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ग्रोथ सेंटर को लेकर CM की समीक्षा बैठक, ब्रांडिंग और ऑनलाइन मार्केटिंग पर ध्यान देने का निर्देश - उत्तराखंड के ग्रोथ सेंटर्स

सीएम त्रिवेंद्र ने अधिकारियों को ग्रोथ सेंटर की ब्रांडिंग और ऑनलाइन मार्केटिंग पर विशेष ध्यान देने का आदेश दिया है.

Uttarakhand Growth Center
ग्रोथ सेंटर को लेकर CM की समीक्षा बैठक
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Published : Jul 17, 2020, 4:20 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड के ग्रोथ सेंटर की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अधिकारियों से बातचीत की. इस दौरान सीएम त्रिवेंद्र ने अधिकारियों को ब्रांडिंग और ऑनलाइन मार्केटिंग पर विशेष ध्यान देने का आदेश दिया है. साथ ही सीएम ने ग्रोथ सेंटरों के आउटपुट का आकलन करने के निर्देश दिए हैं.

सीएम ने कहा कि यह भी देखा जाए कि संचालित ग्रोथ सेंटरों से संबंधित क्षेत्रवासियों की आय में कितनी बढ़ोतरी हुई है. ग्रोथ सेंटरों के उत्पादों की क्वॉलिटी और ऑनलाइन मार्केटिंग सुनिश्चित की जाए. इस दौरान सीएम ने एग्री बिजनेस से जुड़े ग्रोथ सेंटरों को माइक्रो फूड प्रोसेसिंग से भी जोड़ने की सलाह दी.

सीएम ने कहा कि ग्रोथ सेंटर में तैयार किए जा रहे उत्पाद इतनी मात्रा में बनाए जाएं कि खरीददार वहां आकर इन उत्पादों को खरीद सकें. इससे किसानों और ग्रामीणों को अपने उत्पादों की अच्छी कीमत मिल सकेगी. एमएसएमई विभाग एक वेबसाइट तैयार करें, जहां सभी ग्रोथ सेंटरों में बनाए जा रहे उत्पादों की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध की जा सके. ग्रोथ सेंटर की परिकल्पना पीएम मोदी को वोकल फॉर लोकल अभियान पर आधारित है.

ये भी पढ़ें: 'ब्लैक गोल्ड' की बढ़ रही 'चमक', जानिए कैसे तय होती हैं तेल की कीमतें

बैठक में सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि ग्रोथ सेंटरों के उत्पादों के लिए बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज पर सबसे अधिक ध्यान दिया जाए. सरकारी विभाग भी यहां तैयार किए जाने वाले उत्पादों को प्राथमिकता दे सकते हैं. एलईडी ग्रोथ सेंटरों को डिजायनर उपलब्ध कराए जाएं, ताकि वहां स्वतंत्रता दिवस, दीपावली आदि अवसरों पर सजावट के लिए विभिन्न डिजाइनों की लाइटें तैयार किया जा सके. इसके साथ ही सभी ग्रोथ सेंटर को एक समान कलर कल्चर दिया जाए, ताकि दूर से ही उन्हें पहचाना जा सके.

बैठक में बताया गया कि हर न्याय पंचायत स्तर पर ग्रोथ सेंटर स्थापित किए जाने हैं. 96 ग्रोथ सेंटर स्वीकृत किए जा चुके हैं. इनमें डेयरी विकास में 4, एकीकृत आजीविका सहयोग परियोजना में 25, उत्तराखंड भेड़ एवं ऊन विकास बोर्ड में 10, सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी में 2, एनआरएलएम में 9, जलागम में 7, मत्स्य में 11, उत्तराखंड खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड में 3 और जनपदों के अंतर्गत 25 ग्रेाथ सेंटर स्वीकृत किए गए हैं. यूएनडीपी के माध्यम से फॉर्म और नॉन फॉर्म एग्री बिजनेस की 12 वैल्यू चैन तैयार कर विभागों के साथ साझा की गई है.

