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शहीद के परिजनों ने सरकार पर लगाया गुमराह करने का आरोप, धरने पर बैठे

एक ओर राज्य में जहां सैनिक सम्मान यात्रा के जरिये शहीदों के परिजनों का सम्मान किया जा रहा है, वहीं, राजधानी देहरादून में ही शहीद संदीप रावत के परिजन धरने पर बैठे हैं. शहीद के परिजनों ने सरकार पर गुमराह करने का आरोप लगाया है.

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गांधी पार्क के बाहर धरने पर बैठे शहीद संदीप के परिजन
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Published : Nov 28, 2021, 3:04 PM IST

Updated : Nov 28, 2021, 3:22 PM IST

देहरादून: सरकारी नौकरी दिए जाने की मांग कर रहे शहीद संदीप रावत (Martyr Sandeep Rawat) के परिजनों ने आज गांधी पार्क के सामने धरना देकर सरकार से न्याय की गुहार लगाई. इस दौरान धरने में कई क्षेत्रवासी भी शामिल रहे.

शहीद के भाई दीपक रावत कहना है कि सरकार ने परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की थी, लेकिन 5 साल बीत जाने के बाद भी आज तक किसी को नौकरी नहीं दी गई है. परिजन सरकारी नौकरी के लिए दर-दर भटक रहे हैं, मगर सरकार इस ओर ध्यान देने को तैयार नहीं है. जिसके कारण उन्होंने गांधी पार्क के सामने धरना देने का निर्णय लिया है.

पढ़ें- खतरे में निर्दलीय MLA की विधायकी, विधानसभा से जल्द जारी होंगे नोटिस

गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर के तंगधार में 2016 में आंतकवादी से लोहा लेते हुए संदीप रावत शहीद हो गए थे. महज 21 साल की उम्र में शहीद हुए रावत ने 27 अक्टूबर 2016 को सफलतापूर्वक घुसपैठ के प्रयास को नाकाम कर दिया था. इस गोलाबारी में राइफलमैन रावत गोली लगने से घायल हो गए थे. जिसके बाद उन्हें एनकाउंटर स्थल से प्राथमिक उपचार के लिए विमान से श्रीनगर में 92 बेस हॉस्पिटल पहुंचाया गया. जहां घायल संदीप रावत ने दम तोड़ दिया था. बॉक्सिंग में खास रूचि रखने वाले संदीप रावत स्पोर्ट्स कोटे से भारत की सेना में भर्ती हुए थे.

पढ़ें- IAS दीपक रावत की जल्द होगी पिटकुल से भी छुट्टी, सोशल मीडिया पर भी पकड़ हुई फीकी

परिजनों ने सरकार पर गुमराह करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा बीते 5 सालों से सरकार सरकारी नौकरी दिए जाने का आश्वासन दे रही है, लेकिन अभी तक परिवार में किसी सदस्य को नौकरी नहीं दी गई है. प्रदर्शन के दौरान शहीद की मां आशा देवी भी मौजूद रहीं.

देहरादून: सरकारी नौकरी दिए जाने की मांग कर रहे शहीद संदीप रावत (Martyr Sandeep Rawat) के परिजनों ने आज गांधी पार्क के सामने धरना देकर सरकार से न्याय की गुहार लगाई. इस दौरान धरने में कई क्षेत्रवासी भी शामिल रहे.

शहीद के भाई दीपक रावत कहना है कि सरकार ने परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की थी, लेकिन 5 साल बीत जाने के बाद भी आज तक किसी को नौकरी नहीं दी गई है. परिजन सरकारी नौकरी के लिए दर-दर भटक रहे हैं, मगर सरकार इस ओर ध्यान देने को तैयार नहीं है. जिसके कारण उन्होंने गांधी पार्क के सामने धरना देने का निर्णय लिया है.

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गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर के तंगधार में 2016 में आंतकवादी से लोहा लेते हुए संदीप रावत शहीद हो गए थे. महज 21 साल की उम्र में शहीद हुए रावत ने 27 अक्टूबर 2016 को सफलतापूर्वक घुसपैठ के प्रयास को नाकाम कर दिया था. इस गोलाबारी में राइफलमैन रावत गोली लगने से घायल हो गए थे. जिसके बाद उन्हें एनकाउंटर स्थल से प्राथमिक उपचार के लिए विमान से श्रीनगर में 92 बेस हॉस्पिटल पहुंचाया गया. जहां घायल संदीप रावत ने दम तोड़ दिया था. बॉक्सिंग में खास रूचि रखने वाले संदीप रावत स्पोर्ट्स कोटे से भारत की सेना में भर्ती हुए थे.

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परिजनों ने सरकार पर गुमराह करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा बीते 5 सालों से सरकार सरकारी नौकरी दिए जाने का आश्वासन दे रही है, लेकिन अभी तक परिवार में किसी सदस्य को नौकरी नहीं दी गई है. प्रदर्शन के दौरान शहीद की मां आशा देवी भी मौजूद रहीं.

Last Updated : Nov 28, 2021, 3:22 PM IST
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