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सड़क हादसों पर नहीं लग रही लगाम, 3 साल के आंकड़े देखकर चौंक जाएंगे आप

प्रदेश में सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. लाख दावों के बाद भी पुलिस महकमा और संबंधित विभाग सड़क हादसों को रोकने में नाकाम साबित हो रहा है

पुलिस मुख्यालय उत्तराखंड
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Published : May 10, 2019, 3:02 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में आपराधिक घटनाओं की तुलना में सड़क हादसों में मरने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. इस मामले में पुलिस विभाग के लाख दावों के बावजूद सड़क दुर्घटनाओं में साल-दर-साल बढ़ोत्तरी हो रही है.

पिछले 3 साल के आंकड़े

साल- 2017 (13 जिलों के आंकड़े)
सड़क दुर्घटनाएं 1,603
घायल 1631
मौत 942
साल- 2018 (13 जिलों के आंकड़े)
सड़क दुर्घटनाएं 1468
घायल 1571
मौत 1047

साल 2017 और 2018 की तुलना इस साल मात्र 4 महीनों में 290 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी हैं. लगातार सड़क हादसों में मरने वाले लोगों के आंकड़े बढ़ने के बावजूद, सड़क सुरक्षा को लेकर शासन-प्रशासन की धरातल पर कोई भी प्रभावी कारवाई दिखाई नहीं दे रही है.

वर्ष 2017 में सड़क हादसों के आंकड़े

जनपद दुर्घटनाओं की संख्या मृतकों की संख्या घायलों की संख्या
उत्तरकाशी 35 75 72
टिहरी 113 51 238
चमोली 51 20 146
रुद्रप्रयाग 22 11 55
पौड़ी 38 22 56
देहरादून 342 143 254
हरिद्वार 333 194 256
नैनीताल 226 112 177
उधम सिंह नगर 362 251 262
अल्मोड़ा 11 5 11
पिथौरागढ़ 32 37 52
चंपावत 26 17 38
बागेश्वर 12 4 14
कुल 1603 942 1631

वर्ष 2018 में सड़क हादसों के आंकड़ा

जनपद दुर्घटनाओं की संख्या मृतकों की संख्या घायलों की संख्या
उत्तरकाशी 24 71 79
टिहरी 68 100 189
चमोली 42 29 70
रुद्रप्रयाग 15 14 12
पौड़ी 42 83 118
देहरादून 317 137 254
हरिद्वार 345 200 306
नैनीताल 199 110 170
उधम सिंह नगर 356 226 260
अल्मोड़ा 13 25 46
पिथौरागढ़ 8 8 10
चंपावत 17 34 35
बागेश्वर 20 10 22
कुल 1468 1047 1571

1 जनवरी 2019 से 30 अप्रैल 2019 के आंकड़े

जनपद घटनाओं की संख्या मृतकों की संख्या घायलों की संख्या
उत्तरकाशी 5 5 3
टिहरी 12 17 5
चमोली 5 6 12
रुद्रप्रयाग 2 0 7
पौड़ी 12 11 25
देहरादून 107 60 73
हरिद्वार 82 52 56
नैनीताल 68 33 41
उधम सिंह नगर 134 87 104
अल्मोड़ा 3 1 9
पिथौरागढ़ 3 3 4
चंपावत 7 12 21
बागेश्वर 3 3 5
कुल 443 290 365

उत्तराखंड में देहरादून, हरिद्वार, उधम सिंह नगर, नैनीताल जैसे प्रमुख शहरों में सबसे ज्यादा सड़क हादसों में लोगों की जान जाती है. उधर, सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के लिए उच्चतम न्यायालय के सख्त आदेश के बावजूद राज्य सरकार इस ओर प्रभावी कारवाई करने में नाकाम साबित हो रहा है.

वहीं, सड़क सुरक्षा के नाम पर सबसे बड़े दावे करने वाला पुलिस महकमा दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने नाम पर मात्र वाहनों का चालान काटकर करोड़ों का राजस्व बढ़ाने में जुटा है.

देहरादून: उत्तराखंड में आपराधिक घटनाओं की तुलना में सड़क हादसों में मरने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. इस मामले में पुलिस विभाग के लाख दावों के बावजूद सड़क दुर्घटनाओं में साल-दर-साल बढ़ोत्तरी हो रही है.

