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मसूरी में पर्यटकों को भा रही हैं कचरे से बनीं 'रिसाइकल्ड प्लास्टिक बेंच' - recycled plastic benches musoorie

हिलदारी नाम की स्वयंसेवी संस्था लगातार मसूरी के सौंदर्यीकरण के काम में जुटी हुई है. हिलदारी की मदद से शहर में 15 रिसाइकल्ड प्लास्टिक बेंच और 430 वर्ग फीट फुटपाथ लगाए गए. इन रिसाइकल्ड प्लास्टिक बेंच की बेहद सराहना हो रही है.

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मसूरी खबर
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Published : Dec 4, 2020, 9:22 AM IST

मसूरी: हिलदारी के प्रयास से नगर पालिका परिसर समेत कई महत्वपूर्ण स्थलों पर 15 रिसाइकल्ड प्लास्टिक बेंच और रिसाइकल्ड प्लास्टिक के साथ बने 430 वर्ग फीट फुटपाथ लगाए गए. जोकि दिखने में बेहद आकर्षक हैं. इस सौंदर्यीकरण का उद्देश्य लोगों को कचरे को एक संसाधन के रूप में देखने के लिए प्रेरित करना है. जिससे एक बेहतर और सजग भविष्य का निर्माण हो सके.

मसूरी में लगे हैं 15 प्लास्टिक रिसाइकल्ड बेंच

बता दें कि, नेस्ले समर्थित, स्त्री मुक्ति संगठन ने क्रियान्वित और रीसिटी नेटवर्क के तकनीकी सहयोग से हिलदारी अभियान द्वारा पिक्चर पैलेस, कंपनी गार्डन, लाल टिब्बा, मसूरी झील, हवा घर, बस स्टॉप, बाला हिसार और नगर पालिका परिसर समेत कई महत्वपूर्ण स्थलों पर 15 रिसाइकल्ड प्लास्टिक बेंच बनाए. रिसाइकल किए गए बेंच और टाइल ग्रेटर नोएडा स्थित कंपनी शायना इकोनिफाइड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा डिजाइन किये गए हैं. जिन्होंने विभिन्न निजी, सामाजिक और सरकारी परियोजनाओं के तहत 550 मिलियन टन से अधिक प्लास्टिक को रिसाइकल किया है.

पढ़ें- बेरीनाग में प्रशासन ने रुकवाई नाबालिग लड़की की शादी

शायना इकोनिफाइड के संस्थापक और प्रवक्ता पारस सलूजा ने बताया कि देश में इस तरह के उच्च प्लास्टिक उपयोग के साधन होने के बावजूद प्लास्टिक कचरे की खरीद एक चुनौती बना हुआ है. हिलदारी का गीले और सूखे कचरे पर जोर देना रिसाइक्लिंग उद्योग में एक महत्वपूर्ण अवरोधक को हल कर रहा है और प्लास्टिक कूड़े के खिलाफ लड़ाई में बहुत महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है.

पढ़ें- हैवानियत! नाबालिग का अपहरण कर किया गैंगरेप, फिर सड़क किनारे मरने के लिए दिया फेंक

उन्होंने बताया कि मसूरी में लगे बेंच और टाइलें 1 हजार 262 किलो प्लास्टिक कचरे, मुख्य रूप से पॉलीप्रोपाइलीन, कम घनत्व वाले पॉलीथीन, बहुस्तरीय प्लास्टिक और पोस्ट उपभोक्ता प्लास्टिक कचरे के पुनर्चक्रण से बनाई गई हैं. हिलदारी अभियान मसूरी में पिछले 2 सालों से ठोस और प्लास्टिक कचरा प्रबंधन के लिए समावेशी, प्रासंगिक और लचीला मॉडल विकसित करने के लिए काम कर रहा है.

मसूरी: हिलदारी के प्रयास से नगर पालिका परिसर समेत कई महत्वपूर्ण स्थलों पर 15 रिसाइकल्ड प्लास्टिक बेंच और रिसाइकल्ड प्लास्टिक के साथ बने 430 वर्ग फीट फुटपाथ लगाए गए. जोकि दिखने में बेहद आकर्षक हैं. इस सौंदर्यीकरण का उद्देश्य लोगों को कचरे को एक संसाधन के रूप में देखने के लिए प्रेरित करना है. जिससे एक बेहतर और सजग भविष्य का निर्माण हो सके.

मसूरी में लगे हैं 15 प्लास्टिक रिसाइकल्ड बेंच

बता दें कि, नेस्ले समर्थित, स्त्री मुक्ति संगठन ने क्रियान्वित और रीसिटी नेटवर्क के तकनीकी सहयोग से हिलदारी अभियान द्वारा पिक्चर पैलेस, कंपनी गार्डन, लाल टिब्बा, मसूरी झील, हवा घर, बस स्टॉप, बाला हिसार और नगर पालिका परिसर समेत कई महत्वपूर्ण स्थलों पर 15 रिसाइकल्ड प्लास्टिक बेंच बनाए. रिसाइकल किए गए बेंच और टाइल ग्रेटर नोएडा स्थित कंपनी शायना इकोनिफाइड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा डिजाइन किये गए हैं. जिन्होंने विभिन्न निजी, सामाजिक और सरकारी परियोजनाओं के तहत 550 मिलियन टन से अधिक प्लास्टिक को रिसाइकल किया है.

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शायना इकोनिफाइड के संस्थापक और प्रवक्ता पारस सलूजा ने बताया कि देश में इस तरह के उच्च प्लास्टिक उपयोग के साधन होने के बावजूद प्लास्टिक कचरे की खरीद एक चुनौती बना हुआ है. हिलदारी का गीले और सूखे कचरे पर जोर देना रिसाइक्लिंग उद्योग में एक महत्वपूर्ण अवरोधक को हल कर रहा है और प्लास्टिक कूड़े के खिलाफ लड़ाई में बहुत महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है.

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उन्होंने बताया कि मसूरी में लगे बेंच और टाइलें 1 हजार 262 किलो प्लास्टिक कचरे, मुख्य रूप से पॉलीप्रोपाइलीन, कम घनत्व वाले पॉलीथीन, बहुस्तरीय प्लास्टिक और पोस्ट उपभोक्ता प्लास्टिक कचरे के पुनर्चक्रण से बनाई गई हैं. हिलदारी अभियान मसूरी में पिछले 2 सालों से ठोस और प्लास्टिक कचरा प्रबंधन के लिए समावेशी, प्रासंगिक और लचीला मॉडल विकसित करने के लिए काम कर रहा है.

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