनिश्चितकाल के लिए हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है.
यूनियन के प्रांतीय महामंत्री अशोक चौधरी ने बताया कि सरकार द्वारा बीते माह आश्वासन देने के बावजूद अभी तक बातचीत के लिए पहल नहीं की गई है. जिसके चलते कर्मचारी यूनियन ने आगामी 2 जुलाई से हड़ताल पर जाने का फैसला किया है.
अशोक चौधरी ने बताया कि सरकार ने सभी रोडवेज कर्मचारियों के लंबित 2 माह के वेतन को लेकर तत्काल बहाल करने का लिखित आदेश दिया था, लेकिन मात्र एक माह का ही वेतन बहाल किया गया है. उन्होंने कहा कि सरकार वेतन सहित अन्य आवश्यक मांगों पर भी संज्ञान नहीं ले रही है. ऐसे में कर्मचारियों के पास हड़ताल पर जाने के सिवा कोई दूसरा रास्ता नहीं है.
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा सहित पर्यटक सीजन अपने चरम पर है, ऐसे में परिवहन विभाग की बसों का संचालन बन्द हो जाने से पर्यटकों और यात्रियों को मुसीबत का सामना पड़ सकता है.