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4600 ग्रेड पे को लेकर पुलिसकर्मियों के परिजनों ने DGP से की मुलाकात, आचार संहिता से लग सकता 'ग्रहण'

उत्तराखंड में पुलिसकर्मियों की 4600 ग्रेड पे की मांग पर अभी तक शासनादेश भी जारी नहीं किया गया. जिससे नाराज पुलिसकर्मियों के परिजनों ने डीजीपी अशोक कुमार से मुलाकात की. उन्हें डर सता रहा है कि जल्द उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं हुई तो चुनाव आचार संहिता से ग्रेड पे पर ग्रहण लग सकता है.

relatives of policemen met dgp ashok kumar
पुलिसकर्मियों के परिजनों ने DGP से मुलाकात की
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Published : Dec 18, 2021, 8:33 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड पुलिस विभाग में साल 2001 में भर्ती हुए पुलिसकर्मियों के 4600 ग्रेड पे की मांग पर अभी तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है. इतना ही नहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की घोषणा के बावजूद शासनादेश जारी नहीं हो पाया है. जिसके चलते संबंधित पुलिसकर्मियों के परिजनों में नाराजगी है. इसी कड़ी में पुलिसकर्मियों के परिजनों पुलिस मुख्यालय पहुंचकर डीजीपी अशोक कुमार से मुलाकात कर अपनी नाराजगी जाहिर की.

दरअसल, पुलिसकर्मियों के परिजनों की नाराजगी इसलिए भी स्वाभाविक है, क्योंकि इस मामले में लगभग 2 महीने पहले यानी 21 अक्टूबर को 'पुलिस स्मृति दिवस' कार्यक्रम में सीएम पुष्कर धामी ने साल 2001 में भर्ती हुए पुलिसकर्मियों की 4600 ग्रेड पे की मांग को मंजूरी देने की घोषणा की थी. ग्रेड पे को लागू करने की घोषणा सार्वजनिक तौर पर देहरादून पुलिस लाइन कार्यक्रम मंच से की गई थी, लेकिन इस घोषणा को लगभग 2 महीने होने जा रहे हैं. इसके बावजूद अभी तक ग्रेड पे मामले पर शासनादेश जारी नहीं किया गया है.

ये भी पढ़ेंः 4600 ग्रेड पे लागू होते ही मालामाल हो जाएंगे पुलिसकर्मी, इतना होगा वेतन

ऐसे में खुद को ठगा महसूस कर रहे संबंधित पुलिसकर्मियों के परिजनों ने शनिवार पुलिस मुख्यालय पहुंचे. जहां उन्होंने पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार से मुलाकात (relatives of policemen met dgp ashok kumar) कर अपनी नाराजगी जाहिर की. इस मसले को जायज मानते हुए डीजीपी ने संबंधित पुलिसकर्मियों के परिजनों से वार्ता कर उन्हें एक हफ्ते का आश्वासन दिया. डीजीपी ने पुलिस परिजनों से कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि जल्द ही इस मांग पर सकारात्मक परिणाम शासन स्तर से सामने आएगा.

डीजीपी अशोक कुमार (dgp ashok kumar) ने कहा कि ऐसे में कुछ और समय धैर्य बनाए रखें, ताकि किसी तरह के अनुशासनहीनता की बात ना हो. उधर, डीजीपी अशोक कुमार के आश्वासन के बाद ग्रेड पे से प्रभावित पुलिस परिजनों (Policemen demand 4600 grade pay) ने भी फिलहाल एक हफ्ते तक इंतजार करने की बात पर लगभग हामी भरी है.

