ऋषिकेश: ग्रामसभा खदरी खड़कमाफ में सड़कों की क्षतिपूर्ति के तहत जल संस्थान से मिली 88 लाख रुपए की रकम में से 40 लाख रुपए के गबन का आरोप पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों पर लगा है. दावा है कि इसी बजट में से 48 लाख रुपए से अधिकारियों ने गांव की बजाय निजी प्लॉटिंग में चेहतों को लाभ पहुंचाने के लिए सड़कें बना दी, जिसकी शिकायत अब मुख्यमंत्री से की गई है.
जिला पंचायत सदस्य संजीव चौहान (Zilla Panchayat member Sanjeev Chauhan) और समाजसेवी शांति प्रसाद थपलियाल (Social worker Shanti Prasad Thapliyal) की अगुवाई में सोमवार को बड़ी संख्या में ग्रामीण पीडब्ल्यूडी के रेलवे रोड स्थित ऋषिकेश डिवीजन कार्यालय पहुंचे. उन्होंने अधिकारियों का घेराव करते हुए क्षतिपूर्ति के बजट में से 40 लाख रुपए के गबन का आरोप लगाते हुए हंगामा किया. जिसके बाद अधिशासी अभियंता धीरेंद्र कुमार गांव पहुंचे. उन्होंने ग्रामीणों के साथ सड़कों का मौका-मुआयना किया.
इस बीच शांति प्रसाद थपलियाल ने दावा किया कि जल संस्थान ने सड़कों की कटिंग के एवज में बतौर क्षतिपूर्ति लगभग 88 लाख रुपए पीडब्ल्यूडी ऋषिकेश कार्यालय को जारी किए थे. जबकि, इसमें से भी 48 लाख रुपए ही अधिकारियों ने सड़कों के निर्माण पर खर्च किया. यह सड़कें भी ग्रामीण आबादी के लिए नहीं, बल्कि निजी प्लाटिंग में बनाई गईं. यह भी दावा किया कि 40 लाख रुपए की रकम का कहीं अता-पता ही नहीं है.
शांति प्रसाद ने बताया कि सीएम पोर्टल में इसकी शिकायत की जा चुकी है. करीब आठ करोड़ रुपए के प्रस्ताव चुनाव से पहले गए हैं. मगर इन प्रस्ताव की स्वीकृति का भी कुछ पता नहीं है, जिसके चलते ग्रामीण बदहाल सड़कों पर चलने को मजबूर हैं. जिला पंचायत सदस्य संजीव चौहान ने आरोप लगाया कि ऋषिकेश क्षेत्र में पीडब्ल्यूडी भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका है.
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उन्होंने दावा किया कि भट्टोवाला ग्रामसभा में भी एक निजी प्लाटिंग में सरकारी पैसे से विभाग ने सड़क का निर्माण किया है लेकिन ग्रामीणों के लिए सड़क नहीं बनी है. अधिशासी अधियंता ने बताया कि क्षतिपूर्ति के एवज में संबंधित विभाग से आधा-अधूरा बजट मिला है. विभाग को मिले बजट से आखिर क्या काम हुए हैं? उनका निरीक्षण कराया जाएगा.