देहरादून : मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत की अध्यक्षता में मंगलवार को सचिवालय में हुई स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड की बैठक में जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क को लेकर महत्वपूर्ण फैसले लिए गए.जिम कॉर्बेट पार्क में आने वाले सैलानियों को बाघ के साथ अब गैंडे भी देखने को मिलेंगे. प्रदेश के वन विभाग से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण फैसले भी लिए गए. बैठक में वन मंत्री हरक सिंह रावत और मुख्य वन संरक्षक जयराज भी मौजूद रहे.
सचिवालय में हुई 14वीं राज्य वन्य जीव बोर्ड की बैठक में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में प्रायोगिक तौर पर गैंडे का रिइंट्रोडक्शन किया जाने का फैसला लिया गया है. बैठक में गैंडे के रिइंट्रोडक्शन के संबंध में हुई प्रेजेंटेशन में बताया गया कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की भौगोलिक और पर्यावरणीय परिस्थितियां गैंडे के लिए अनुकूल है. वहीं, गैंडे और मानव के बीच संघर्ष की संभावनाएं जीरो होती है.
विशेषज्ञों ने बताया कि इससे राज्य में पर्यटन की गतिविधियां भी बढ़ेंगी. इस सभी चीजों को ध्यान में रखते हुए वाइल्ड लाइफ बोर्ड द्वारा कॉर्बेट रिजर्व में प्रायोगिक तौर पर गैंडे का इंट्रोडक्शन पर सहमति दी गई. इसके लिए 4 करोड़ की लागत से असम और पश्चिम बंगाल से 10 गैंडे लाए जाने के प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई है. इसके अलावा मानव वन्यजीव संघर्ष से प्रभावित गांव में वालेंटरी विलेज प्रोटेक्शन फोर्स के स्थापना करने के भी निर्देश दिए गए.
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खेती में नुकसान के लिए जिम्मेदार बंदरों के निस्तारण की दिशा में हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर बंदरों को पीड़क घोषित करने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा.
वन संरक्षक जयराज ने बताया कि बंदरों की समस्या से निपटने के लिए गढ़वाल और कुमाऊं में करीब 100-100 एकड़ में फैले बड़े बंदर बाड़े बनाने को लेकर विचार किया जा रहा है, जो नेचुरल हैबिटेट के रूप में काम करेगा.