पिछले 3 साल के आंकड़े

साल- 2017 (13 जिलों के आंकड़े)
सड़क दुर्घटनाएं 1,603
घायल 1631
मौत 942
साल- 2018 (13 जिलों के आंकड़े)
सड़क दुर्घटनाएं 1468
घायल 1571
मौत 1047

साल 2017 और 2018 की तुलना इस साल मात्र 4 महीनों में 290 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी हैं. लगातार सड़क हादसों में मरने वाले लोगों के आंकड़े बढ़ने के बावजूद, सड़क सुरक्षा को लेकर शासन-प्रशासन की धरातल पर कोई भी प्रभावी कारवाई दिखाई नहीं दे रही है.

वर्ष 2017 में सड़क हादसों के आंकड़े

जनपद दुर्घटनाओं की संख्या मृतकों की संख्या घायलों की संख्या
उत्तरकाशी 35 75 72
टिहरी 113 51 238
चमोली 51 20 146
रुद्रप्रयाग 22 11 55
पौड़ी 38 22 56
देहरादून 342 143 254
हरिद्वार 333 194 256
नैनीताल 226 112 177
उधम सिंह नगर 362 251 262
अल्मोड़ा 11 5 11
पिथौरागढ़ 32 37 52
चंपावत 26 17 38
बागेश्वर 12 4 14
कुल 1603 942 1631

वर्ष 2018 में सड़क हादसों के आंकड़ा

जनपद दुर्घटनाओं की संख्या मृतकों की संख्या घायलों की संख्या
उत्तरकाशी 24 71 79
टिहरी 68 100 189
चमोली 42 29 70
रुद्रप्रयाग 15 14 12
पौड़ी 42 83 118
देहरादून 317 137 254
हरिद्वार 345 200 306
नैनीताल 199 110 170
उधम सिंह नगर 356 226 260
अल्मोड़ा 13 25 46
पिथौरागढ़ 8 8 10
चंपावत 17 34 35
बागेश्वर 20 10 22
कुल 1468 1047 1571

1 जनवरी 2019 से 30 अप्रैल 2019 के आंकड़े

जनपद घटनाओं की संख्या मृतकों की संख्या घायलों की संख्या
उत्तरकाशी 5 5 3
टिहरी 12 17 5
चमोली 5 6 12
रुद्रप्रयाग 2 0 7
पौड़ी 12 11 25
देहरादून 107 60 73
हरिद्वार 82 52 56
नैनीताल 68 33 41
उधम सिंह नगर 134 87 104
अल्मोड़ा 3 1 9
पिथौरागढ़ 3 3 4
चंपावत 7 12 21
बागेश्वर 3 3 5
कुल 443 290 365

उत्तराखंड में देहरादून, हरिद्वार, उधम सिंह नगर, नैनीताल जैसे प्रमुख शहरों में सबसे ज्यादा सड़क हादसों में लोगों की जान जाती है. उधर, सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के लिए उच्चतम न्यायालय के सख्त आदेश के बावजूद राज्य सरकार इस ओर प्रभावी कारवाई करने में नाकाम साबित हो रहा है.

वहीं, सड़क सुरक्षा के नाम पर सबसे बड़े दावे करने वाला पुलिस महकमा दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने नाम पर मात्र वाहनों का चालान काटकर करोड़ों का राजस्व बढ़ाने में जुटा है.

Intro:देहरादून: उत्तराखंड में अपराधी घटनाओं की तुलना सड़क हादसों में मरने वालों आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है, इस मामले में सड़क सुरक्षा से संबंधित विभागों के साथ साथ पुलिस विभाग के लाख दावों के बावजूद राज्य में सड़क दुर्घटनाओं में साल दर साल बढ़ोतरी हो रही है। पिछले 3 वर्षों के आंकड़े पर गौर करें तो जहां वर्ष 2017 में राज्य के 13 जिलों में कुल 1603 सड़क दुर्घटनाएं हुई जिसमें 1631 लोग घायल हुए, जबकि इन सड़क घटनाओं में 942 लोग मौत के गाल में समा गए।
वहीं वर्ष 2018 की बात करें तो इस वर्ष 1468 सड़क दुर्घटनाएं हुई जिसमें 1571 लोग बुरी तरह जख्मी हुए। जबकि इस वर्ष मरने वालों का आंकड़ा 2017 के मुकाबले बढ़कर 1047 का हो गया। उधर सड़क सुरक्षा के नाम पर पुलिस मात्र वाहनों के चालान काट राजस्व बढ़ाने में जुटी है।

