ऋषिकेशः तीर्थ नगरी ऋषिकेश में 'अविरल' प्रोजेक्ट स्वच्छ सर्वेक्षण-2021 में नगर निगम ऋषिकेश को अव्वल बनाएगा. अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त धार्मिक एवं पर्यटन नगरी ऋषिकेश में अनेकों विकास परियोजनाओं को मूर्त रूप देने के बाद नगर निगम प्रशासन अभी से ही वर्ष 2021 में होने वाले स्वच्छता सर्वेक्षण की तैयारियों में जुट गया है. इसमें किसी भी तरह की कोई चूक न रह जाए, इसके लिए नगर निगम प्रशासन ने खाका तैयार कर लिया है.
सहायक नगर आयुक्त विनोद लाल ने बताया कि शहर में प्लास्टिक कूड़े के निस्तारण के लिए निगम और जीआई जेड कंपनी के बीच करार हुआ है. प्रोजेक्ट को धरातल पर लाने के लिए उनको नोडल अधिकारी बनाया गया है. इसमें खास बात ये है कि विदेशी तकनीक पर आधारित करोड़ों रुपए की इस योजना में प्लास्टिक कूड़े के निस्तारण के लिए निगम को खर्चा नहीं करना पड़ेगा. सारा पैसा कपंनी ही लगाएगी.
उन्होंने बताया कि कंपनी जीआई जैड कम्पनी प्लास्टिक से उत्पन्न कूड़े को साफ करने में सहयोग करेगी. इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को "अविरल" नाम दिया गया है, जो गंगा नदी में या उसके आस-पास प्लास्टिक वेस्ट को कम करेगा. महापौर अनीता ममगाई की माने तो यह एक मेटेरियल रिकवरी फैसिलिटी एमआरएफ ऋषिकेश में बनाएगी. जिससे प्लास्टिक कूड़ा शहर से कम होने पर स्वच्छता सर्वेक्षण-2021 में निगम बेहतरीन प्रदर्शन करेगा.
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इसके लिए निगम द्वारा गठित टीमों के माध्यम से शहर वासियों को प्लास्टिक से होने वाले नुकसान और इसके इस्तेमाल को कम करने के लिए अलग-अलग प्रोग्राम द्वारा बताया जाएगा. नगर निगम प्रशासन संसाधनों की कमी सेे जूझ रहा है, लेकिन इसके बावजूद स्पष्ट विजन और सकारात्मक सोच के बूते निगम इस तरह के विश्वस्तरीय प्रोजेक्ट को शहर वासियों के लिए लाने में सफल रही है.
विनोद लाल ने बताया कि इस प्रोजेक्ट की अवधि दो वर्ष की होगी. जिसमें गोविंद नगर स्थित ट्रंचिंग ग्राउंड पर मेटेरियल रिकवरी फैसिलिटी प्लांट 1500 स्क्वायर मीटर में बनेगा. जिसमें 5 मेट्रिक टन का प्लास्टिक वेस्ट का हर दिन निस्तारण होगा. उन्होंने बताया कि जीआई जैड कंपनी की ओर से मेराजुद्दीन अहमद को इस प्रोजेक्ट का तकनीकी सलाहकार नियुक्त किया गया है.