देहरादून: रूस-यूक्रेन के बीच जंग के दौरान अपने डॉगी को साथ लाने की जिद पर अड़े देहरादून निवासी ऋषभ कौशिक अपने माले बु यानी डॉगी (पालतू कुत्ते का यूक्रेनियन नाम जिसका मतलब 'स्वीट' होता है) के साथ स्वदेश लौट चुके हैं. ऋषभ कौशिक अपने डॉगी के साथ शुक्रवार की सुबह बुडापेस्ट (हंगरी) के रास्ते भारत पहुंचे. ऋषभ कौशिक खार्किव नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ रेडियो इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग के स्नातक छात्र हैं.
उन्होंने अपने कुत्ते को अपने साथ भारत लाने में होने वाली कठिनाइयों के बारे में इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट किया था. जिसमें सरकार से एनओसी की अनुमति देने का आग्रह किया गया था. उनके वीडियो को देखकर पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (पेटा) ने भारत सरकार से अपील की कि वह भारतीयों को अपने पालतू जानवरों को उड़ानों में साथ ले जाने की अनुमति दे.
इससे पहले मंगलवार को, भारत सरकार ने युद्ध प्रभावित यूक्रेन से निकाले जा रहे भारतीयों के साथ-साथ पालतू कुत्तों और बिल्लियों को वापस लाने के लिए की सुविधा के लिए एक ज्ञापन जारी किया. बीते दिन ऋषभ कौशिक को भारत सरकार ने डॉगी (माले बु) को भी भारत लाने की एनओसी दे दी थी. जिसके बाद वे भारत पहुंच चुके हैं और अपने माले बु के साथ काफी खुश दिखाई दिए.
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बता दें कि, रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के बीच यूक्रेन में फंसे देहरादून के ऋषभ अपने माले बु ( पालतू कुत्ते का यूक्रेनियन नाम जिसका मतलब 'स्वीट' होता है) को छोड़कर भारत नहीं आना चाहते थे. ऋषभ चाहते थे कि वो यूक्रेन तभी छोड़ेंगे जब उनके डॉगी को भारत सरकार एनओसी देगी. ईटीवी भारत ने ऋषभ की खबर को प्रमुखता से दिखाया, जिसका असर देखने को मिला. जिसके बाद ऋषभ कौशिक को भारत सरकार ने डॉगी (माले बु) को भी भारत लाने एनओसी दे दी थी. ऋषभ कौशिक अपने माले बु के साथ शुक्रवार की सुबह बुडापेस्ट (हंगरी) के रास्ते भारत पहुंचे.
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देहरादून के रहने वाले ऋषभ कौशिक बीते 3 सालों से यूक्रेन में कंप्यूटर इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं. ऋषभ का यह लास्ट ईयर है. ऋषभ के परिवार के और लोग भी यूक्रेन में बिजनेस करते हैं. जैसे ही परिवार के सदस्यों को पता लगा कि दोनों देशों के बीच विवाद बढ़ सकता है वैसे ही 19 और 20 फरवरी को पूरा परिवार, जिनमें लगभग 7 सदस्य थे वह किसी तरह टिकट बुक करवाकर दुबई के लिए रवाना हो गये. वहीं, परिजनों ने ऋषभ को दुबई चलने के लिए कहा. तब ऋषभ ने सिर्फ इसलिए जाने से मना कर दिया क्योंकि ऋषभ जिस डॉगी के साथ पिछले 1 साल से रह रहे हैं, वह फ्लाइट में नहीं जा सकता था. लिहाजा, ऋषभ ने अपने परिवार के सदस्यों से कहा था कि वो भारत सरकार और तमाम विभागों से एनओसी लेने के बाद अपने डॉगी के साथ ही घर वापसी करेंगे.