देहरादूनः उत्तराखंड में मानसून ने दस्तक दे दी है, लेकिन अभी तक सरकारी तंत्र और प्रशासन मानसून को लेकर पूरी तरह तैयार नजर नहीं आ रहा है. हालांकि बीते दिनों मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने तमाम अधिकारियों के साथ मानसून की तैयारियों को लेकर बैठक की थी. बावजूद इसके अभी तक तैयारियां जस की तस बनी हुई है. वहीं, राजधानी के राजपुर रोड से सटे रिस्पना नदी के किनारे रहने वाले मलिन बस्तियों के ऊपर एक बार फिर खतरा मंडराता नजर आ रहा है.
बता दें कि राजपुर रोड से सटे रिस्पना नदी के किनारे सैकड़ों लोगों ने अपने आशियाने बना लिए हैं. जहां पर हर मानसून सीजन में खतरा बना रहता है. इन दिनों रिस्पना नदी तकरीबन सूखी हुई है, लेकिन बारिश शुरू होते ही इस रिस्पना नदी में पानी भर जाता है. साथ ही मसूरी से आने वाले पानी के तेज बहाव से रिस्पना नदी उफान पर आ जाती है. जिससे रिस्पना नदी के किनारे रहने वाले लोगों पर खतरा मंडराता रहता है. जिसे लेकर शासन-प्रशासन गंभीर नजर नहीं आ रहा है.
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स्थानीय लोगों ने बताया कि बरसात शुरू होने पर उन्हें जान-माल का डर सताता है. बीते साल भी कई लोग इस नदी में बह गए थे. ऐसे में बहने का खतरा सबसे ज्यादा रहता है. साथ ही बताया कि चुनाव के दौरान सभी पार्टी के नेता उनके पास वोट मांगने आते हैं, लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद उनकी सुध नहीं ली जाती है.
वहीं, मामले पर नगर निगम मेयर सुनील उनियाल गामा का कहना है कि कुछ छुटभैया नेता ही इन लोगों को नदी के किनारे बसाते हैं. सरकारी पुस्ते के आगे जो लोग बस गए हैं, उन्हें कोई सुरक्षा नहीं दी जाएगी. अब इन लोगों के खिलाफ नगर निगम पुलिस में तहरीर दी जाएगी. साथ ही बताया कि पुलिस और नगर निगम के माध्यम से उन्हें हटाने की व्यवस्था की जाएगी. जो लोग पुस्ते के आगे रह रहे हैं, उनकी सुरक्षा खुद की जिम्मेदारी होगी.