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कैबिनेट में खाली पड़े हैं तीन मंत्री पद, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र पर 30 विभागों की जिम्मेदारी

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत वर्तमान में 30 से भी ज्यादा विभाग संभाल रहे हैं. मुख्यमंत्री को अपने तमाम कार्यों के अलावा आम लोगों और संगठन के साथ भी अपना काफी वक्त बिताना पड़ता है. ऐसे में इतने ज्यादा विभागों का दबाव मुख्यमंत्री के लिए चुनौती बना हुआ है.

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत
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Published : Jun 12, 2019, 8:40 PM IST

Updated : Jun 12, 2019, 10:56 PM IST

देहरादून: एको ब्रह्म द्वितीयो नास्ति...भगवत गीता का यह बह्मसूत्र इन दिनों उत्तराखंड सरकार में चरित्रार्थ होता दिख रहा है. जहां सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत अकेले ही 30 से ज्यादा विभागों की कमान खुद संभाल रहे हैं. जबकि कैबिनेट में सरकार बनने के बाद से दो और प्रकाश पंत के निधन के बाद अब तीन मंत्री पद खाली चल रहे हैं.

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र पर 30 विभागों की जिम्मेदारी

उत्तराखंड में ऐसे कई बड़े विभाग हैं, जो बेहद महत्वपूर्ण और आम लोगों की मूलभूत जरुरतों से जुड़े हुए हैं. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ऐसे एक दर्जन से ज्यादा विभागों को देख रहे हैं. इसके साथ ही दूसरे कई दर्जन विभागों की जिम्मेदारी भी सीएम त्रिवेंद्र सिहं रावत पर है. बता दें कि उत्तराखंड में दो मंत्री पद लंबे समय से रिक्त हैं. जबकि, अब वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत के निधन के बाद उनके विभागों की जिम्मेदारी भी मुख्यमंत्री को ही संभालनी पड़ रही है.

पढे़ं-Ganga Dussehra: लोगों ने लगाई आस्था की डुबकी, 75 साल बाद बना 10 योग का अद्भुत संयोग

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत वर्तमान में 30 से भी ज्यादा विभाग संभाल रहे हैं. मुख्यमंत्री को अपने तमाम कार्यों के अलावा आम लोगों और संगठन के साथ भी अपना काफी वक्त बिताना पड़ता है. ऐसे में इतने ज्यादा विभागों का दबाव मुख्यमंत्री के लिए चुनौती बना हुआ है.

मुख्यमंत्री सिंह रावत के पास मौजूद बड़े विभाग
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के पास गृह विभाग, ऊर्जा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, लोक निर्माण विभाग, कार्मिक विभाग, गोपन विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, सतर्कता विभाग, विजिलेंस विभाग, राज्य संपत्ति विभाग, नागरिक उड्डयन विभाग, आपदा विभाग और खाद्य आपूर्ति, सैनिक कल्याण विभाग, तकनीकी शिक्षा विभाग जैसे बड़े महकमें हैं.

पढ़ें- बाल श्रम निषेध दिवस: इसे रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत

प्रकाश पंत के निधन के बाद इन विभागों की भी जिम्मेदारी
संसदीय कार्य, वित्त विभाग, आबकारी विभाग, पेयजल विभाग, वाणिज्य कर विभाग एवं गन्ना एवं चीनी विभाग इसके अलावा करीब तीन से चार विभाग और है जो मुख्यमंत्री को देखने पड़ रहे हैं.

मुख्यमंत्री के पास विभागों की इस लंबी-चौड़ी फेहरिस्त को लेकर विपक्षी दल भी अब सवाल उठा रहा है. कांग्रेस नेताओं की मानें तो एक व्यक्ति इतने विभागों को नहीं देख सकता. जिस कारण कई विभागों में विकास कार्य पूरी तरह से ठप पड़े हुए हैं. प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट कहते हैं कि मुख्यमंत्री को विभागों के अलावा भी बहुत सारे काम देखने होते हैं. बावजूद इसके मुख्यमंत्री विभागों का बंटवारा नहीं कर रहे हैं.

