ETV Bharat / state

चारधाम यात्रा से पहले होते हैं भद्रकाली के दर्शन, अपार है मां की महिमा, पांडवों से जुड़ा है रहस्य - Bhadrakali Jayanti 2023

Maa Bhadrakali Temple Katapatthar विकासनगर के कटापत्थर में एक ऐसा मंदिर है, जिसकी महिमा दूर-दूर तक है. माना जाता है कि अगर चारधाम की यात्रा पर आ रहे हैं तो पहले मां भद्रकाली के दर्शन किए जाते हैं, इससे यात्रा सफल और सुखद होती है. यहां मंदिर में करीब 20 फीट की एक पिंडी मौजूद है. यहां पर प्राचीन पत्थर की मूर्तियां हैं. माना जाता है कि यहां से पांडवों ने सुरंग बनाई थी. जानिए क्या है महिमा...

Bhadrakali Mata Temple Vikasnagar
मां भद्रकाली की महिमा
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 9, 2023, 8:48 PM IST

मां भद्रकाली की महिमा

विकासनगरः यमुनोत्री हाईवे पर कटापत्थर के पास मां भद्रकाली का मंदिर स्थित है. जिसकी पौराणिक मान्यताएं काफी प्रसिद्ध हैं. इस मंदिर का रहस्य पांडवों से भी जुड़ा है. यही वजह है कि देश विदेश से चारधाम की यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालु माता के दरबार में हाजिरी लगाना नहीं भूलते. श्रद्धालु मां के दरबार में शीश नवाकर ही आगे की यात्रा का शुभारंभ करते हैं. जिससे उनकी यात्रा मंगलमय और सफल हो.

बता दें कि देहरादून जिले से करीब 79 किलोमीटर की दूरी पर विकासनगर-जुड्डो-यमुनोत्री मार्ग पर कटापत्थर के पास मां भद्रकाली का मंदिर मौजूद है. जहां से यात्री अपने चारधाम यात्रा की शुरुआत करते हैं. देश के कोने-कोने से आए सैलानी और यात्री भी मां के दरबार में शीश नवाते हैं. भद्रकाली मंदिर की देखरेख और पूजा पाठ आदि का काम बीती 54 सालों से जूना अखाड़े के संत जमुना गिरी महाराज करते आ रहे हैं.

Bhadrakali Mata Temple Kalsi
रहस्यों से भरा है मां भद्रकाली का मंदिर

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए मां भद्रकाली मंदिर के महंत जमुना गिरी महाराज ने मंदिर की विशेषता और धार्मिक महत्व की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इस मंदिर का निर्माण दक्षिण काली मंदिर के नाम से राजा आनंद पाल ने करवाया था. मंदिर के अंदर ही करीब 20 फीट की एक पिंडी है. जब इसकी खुदाई की गई तो 11 फीट की गहराई पर भगवान गणेश की पत्थर की मूर्ति निकली.
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में इस देवी के मंदिर में भी मिलता है 'न्याय', कोर्ट कचहरी का चक्कर ही नहीं!

इसके अलावा मंदिर में नाग, हनुमान, शिव शक्ति आदि देवी देवताओं की मूर्तियां भी स्थापित हैं. जो कि प्राचीन पत्थर की मूर्तियां हैं, जो मंदिर में विराजमान हैं. इस मंदिर के आसपास जब खुदाई की गई तो कई पत्थर के कई शिवलिंग भी मिले, जो मंदिर के पीछे रखे गए हैं. उन्होंने बताया कि अज्ञात काल के दौरान पांडव कटापत्थर स्थित भद्रकाली मंदिर में रुके. उस दौरान पांडवों को एक भविष्यवाणी हुई थी कि लाखों शिवलिंगों को स्थापित करने पर उन्हें शिव के दर्शन होंगे. भीम ने शिवलिंगों का निर्माण किया, लेकिन पांडव लाखों शिवलिंग स्थापित नहीं कर सके.

Bhadrakali Mata Temple Kalsi
मां भद्रकाली का मंदिर

महंत जमुना गिरी महाराज ने बताया कि मंदिर के नीचे से सुरंग बैराट खाई और लाखामंडल में निकलती है. यहां से अज्ञातवास के दौरान पांडव बैराट खाई होते हुए लाखामंडल निकले थे. जहां पर लाखों शिवलिंगों का निर्माण किया गया. लाखामंडल में जो शिवलिंग हैं, वो खुदाई में मिले. उन्होंने बताया कि लाखामंडल से पांडव केदार की ओर निकले थे. उन्होंने कहना है कि भद्रकाली मंदिर की सुरंगों को कई साल पहले बंद कर दिया गया था.
ये भी पढ़ेंः केदारनाथ धाम में भक्ति कम, रील्स बन रहीं ज्यादा! पुजारी बोले- वीडियो से नहीं भक्ति से होगा कल्याण

मां भद्रकाली मंदिर के संत जमुना गिरी महाराज ने बताया कि यह क्षेत्र धार्मिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है. कालसी, हरिपुर और आसपास क्षेत्र का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि हरिद्वार से भी बड़ा धाम कालसी का यमुना तट है. यहीं से अनादि काल से चारधाम यात्री यात्रा के लिए निकलते थे. आज भी इस स्थान का काफी धार्मिक महत्व है.

