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मसूरी में खुला GST का क्षेत्रीय कार्यालय, हर साल मिलता है 400 करोड़ रुपए का राजस्व

मसूरी के करीब 20 हजार कर दाताओं को जीएसटी (Goods And Services Tax) से जुड़ी समस्याओं के लिए देहरादून नहीं जाना पड़ेगा, बल्कि उनकी समस्या का यही पर समाधान हो गया है. मसूरी में जीएसटी का क्षेत्रीय कार्यालय खुल गया है.

Mussoorie
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Published : Jul 1, 2022, 9:36 PM IST

मसूरी: जीएसटी (Goods And Services Tax) की समस्याओं को लेकर अब मसूरी के व्यापारियों को देहरादून के चक्कर नहीं लगाने पड़ेगा. जीएसटी से जुड़ी उनकी हर समस्या का समाधान अब मसूरी में ही हो जाएगा. क्योंकि मसूरी में केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का क्षेत्रीय कार्यालय खोला गया है, जिसका शुभारंभ शुक्रवार को केंद्रीय वस्तु एवं सेवाकर के कमिश्नर उत्तराखंड आईआरएस दीपांकर ऐरन ने किया.

आईआरएस दीपांकर ऐरन ने कहा कि जीएसटी को लागू हुए 5 वर्ष हो गए हैं. अभीतक जीएसटी से जुड़ी समस्याओं को लेकर व्यापारियों को देहरादून जाना पड़ता था, लेकिन अब मसूरी में ही जीएसटी का क्षेत्रीय कार्यालय खुल गया है, जिसका लाभ यहां के व्यापारियों को मिलेगा. उनकी हर समस्या का निराकरण यही पर हो जाएगा.

हर साल मिलता है 400 करोड़ रुपए का राजस्व.
पढ़ें- केंद्र ने एक बार फिर की उत्तराखंड पुलिस को सराहा, गृह मंत्रालय की किताब में तीन ऑपरेशन को मिली जगह

आईआरएस दीपांकर ऐरन ने कहा कि जीएसटी एक टैक्स रिफॉर्म ही नहीं है, बल्कि इकोनामिक रिफॉर्म है. जीएसटी ने देश को जोड़ने का प्रयास किया ह. वन नेशन वन टैक्स लागू होने के बाद देश में उद्योग और व्यापार काफी तेजी से बढ़ रहा है. भारत देश विकासशील से विकसित देश के रूप में अग्रसर है.

उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के शासन में भारत दुनिया का 20 से 25 प्रतिशत जीडीपी देता था, लेकिन अब मात्र 3.5 प्रतिशत जीडीपी भारत के द्वारा दी जाती है. वन नेशन वन टैक्स लागू होने के बाद लगातार जीडीपी में उछाल देखने को मिला. अब दोबारा भारत विश्व गुरु बनने की ओर कदम रखने जा रहा है.
पढ़ें- उत्तराखंड के मंत्रियों पर सोशल मीडिया का क्रेज, महाराज और सौरभ बहुगुणा सबसे ज्यादा एक्टिव!

उत्तराखंड के मसूरी में 20,000 से ज्यादा कर दाता है, जो उत्तराखंड के 10 प्रतिशत है. मसूरी से हर साल 400 करोड़ रुपए का राजस्व मिलता है. सरकार द्वारा इस टैक्स को लेकर कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं और यह सब इलेक्ट्रॉनिक तरीके से किया जा रहा है. इसका लाभ उपभोक्ताओं को मिल रहा है.

मसूरी: जीएसटी (Goods And Services Tax) की समस्याओं को लेकर अब मसूरी के व्यापारियों को देहरादून के चक्कर नहीं लगाने पड़ेगा. जीएसटी से जुड़ी उनकी हर समस्या का समाधान अब मसूरी में ही हो जाएगा. क्योंकि मसूरी में केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का क्षेत्रीय कार्यालय खोला गया है, जिसका शुभारंभ शुक्रवार को केंद्रीय वस्तु एवं सेवाकर के कमिश्नर उत्तराखंड आईआरएस दीपांकर ऐरन ने किया.

आईआरएस दीपांकर ऐरन ने कहा कि जीएसटी को लागू हुए 5 वर्ष हो गए हैं. अभीतक जीएसटी से जुड़ी समस्याओं को लेकर व्यापारियों को देहरादून जाना पड़ता था, लेकिन अब मसूरी में ही जीएसटी का क्षेत्रीय कार्यालय खुल गया है, जिसका लाभ यहां के व्यापारियों को मिलेगा. उनकी हर समस्या का निराकरण यही पर हो जाएगा.

हर साल मिलता है 400 करोड़ रुपए का राजस्व.
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आईआरएस दीपांकर ऐरन ने कहा कि जीएसटी एक टैक्स रिफॉर्म ही नहीं है, बल्कि इकोनामिक रिफॉर्म है. जीएसटी ने देश को जोड़ने का प्रयास किया ह. वन नेशन वन टैक्स लागू होने के बाद देश में उद्योग और व्यापार काफी तेजी से बढ़ रहा है. भारत देश विकासशील से विकसित देश के रूप में अग्रसर है.

उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के शासन में भारत दुनिया का 20 से 25 प्रतिशत जीडीपी देता था, लेकिन अब मात्र 3.5 प्रतिशत जीडीपी भारत के द्वारा दी जाती है. वन नेशन वन टैक्स लागू होने के बाद लगातार जीडीपी में उछाल देखने को मिला. अब दोबारा भारत विश्व गुरु बनने की ओर कदम रखने जा रहा है.
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उत्तराखंड के मसूरी में 20,000 से ज्यादा कर दाता है, जो उत्तराखंड के 10 प्रतिशत है. मसूरी से हर साल 400 करोड़ रुपए का राजस्व मिलता है. सरकार द्वारा इस टैक्स को लेकर कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं और यह सब इलेक्ट्रॉनिक तरीके से किया जा रहा है. इसका लाभ उपभोक्ताओं को मिल रहा है.

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