डोईवालाः ईटीवी भारत की खबर का एक बार फिर से बड़ा असर हुआ है. ईटीवी भारत ने डोईवाला विधानसभा के रामनगर डांडा में घटिया सड़क डामरीकरण की खबर को प्रमुखता से उठाया था. खबर दिखाए जाने के बाद विभागीय अधिकारियों ने मामले को गंभीरता से लिया है. इतना ही नहीं संबंधित अधिकारियों ने गुणवत्ता का ध्यान रखते हुए फिर से डामरीकरण शुरू कर दिया है.
दरअसल, डोईवाला विधानसभा के रामनगर डांडा के ग्रामीण बीते 18 सालों से सड़क की मरम्मत कराने की मांग कर रहे थे. इतना ही नहीं ग्रामीणों ने सड़क को दुरस्त करने की मांग को लेकर कई बार धरना-प्रदर्शन भी किया, लेकिन उनकी मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई. वहीं, लंबे इंतजार के बाद सड़क डामरीकरण का कार्य शुरू भी हुआ तो संबंधित अधिकारियों और ठेकेदारों ने महज लीपापोती कर दी.
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हद तो तब हो गई, जब एक हफ्ते के भीतर ही सड़क का डामर उखड़ने लगा. जिसे ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाया. खबर दिखाने के बाद संबंधित अधिकारियों में हड़कंप मच गया. इतना ही नहीं खबर दिखाने के महज 24 घंटे के भीतर ही अधिकारियों ने हरकत में आकर आनन-फानन में फिर से डामरीकरण शुरू कर दिया है.
सामाजिक कार्यकर्ता सुधीर जोशी ने बताया कि डोईवाला पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की विधानसभा है. इसके बावजूद अधिकारियों की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रहा है. इसका एक नमूना रामनगर डांडा सड़क डामरीकरण में देखने को मिला. जहां सड़क निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया. उन्होंने आभार जताते हुए कहा कि ईटीवी भारत इस खबर को न दिखाता तो सड़क पर दोबारे से काम नहीं हो पाता.