देहरादून: उत्तराखंड में इन दिनों कांग्रेस और बीजेपी के बीच राजनीतिक बयानबाजी जोरों पर है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने त्रिवेंद्र सरकार को कोरोना काल में पर्यटन को ठप करने का जिम्मेदार बताया है, तो वहीं बीजेपी ने भी हरदा के इन आरोपों का अपने स्टाइल में जवाब दिया है.
कोरोना ने पिछले करीब चार महीनों में पर्यटन को शून्य कर दिया है. पर्यटन पर आधारित उत्तराखंड की इससे न केवल आर्थिक हानि हुई है, बल्कि रोजगार को भी तगड़ा झटका लगा है. ऐसे में अब सड़क पर सक्रिय हुए हरीश रावत ने ईटीवी भारत से बात करते हुए पर्यटन को ठप करने के लिए त्रिवेंद्र सरकार को जिम्मेदार बताया. हरीश रावत का कहना है कि पर्यटन को लेकर त्रिवेंद्र सरकार ने कोई नीति तैयार नहीं की है और तमाम धार्मिक यात्राओं को भी एक के बाद एक रोका जा रहा है.
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उत्तराखंड में पर्यटन एक बड़ा और महत्वपूर्ण विषय है और इसका सीधा ताल्लुक आम लोगों से है. इन बातों को हरीश रावत बखूबी जानते हैं, इसीलिए उन्होंने इसके पैटर्न जैसे गंभीर मसले को चुना है. हालांकि बीजेपी भी हरीश रावत के बयानों पर कटाक्ष करते हुए उनसे पार्टी का स्टैंड क्लियर करने की बात कहने लगी है.
बीजेपी नेता वीरेंद्र सिंह बिष्ट का कहना है कि कांग्रेस के कई नेता त्रिवेंद्र सरकार को महाकुंभ का आयोजन न करवाने पर जोर दे रहे हैं. वहीं, हरीश रावत इससे ठीक उलट पर्यटन खोलने की मांग कर रहे हैं, जो हैरान कर देने वाला बयान है. इसीलिए उन्होंने कहा कि हरदा पहले कांग्रेस का स्टैंड क्लियर करें.
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पर्यटन को उत्तराखंड की रीढ़ माना जाता है, लेकिन कोरोना और लॉकडाउन में इस रीढ़ को बुरी तरह तोड़ दिया है. कोरोना ने विकास के ढांचे को हिला कर रख दिया है. अब जरूरत है कि एहतियात बरतने के साथ पर्यटन पर भी विशेष नीति बनाई जाए, ताकि आने वाले दिनों में पर्यटन को और बेहतर तरीके से खड़ा किया जा सके.