भाजपा संगठन भी मानता है कि एक शख्स के लिए इतने विभागों को देखना एक बड़ी चुनौती है. बीजेपी प्रदेश महामंत्री खजान दास भी मानते हैं कि मुख्यमंत्री के पास ज्यादा विभाग है. हालांकि, मुख्यमंत्री के पक्ष में बोलते हुए वे कहते हैं कि त्रिवेंद्र सिंह रावत एक काबिल व्यक्ति हैं और वह इन सारे विभागों को संभालने में सक्षम हैं.

मुख्यमंत्री के पास मौजूद दर्जनों विभागों के चलते बीजेपी नेताओं में भी असंतोष देखने को मिलता है. खासतौर पर मंत्री पद की इच्छा रखने वाले कई विधायक अंदर खाने मुख्यमंत्री द्वारा रिक्त पड़े मंत्री पदों को जल्द भरे जाने की इच्छा जताते रहे हैं.

ऐसे में मुख्यमंत्री के पास 30 से ज्यादा विभागों पर विपक्ष द्वारा सवाल उठने से भाजपा के अंदर कई विधायक काफी खुश दिखाई देते हैं. अब देखना होगा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत कैबिनेट में खाली पड़े तीन मंत्री पदों को कब तक भर पाते हैं. हालांकि, इन तीनों पदों में गढ़वाल और कुमाऊं को प्रतिनिधित्व देना और मंत्री पद देने के बाद नाराज विधायकों को साधना भी सरकार के लिए एक चुनौती होगा.

देहरादून: एको ब्रह्म द्वितीयो नास्ति...भगवत गीता का यह बह्मसूत्र इन दिनों उत्तराखंड सरकार में चरित्रार्थ होता दिख रहा है. जहां सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत अकेले ही 30 से ज्यादा विभागों की कमान खुद संभाल रहे हैं. जबकि कैबिनेट में सरकार बनने के बाद से दो और प्रकाश पंत के निधन के बाद अब तीन मंत्री पद खाली चल रहे हैं.

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र पर 30 विभागों की जिम्मेदारी

उत्तराखंड में ऐसे कई बड़े विभाग हैं, जो बेहद महत्वपूर्ण और आम लोगों की मूलभूत जरुरतों से जुड़े हुए हैं. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ऐसे एक दर्जन से ज्यादा विभागों को देख रहे हैं. इसके साथ ही दूसरे कई दर्जन विभागों की जिम्मेदारी भी सीएम त्रिवेंद्र सिहं रावत पर है. बता दें कि उत्तराखंड में दो मंत्री पद लंबे समय से रिक्त हैं. जबकि, अब वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत के निधन के बाद उनके विभागों की जिम्मेदारी भी मुख्यमंत्री को ही संभालनी पड़ रही है.

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सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत वर्तमान में 30 से भी ज्यादा विभाग संभाल रहे हैं. मुख्यमंत्री को अपने तमाम कार्यों के अलावा आम लोगों और संगठन के साथ भी अपना काफी वक्त बिताना पड़ता है. ऐसे में इतने ज्यादा विभागों का दबाव मुख्यमंत्री के लिए चुनौती बना हुआ है.

मुख्यमंत्री सिंह रावत के पास मौजूद बड़े विभाग
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के पास गृह विभाग, ऊर्जा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, लोक निर्माण विभाग, कार्मिक विभाग, गोपन विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, सतर्कता विभाग, विजिलेंस विभाग, राज्य संपत्ति विभाग, नागरिक उड्डयन विभाग, आपदा विभाग और खाद्य आपूर्ति, सैनिक कल्याण विभाग, तकनीकी शिक्षा विभाग जैसे बड़े महकमें हैं.

