देहरादून: उत्तराखंड का उर्जा महकमा इन दिनों आर्थिक संकट से गुजर रहा है. इसी आर्थिक संकट से उबरने के लिए यूपीसीएल बार-बार बिजली के दाम बढ़ाने और जनता पर सरचार्ज लगाने की मांग कर रहा है. लेकिन इन सब हालातों के बीच निशाने पर ऊर्जा विभाग का एक अफसर है, जिसे सरकार ने एक नहीं बल्कि ऊर्जा निगमों में 6 पद दिए हुए हैं. देखिये पूरी रिपोर्ट...
उत्तराखंड पिछले एक साल में बिजली संकट से गुजर रहा है. इसकी बड़ी वजह राज्य में बिजली की डिमांड बढ़ना और उत्पादन में कुछ खास उपलब्धि हासिल न कर पाना है. राज्य में मॉनसून आ चुका है. उसके बावजूद भी 51 मिलियन यूनिट तक बिजली की डिमांड बनी हुई है. इस स्थिति में राज्य अब भी करीब 4 मिलियन यूनिट से लेकर 6 मिलियन यूनिट तक बिजली बाहर से खरीद रहा है.
यूपीसीएल (Uttarakhand Power Corporation Limited) लगातार हो रहे नुकसान के चलते उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग को दो बार बिजली के दाम बढ़ाने को लेकर याचिका दे चुका है. यही नहीं, हाल ही में उन्होंने सर चार्ज बढ़ाने की भी डिमांड की है. अब यहां सवाल उठ रहा है कि आखिर ऊर्जा प्रदेश में ऐसे हालात क्यों हुए? जिससे राज्य अपनी डिमांड भी पूरी नहीं कर पा रहा है. इसका जवाब जवाब ऊर्जा निगमों में अव्यवस्थाएं और अधिकारियों का रिजल्ट ना दे पाना माना जाता है.
चर्चा यूपीसीएल के एमडी अनिल यादव को लेकर है, जो ऊर्जा निगमों में 5 पदों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. अनिल यादव के पास न केवल यूपीसीएल के एमडी का पद है, बल्कि पिटकुल (Power Transmission Corporation of Uttarakhand Limited) के प्रबंध निदेशक का भी अतिरिक्त चार्ज उनके पास मौजूद है. इसके अलावा पिटकुल में निदेशक एचआर की भी जिम्मेदारी है.
उधर, पिटकुल में प्रबंध निदेशक के साथ ही निदेशक प्रोजेक्ट और ऑपरेशन की भी जिम्मेदारी वही संभाल रहे हैं. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि एक अधिकारी के पास भी इतने पद होंगे तो वह अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कैसे कर सकता है? इस मामले पर कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य कहते हैं कि सरकार अपने एक चहेते अधिकारी पर कृपा बरसा रही है और सरकार को ही बताना चाहिए कि आखिरकार एक ही अधिकारी को इतने पद क्यों दिए हुए हैं.
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सुधाकर बडोनी को पिटकुल में निदेशक वित्त की जिम्मेदारी: एक दिन पहले बोर्ड बैठक में पिटकुल में सुधाकर बड़ोनी निदेशक वित्त पर नियुक्त किया गया है. निदेशक के तौर पर सचिव ऊर्जा आर मीनाक्षी सुंदरम वार सचिव पंकज कुमार पांडे को भी नियुक्त किया गया है. हालांकि, प्रबंध निदेशक अनिल यादव को लेकर जिस तरह से सवाल खड़े किए गए हैं और शासन स्तर पर निदेशक के एक के बाद एक खाली होते पदों को भरने की बजाय इन सब की जिम्मेदारी प्रबंध निदेशक ही संभाल रहे हैं.
उससे, विपक्षी दल को बोलने का मौका मिल गया है. यशपाल आर्य पहले ही ऊर्जा निगम में कई घपलों को उठाने की बात कह चुके हैं. तो वहीं, भाजपा प्रदेश प्रवक्ता विनोद सुयाल अपनी सरकार का बचाव करते हुए कहते हैं कि यशपाल आर्य को अपनी कांग्रेस की सरकार के दौरान अधिकारियों को दी जाने वाली मलाईदार पोस्ट की याद रखनी चाहिए. जहां तक सवाल मौजूदा सरकार में नियुक्ति का है, तो सरकार सभी तरह के हालातों पर नजर बनाए हुए हैं और जरूरत के हिसाब से जरूरी कदम भी उठा रही है.
इन पदों को संभाल रहे अनिल यादव
1- यूपीसीएल प्रबंध निदेशक
2- यूपीसीएल निदेशक एचआर
3- यूपीसीएल निदेशक फाइनेंस
4- पिटकुल प्रबंध निदेशक
5- पिटकुल निदेशक प्रोजेक्ट
6- पिटकुल निदेशक ऑपरेशन