मां भद्रकाली की महिमा

विकासनगरः यमुनोत्री हाईवे पर कटापत्थर के पास मां भद्रकाली का मंदिर स्थित है. जिसकी पौराणिक मान्यताएं काफी प्रसिद्ध हैं. इस मंदिर का रहस्य पांडवों से भी जुड़ा है. यही वजह है कि देश विदेश से चारधाम की यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालु माता के दरबार में हाजिरी लगाना नहीं भूलते. श्रद्धालु मां के दरबार में शीश नवाकर ही आगे की यात्रा का शुभारंभ करते हैं. जिससे उनकी यात्रा मंगलमय और सफल हो.

बता दें कि देहरादून जिले से करीब 79 किलोमीटर की दूरी पर विकासनगर-जुड्डो-यमुनोत्री मार्ग पर कटापत्थर के पास मां भद्रकाली का मंदिर मौजूद है. जहां से यात्री अपने चारधाम यात्रा की शुरुआत करते हैं. देश के कोने-कोने से आए सैलानी और यात्री भी मां के दरबार में शीश नवाते हैं. भद्रकाली मंदिर की देखरेख और पूजा पाठ आदि का काम बीती 54 सालों से जूना अखाड़े के संत जमुना गिरी महाराज करते आ रहे हैं.

Bhadrakali Mata Temple Kalsi
रहस्यों से भरा है मां भद्रकाली का मंदिर

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए मां भद्रकाली मंदिर के महंत जमुना गिरी महाराज ने मंदिर की विशेषता और धार्मिक महत्व की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इस मंदिर का निर्माण दक्षिण काली मंदिर के नाम से राजा आनंद पाल ने करवाया था. मंदिर के अंदर ही करीब 20 फीट की एक पिंडी है. जब इसकी खुदाई की गई तो 11 फीट की गहराई पर भगवान गणेश की पत्थर की मूर्ति निकली.
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में इस देवी के मंदिर में भी मिलता है 'न्याय', कोर्ट कचहरी का चक्कर ही नहीं!

इसके अलावा मंदिर में नाग, हनुमान, शिव शक्ति आदि देवी देवताओं की मूर्तियां भी स्थापित हैं. जो कि प्राचीन पत्थर की मूर्तियां हैं, जो मंदिर में विराजमान हैं. इस मंदिर के आसपास जब खुदाई की गई तो कई पत्थर के कई शिवलिंग भी मिले, जो मंदिर के पीछे रखे गए हैं. उन्होंने बताया कि अज्ञात काल के दौरान पांडव कटापत्थर स्थित भद्रकाली मंदिर में रुके. उस दौरान पांडवों को एक भविष्यवाणी हुई थी कि लाखों शिवलिंगों को स्थापित करने पर उन्हें शिव के दर्शन होंगे. भीम ने शिवलिंगों का निर्माण किया, लेकिन पांडव लाखों शिवलिंग स्थापित नहीं कर सके.

Bhadrakali Mata Temple Kalsi
मां भद्रकाली का मंदिर

महंत जमुना गिरी महाराज ने बताया कि मंदिर के नीचे से सुरंग बैराट खाई और लाखामंडल में निकलती है. यहां से अज्ञातवास के दौरान पांडव बैराट खाई होते हुए लाखामंडल निकले थे. जहां पर लाखों शिवलिंगों का निर्माण किया गया. लाखामंडल में जो शिवलिंग हैं, वो खुदाई में मिले. उन्होंने बताया कि लाखामंडल से पांडव केदार की ओर निकले थे. उन्होंने कहना है कि भद्रकाली मंदिर की सुरंगों को कई साल पहले बंद कर दिया गया था.
ये भी पढ़ेंः केदारनाथ धाम में भक्ति कम, रील्स बन रहीं ज्यादा! पुजारी बोले- वीडियो से नहीं भक्ति से होगा कल्याण

मां भद्रकाली मंदिर के संत जमुना गिरी महाराज ने बताया कि यह क्षेत्र धार्मिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है. कालसी, हरिपुर और आसपास क्षेत्र का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि हरिद्वार से भी बड़ा धाम कालसी का यमुना तट है. यहीं से अनादि काल से चारधाम यात्री यात्रा के लिए निकलते थे. आज भी इस स्थान का काफी धार्मिक महत्व है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.