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प्रकाश पंत के निधन के बाद इन विभागों की भी जिम्मेदारी
संसदीय कार्य, वित्त विभाग, आबकारी विभाग, पेयजल विभाग, वाणिज्य कर विभाग एवं गन्ना एवं चीनी विभाग इसके अलावा करीब तीन से चार विभाग और है जो मुख्यमंत्री को देखने पड़ रहे हैं.

मुख्यमंत्री के पास विभागों की इस लंबी-चौड़ी फेहरिस्त को लेकर विपक्षी दल भी अब सवाल उठा रहा है. कांग्रेस नेताओं की मानें तो एक व्यक्ति इतने विभागों को नहीं देख सकता. जिस कारण कई विभागों में विकास कार्य पूरी तरह से ठप पड़े हुए हैं. प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट कहते हैं कि मुख्यमंत्री को विभागों के अलावा भी बहुत सारे काम देखने होते हैं. बावजूद इसके मुख्यमंत्री विभागों का बंटवारा नहीं कर रहे हैं.

भाजपा संगठन भी मानता है कि एक शख्स के लिए इतने विभागों को देखना एक बड़ी चुनौती है. बीजेपी प्रदेश महामंत्री खजान दास भी मानते हैं कि मुख्यमंत्री के पास ज्यादा विभाग है. हालांकि, मुख्यमंत्री के पक्ष में बोलते हुए वे कहते हैं कि त्रिवेंद्र सिंह रावत एक काबिल व्यक्ति हैं और वह इन सारे विभागों को संभालने में सक्षम हैं.

मुख्यमंत्री के पास मौजूद दर्जनों विभागों के चलते बीजेपी नेताओं में भी असंतोष देखने को मिलता है. खासतौर पर मंत्री पद की इच्छा रखने वाले कई विधायक अंदर खाने मुख्यमंत्री द्वारा रिक्त पड़े मंत्री पदों को जल्द भरे जाने की इच्छा जताते रहे हैं.

ऐसे में मुख्यमंत्री के पास 30 से ज्यादा विभागों पर विपक्ष द्वारा सवाल उठने से भाजपा के अंदर कई विधायक काफी खुश दिखाई देते हैं. अब देखना होगा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत कैबिनेट में खाली पड़े तीन मंत्री पदों को कब तक भर पाते हैं. हालांकि, इन तीनों पदों में गढ़वाल और कुमाऊं को प्रतिनिधित्व देना और मंत्री पद देने के बाद नाराज विधायकों को साधना भी सरकार के लिए एक चुनौती होगा.

Intro:मुख्यमंत्री के कटवेज....कैबिनेट के विसुअल आज और कल भेजे गए हैं....plz use

special report......
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर विभागों का दबाव इस कदर बढ़ गया है कि अब हर विभाग को देख पाना उनके लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। दरअसल मुख्यमंत्री के पास 30 से भी ज्यादा विभाग है...जबकि उन्हें कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत के विभागों को भी देखना पड़ रहा है...देखिये स्पेशल रिपोर्ट…....


Body:उत्तराखंड में ऐसे कई बड़े विभाग है जो अपने आप में बेहद महत्वपूर्ण और आम लोगों की मूलभूत जरूरतों से जुड़े हुए हैं... मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ऐसे एक दर्जन से ज्यादा विभागों को तो देख ही रहे हैं साथ ही दूसरे कई दर्जन विभागों की जिम्मेदारी भी उन पर आन पड़ी है। आपको बता दे कि उत्तराखंड में दो मंत्री पद लंबे समय से रिक्त हैं जबकि अब वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत के बीमार होने के बाद उनके विभागों की जिम्मेदारी भी मुख्यमंत्री को ही संभालनी पड़ रही है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री को न केवल केंद्र से संबंधित से मिटाने के लिए अपना समय देना होता है बल्कि आम लोगों और संगठन के साथ भी अपना काफी वक्त बिताना पड़ता है ऐसे में बेहद ज्यादा विभागों का दबाव किसी भी मुख्यमंत्री के लिए चुनौती भरा हो सकता है। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के पास मौजूद 30 से भी ज्यादा विभाग ऐसी ही चुनौतियों को बयां कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री सिंह रावत के पास मौजूद बड़े विभाग

