देहरादून: प्रदेश में पेट्रोल-डीजल के दामों में दिन-पर-दिन बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है. हालांकि, यह बढ़ोत्तरी कुछ पैसों में हो रही है लेकिन बीते कुछ महीनों से रोजाना हो रही इस बढ़ोत्तरी की वजह से प्रदेश में जहां पेट्रोल की कीमत ₹97.58 प्रति लीटर पहुंच गई है. वहीं, डीजल का दाम भी ₹90.35 प्रति लीटर पहुंच गया है. ऐसे में चंद पैसों में की जा रही इस वृद्धि के कारण अब आम जनता के घर का बजट पूरी तरह से बिगड़ चुका है.
पेट्रोल-डीजल के दामों के कारण खाद्य तेल, दालों सहित हर सामान और सेवा का शुल्क बढ़ गया है, जिससे हर वर्ग परेशान है. तेल और दालों के दाम बढ़ने से किचन का जायका बिगड़ गया है. देहरादून की गृहणियों के मुताबिक सरसों का तेल ₹200 और रिफाइंड के दाम 150 के ऊपर पहुंच गए हैं. ऐसे में उनको घर संभालना मुश्किल हो रहा है.
जनवरी माह में पेट्रोल ₹84.20 प्रति लीटर तो वहीं, डीजल ₹74.51 प्रतिलीटर बिक रहा था. साल की शुरुआत से लेकर अब तक प्रदेश में पेट्रोल की कीमतों में प्रति लीटर करीब 14 से 15 रुपए तक की बढ़ोत्तरी हो चुकी है. वहीं, डीजल के दाम 18 से 20 रुपए तक बढ़े हैं.
देहरादून के पेट्रोल पंप संचालक बलबीर सिंह पंवार कहते हैं कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों में तेजी से हो रही बढ़ोत्तरी का वास्तविक कारण क्या है ? यह कह पाना मुश्किल है, लेकिन बीते एक साल में पेट्रोल पंप की संख्या काफी तेजी से बढ़ी है. ऐसे में जो लोग उनके पेट्रोल पंप के रेग्युलर कस्टमर हुआ करते थे, वह लोग अब अपने घर के पास बने नए पेट्रोल पंप से पेट्रोल या डीजल भरवाने में ज्यादा सुविधा महसूस कर रहे हैं. इसलिए पेट्रोल पंप संचालकों को भी खासा नुकसान हो रहा है.
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देहरादून के वरिष्ठ स्तंभकार डॉ. सुशील कुमार सिंह के मुताबिक प्रदेश में आसमान छूते पेट्रोल-डीजल के दामों की एक बड़ी वजह टैक्स है. पेट्रोल-डीजल पर केंद्र सरकार की ओर से लगभग 32 से 35 रुपये तक का टैक्स लगाया जाता है, जबकि राज्य सरकार के टैक्स और वैट को मिलाकर पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 18 से 20 रुपये और जुड़ जाते हैं. इस तरह पेट्रोल-डीजल की कीमतों में सीधे तौर पर 50 से 55 रुपए तक की बढ़ोत्तरी हो जाती है, जबकि कच्चा तेल अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रति लीटर 35 से 40 रुपए में ही मिलता है.
डॉ. सुशील कुमार सिंह कहते हैं कोरोना काल में देश की आर्थिक पर काफी गहरी चोट पहुंची है. ऐसे में जो आर्थिक नुकसान देश को हुआ है उससे उबरने के लिए केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल को एक बेहतर जरिया मान लिया है. यही वजह है कि पेट्रोल-डीजल पर सरकार भारी भरकम टैक्स वसूल रही है. वहीं, सरकार जल्द ही टैक्स में कोई राहत देने के मूड में भी नजर नहीं आ रही है. ऐसे में आने वाले समय में पेट्रोल और डीजल की कीमत में और अधिक बढ़ोत्तरी देखने को मिल सकती है.