ये भी पढ़ेंः अधर में लटका ग्रेड पे और नई पुलिस भर्ती मामला, शासनादेश और विज्ञप्ति जारी न होने से उठे सवाल

पुलिसकर्मियों के ग्रेड पे को मिली थी मुख्यमंत्री की मंजूरीः बता दें कि साल 2001 और 2002 में भर्ती हुए पुलिस जवानों के 4600 ग्रेड पे का (uttarakhand police grade pay) मामला शासन स्तर पर लंबित है. राज्य सरकार से इस मामले में 20 वर्ष से अधिक सेवाकाल पूरा कर चुके संबंधित पुलिसकर्मियों को 4600 ग्रेड पे की जगह 2800 ग्रेड पे देने की बात सामने आई थी. शासन के इस निर्णय के खिलाफ करीब 3000 से ज्यादा संबंधित पुलिसकर्मी के परिजन सड़कों तक धरना प्रदर्शन कर आंदोलनरत हैं.

हालांकि, इस मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 21 अक्टूबर को देहरादून पुलिस लाइन में आयोजित 'पुलिस स्मृति दिवस' कार्यक्रम मंच से पुलिसकर्मियों की 4600 ग्रेड पे की मांग को मंजूरी देते हुए इसकी घोषणा सार्वजनिक तौर पर की थी, लेकिन दो महीने बीतने जा रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री के घोषणा के बावजूद अभी तक 4600 ग्रेड पे पर शासनादेश जारी नहीं हुआ है.

ये भी पढ़ेंः पुलिस अफसरों की बैठक में CM ने ग्रेड पे पर किया आश्वस्त, गौरी शक्ति, पब्लिक आई एप लॉन्च

ग्रेड पे पर चुनाव आचार संहिता से लग सकता 'ग्रहण': उत्तराखंड पुलिस विभाग में 20 साल सेवारत संबंधित पुलिसकर्मियों का 4600 ग्रेड पे लागू होने का समय नियमानुसार बीते अक्टूबर महीने का था. जबकि, साल 2002 से सेवारत पुलिसकर्मियों का ग्रेड पे लागू होने का समय आगामी अप्रैल 2022 है. इसी के मद्देनजर मुख्यमंत्री धामी ने पुलिस स्मृति दिवस कार्यक्रम मंच पर साल 2002 भर्ती कर्मियों को छोड़ 2001 से सेवारत पुलिसकर्मी जिनका सब इंस्पेक्टर में प्रमोशन नहीं हुआ है, उनका 4600 ग्रेड पे लागू करने की घोषणा की गई थी.

अब इसमें शासनादेश जारी न होने के चलते संबंधित पुलिसकर्मियों और उनके परिवारजनों को इस बात का डर सता रहा है कि अगले 15 से 20 दिनों में संभवत जनवरी 2022 के पहले हफ्ते तक विधानसभा चुनाव के चलते चुनाव आचार संहिता लागू हो जाएगी. ऐसे में अगर उससे पहले ग्रेड पे पर शासनादेश जारी नहीं होता तो यह मामला चुनाव आचार संहिता लगते ही ठंडे बस्ते पर चला जाएगा.

देहरादूनः उत्तराखंड पुलिस विभाग में साल 2001 में भर्ती हुए पुलिसकर्मियों के 4600 ग्रेड पे की मांग पर अभी तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है. इतना ही नहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की घोषणा के बावजूद शासनादेश जारी नहीं हो पाया है. जिसके चलते संबंधित पुलिसकर्मियों के परिजनों में नाराजगी है. इसी कड़ी में पुलिसकर्मियों के परिजनों पुलिस मुख्यालय पहुंचकर डीजीपी अशोक कुमार से मुलाकात कर अपनी नाराजगी जाहिर की.

दरअसल, पुलिसकर्मियों के परिजनों की नाराजगी इसलिए भी स्वाभाविक है, क्योंकि इस मामले में लगभग 2 महीने पहले यानी 21 अक्टूबर को 'पुलिस स्मृति दिवस' कार्यक्रम में सीएम पुष्कर धामी ने साल 2001 में भर्ती हुए पुलिसकर्मियों की 4600 ग्रेड पे की मांग को मंजूरी देने की घोषणा की थी. ग्रेड पे को लागू करने की घोषणा सार्वजनिक तौर पर देहरादून पुलिस लाइन कार्यक्रम मंच से की गई थी, लेकिन इस घोषणा को लगभग 2 महीने होने जा रहे हैं. इसके बावजूद अभी तक ग्रेड पे मामले पर शासनादेश जारी नहीं किया गया है.