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के पास गृह विभाग, ऊर्जा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, लोक निर्माण विभाग, कार्मिक विभाग, गोपन विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, सतर्कता विभाग, विजिलेंस विभाग, राज्य संपत्ति विभाग, नागरिक उड्डयन विभाग, आपदा विभाग और खाद्य आपूर्ति, सैनिक कल्याण विभाग, तकनीकी शिक्षा विभाग जैसे बड़े महकमें है। जबकि इसके अलावा भी बाकी विभागों की फेहरिस्त काफी लंबी है

प्रकाश पंत के पास विभाग जो अब मुख्यमंत्री संभाल रहे हैं

संसदीय कार्य, वित्त विभाग, आबकारी विभाग, पेयजल विभाग, वाणिज्य कर विभाग एवं गन्ना एवं चीनी विभाग ..... इसके अलावा करीब तीन से चार विभाग और है जो मुख्यमंत्री को देखने पड़ रहे हैं।

मुख्यमंत्री के पास इस लंबी चौड़ी फेरिस को लेकर विपक्षी दल भी सवाल उठा रहा है कांग्रेस नेताओं की मानें तो एक व्यक्ति इतने विभागों को नहीं देख सकता और इसीलिए तमाम विभागों में विकास कार्य पूरी तरह से ठप पड़े हैं जबकि मुख्यमंत्री को विभागों के अलावा भी बहुत सारे काम देखने होते हैं लेकिन इसके बावजूद भी मुख्यमंत्री ने न जाने क्यों इतने विभाग अपने पास संभाल रखे हैं।

बाइट जोत सिंह बिष्ट प्रदेश उपाध्यक्ष कांग्रेस

भाजपा संगठन भी मानता है कि एक शख्स के लिए इतने विभागों को देखना एक बड़ी चुनौती है और वह खुद मानते हैं कि मुख्यमंत्री के पास ज्यादा विभाग है हालाकिं मुख्यमंत्री के पक्ष में बोलते हुए प्रदेश महामंत्री खजान दास बताते हैं कि त्रिवेंद्र सिंह रावत एक काबिल व्यक्ति है और वह इतने ज्यादा विभागों को देख सकते हैं हालांकि उनका कहना है कि मुख्यमंत्री को इसके अलावा भी आम लोगों को समय देना होता है साथ ही दूसरे काम भी होते हैं वे कारण इन विभागों को देखना चुनौती बन गया।

बाइट खजान दास प्रदेश महामंत्री भाजपा


Conclusion:वैसे मुख्यमंत्री के पास मौजूद दर्जनों विभागों के चलते भाजपा के अंदर भी काफी कानाफूसी होती रहती है खासतौर पर मंत्री पद की इच्छा रखने वाले कई विधायक अंदर खाने मुख्यमंत्री द्वारा दो रिक्त पड़े मंत्री पदों को जल्द भरे जाने की इच्छा जताते रहते हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री के पास 30 से ज्यादा विभागों पर सवाल उठने से भाजपा के अंदर कई विधायक काफी खुश दिखाई देते हैं। बहरहाल यह तो सही है कि एक व्यक्ति का इतनी विवाह को देखना नामुमकिन है और ऐसे हालात में सवाल उठना भी लाजमी है देखना होगा की मुख्यमंत्री अपने पास मौजूद में पदों को लेकर विपक्ष द्वारा उठाए गए सवाल पर क्या कदम उठाते हैं।
Last Updated : Jun 12, 2019, 10:56 PM IST
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