इन जिलों में है ग्रोथ सेंटर्स

पिथौरागढ़ में 10, बागेश्वर में 9, अल्मोडा में 8, चम्पावत में 3, नैनीताल में 7, उधम सिंह नगर में 6, चमोली में 19, रुद्रप्रयाग में 5, उत्तरकाशी में 7, टिहरी में 8, पौड़ी में 5, देहरादून में 6 और हरिद्वार में 3 ग्रोथ सेंटर स्वीकृत किए जा चुके हैं. सभी स्वीकृत ग्रोथ सेंटर का कुल बजट 39 करोड़ 62 लाख रुपए है.

देहरादून: उत्तराखंड के ग्रोथ सेंटर की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अधिकारियों से बातचीत की. इस दौरान सीएम त्रिवेंद्र ने अधिकारियों को ब्रांडिंग और ऑनलाइन मार्केटिंग पर विशेष ध्यान देने का आदेश दिया है. साथ ही सीएम ने ग्रोथ सेंटरों के आउटपुट का आकलन करने के निर्देश दिए हैं.

सीएम ने कहा कि यह भी देखा जाए कि संचालित ग्रोथ सेंटरों से संबंधित क्षेत्रवासियों की आय में कितनी बढ़ोतरी हुई है. ग्रोथ सेंटरों के उत्पादों की क्वॉलिटी और ऑनलाइन मार्केटिंग सुनिश्चित की जाए. इस दौरान सीएम ने एग्री बिजनेस से जुड़े ग्रोथ सेंटरों को माइक्रो फूड प्रोसेसिंग से भी जोड़ने की सलाह दी.

सीएम ने कहा कि ग्रोथ सेंटर में तैयार किए जा रहे उत्पाद इतनी मात्रा में बनाए जाएं कि खरीददार वहां आकर इन उत्पादों को खरीद सकें. इससे किसानों और ग्रामीणों को अपने उत्पादों की अच्छी कीमत मिल सकेगी. एमएसएमई विभाग एक वेबसाइट तैयार करें, जहां सभी ग्रोथ सेंटरों में बनाए जा रहे उत्पादों की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध की जा सके. ग्रोथ सेंटर की परिकल्पना पीएम मोदी को वोकल फॉर लोकल अभियान पर आधारित है.

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बैठक में सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि ग्रोथ सेंटरों के उत्पादों के लिए बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज पर सबसे अधिक ध्यान दिया जाए. सरकारी विभाग भी यहां तैयार किए जाने वाले उत्पादों को प्राथमिकता दे सकते हैं. एलईडी ग्रोथ सेंटरों को डिजायनर उपलब्ध कराए जाएं, ताकि वहां स्वतंत्रता दिवस, दीपावली आदि अवसरों पर सजावट के लिए विभिन्न डिजाइनों की लाइटें तैयार किया जा सके. इसके साथ ही सभी ग्रोथ सेंटर को एक समान कलर कल्चर दिया जाए, ताकि दूर से ही उन्हें पहचाना जा सके.

बैठक में बताया गया कि हर न्याय पंचायत स्तर पर ग्रोथ सेंटर स्थापित किए जाने हैं. 96 ग्रोथ सेंटर स्वीकृत किए जा चुके हैं. इनमें डेयरी विकास में 4, एकीकृत आजीविका सहयोग परियोजना में 25, उत्तराखंड भेड़ एवं ऊन विकास बोर्ड में 10, सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी में 2, एनआरएलएम में 9, जलागम में 7, मत्स्य में 11, उत्तराखंड खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड में 3 और जनपदों के अंतर्गत 25 ग्रेाथ सेंटर स्वीकृत किए गए हैं. यूएनडीपी के माध्यम से फॉर्म और नॉन फॉर्म एग्री बिजनेस की 12 वैल्यू चैन तैयार कर विभागों के साथ साझा की गई है.

इन जिलों में है ग्रोथ सेंटर्स

पिथौरागढ़ में 10, बागेश्वर में 9, अल्मोडा में 8, चम्पावत में 3, नैनीताल में 7, उधम सिंह नगर में 6, चमोली में 19, रुद्रप्रयाग में 5, उत्तरकाशी में 7, टिहरी में 8, पौड़ी में 5, देहरादून में 6 और हरिद्वार में 3 ग्रोथ सेंटर स्वीकृत किए जा चुके हैं. सभी स्वीकृत ग्रोथ सेंटर का कुल बजट 39 करोड़ 62 लाख रुपए है.

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