1 जनवरी 2019 से 30 अप्रैल तक 290 लोगों की सड़क हादसों में मौत

वहीं वर्ष 2017 - 18 की तुलना इस वर्ष 2019 में प्रदेशभर की खस्ताहाल सड़कों व अन्य संवेदनशील हादसों की वजह से मात्र 4 महीनों में 290 से अधिक लोगों की मौत अब तक हो चुकी हैं। वर्ष दर वर्ष उत्तराखंड राज्य में लगातार सड़क हादसों में मरने वाले लोगों के आंकड़े बढ़ने के बावजूद, सड़क सुरक्षा को लेकर शासन-प्रशासन धरातल पर कोई भी प्रभावी कारवाई नहीं देखी गई हैं।


Body: वर्ष 2017 जहाँ- कुल 1603 सड़क हादसों में 1631 लोग घायल हुए तो वही इस वर्ष 942 लोगों सड़क दुर्घटनाओं में दर्दनाक तरीके से मौत हुई।
वही ये आंकड़ा वर्ष 2018 में फिर बढ़ गया। इस वर्ष -कुल 1468 सड़क दुर्घटनाएं हुई, जिसमें 1571 लोग घायल हुए, जबकि 1047 लोगों की दर्दनाक मौत हुई।


एक नजर वर्ष 2017 जनवरी से 2018 दिसम्बर तक सड़क हादसों का जनपद वार पुलिस मुख्यालय का जारी आंकड़ा:

दुर्घटनाओं की संख्या-- मृतकों की संख्या-- घायलों की संख्या
2018- 2017 - 2018-17- - 2018-17


जनपद
उत्तरकाशी -24- 35 - 71 -75- - 79-72
चमोली - 42- 51- 100- 51- - 189-238
टिहरी- 68- 113- 29- 20- - 70-146
रुद्रप्रयाग- -15- 22- 14-11- - 12-55
पौड़ी - 42- 38- 83-22- 118-56
देहरादून- 317- 342- 137-143- - 254-254
हरिद्वार- -- 354- 333- 200-194- - 306-256
नैनीताल- 199- 226- 110-112- - 170-177
ऊधमसिंहनगर-356-362- 226-251 - 260-262
अल्मोडा- 13- 11- 25- 5- - 46-11
पिथौरागढ़- 10-32- 8-37- - 10-52
चंपावत- 17-26- 34-17- - 35-38
बागेश्वर- 20-12- 10-4- - 22-14

कुल- 1468 -1603- 1047-942- 1571-1631


1 जनवरी 2019 से 30 अप्रैल 2019 चार महीनों में 290 लोगों की सड़क हादसों में मौत


दुर्घटनाओं की संख्या- घायलों की संख्या- मृतकों की संख्या

उत्तरकाशी -5- - 5 - 3
टिहरी - 12- - 17 - 5
चमोली- 5 - 6 - 12
रुद्रप्रयाग- 2 - 0 - 7
पौड़ी गढ़वाल-12 - 12 - 25
देहरादून - 107 - 60 - 73
हरिद्वार - 82 - 52 - 56
नैनीताल- 68 - 33 - 41
उधम सिंह नगर -134 - 87 - 104
अल्मोड़ा- 3 - 1 - 9
पिथौरागढ़- 3 - 3 - 4
चंपावत - 7 - 12 - 21
बागेश्वर- 3 - 3 - 5

कुल- सड़क हादसे-443 -मृतकों की संख्या-290- घायल-365


Conclusion:सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के नाम पर, मात्र चालान काटने में जुटा पुलिस महकमा

उत्तराखंड राज्य में देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंह नगर, नैनीताल जैसी प्रमुख शहरों में सबसे ज्यादा सड़क हादसे में लोगों की जान जाती है। उधर सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के लिए उच्चतम न्यायालय के सख्त आदेश के बावजूद राज्य सरकार इस ओर प्रभावी कारवाई करने में अब तक नाकाम साबित नजर आयी हैं। वही सड़क सुरक्षा के नाम पर सबसे बड़े दावे करने वाला पुलिस महकमा दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने नाम पर राज्यभर में मात्र वाहनों का चालान काट वर्ष दर वर्ष करोडों राजस्व बढाने में जुटा हैं।
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