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ऐसे में खुद को ठगा महसूस कर रहे संबंधित पुलिसकर्मियों के परिजनों ने शनिवार पुलिस मुख्यालय पहुंचे. जहां उन्होंने पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार से मुलाकात (relatives of policemen met dgp ashok kumar) कर अपनी नाराजगी जाहिर की. इस मसले को जायज मानते हुए डीजीपी ने संबंधित पुलिसकर्मियों के परिजनों से वार्ता कर उन्हें एक हफ्ते का आश्वासन दिया. डीजीपी ने पुलिस परिजनों से कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि जल्द ही इस मांग पर सकारात्मक परिणाम शासन स्तर से सामने आएगा.

डीजीपी अशोक कुमार (dgp ashok kumar) ने कहा कि ऐसे में कुछ और समय धैर्य बनाए रखें, ताकि किसी तरह के अनुशासनहीनता की बात ना हो. उधर, डीजीपी अशोक कुमार के आश्वासन के बाद ग्रेड पे से प्रभावित पुलिस परिजनों (Policemen demand 4600 grade pay) ने भी फिलहाल एक हफ्ते तक इंतजार करने की बात पर लगभग हामी भरी है.

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पुलिसकर्मियों के ग्रेड पे को मिली थी मुख्यमंत्री की मंजूरीः बता दें कि साल 2001 और 2002 में भर्ती हुए पुलिस जवानों के 4600 ग्रेड पे का (uttarakhand police grade pay) मामला शासन स्तर पर लंबित है. राज्य सरकार से इस मामले में 20 वर्ष से अधिक सेवाकाल पूरा कर चुके संबंधित पुलिसकर्मियों को 4600 ग्रेड पे की जगह 2800 ग्रेड पे देने की बात सामने आई थी. शासन के इस निर्णय के खिलाफ करीब 3000 से ज्यादा संबंधित पुलिसकर्मी के परिजन सड़कों तक धरना प्रदर्शन कर आंदोलनरत हैं.

हालांकि, इस मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 21 अक्टूबर को देहरादून पुलिस लाइन में आयोजित 'पुलिस स्मृति दिवस' कार्यक्रम मंच से पुलिसकर्मियों की 4600 ग्रेड पे की मांग को मंजूरी देते हुए इसकी घोषणा सार्वजनिक तौर पर की थी, लेकिन दो महीने बीतने जा रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री के घोषणा के बावजूद अभी तक 4600 ग्रेड पे पर शासनादेश जारी नहीं हुआ है.

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ग्रेड पे पर चुनाव आचार संहिता से लग सकता 'ग्रहण': उत्तराखंड पुलिस विभाग में 20 साल सेवारत संबंधित पुलिसकर्मियों का 4600 ग्रेड पे लागू होने का समय नियमानुसार बीते अक्टूबर महीने का था. जबकि, साल 2002 से सेवारत पुलिसकर्मियों का ग्रेड पे लागू होने का समय आगामी अप्रैल 2022 है. इसी के मद्देनजर मुख्यमंत्री धामी ने पुलिस स्मृति दिवस कार्यक्रम मंच पर साल 2002 भर्ती कर्मियों को छोड़ 2001 से सेवारत पुलिसकर्मी जिनका सब इंस्पेक्टर में प्रमोशन नहीं हुआ है, उनका 4600 ग्रेड पे लागू करने की घोषणा की गई थी.

अब इसमें शासनादेश जारी न होने के चलते संबंधित पुलिसकर्मियों और उनके परिवारजनों को इस बात का डर सता रहा है कि अगले 15 से 20 दिनों में संभवत जनवरी 2022 के पहले हफ्ते तक विधानसभा चुनाव के चलते चुनाव आचार संहिता लागू हो जाएगी. ऐसे में अगर उससे पहले ग्रेड पे पर शासनादेश जारी नहीं होता तो यह मामला चुनाव आचार संहिता लगते ही ठंडे बस्ते पर चला जाएगा.

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