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17 हजार शिक्षकों की बंपर भर्ती प्रक्रिया शुरू, जल्द करें आवेदन - government jobs in UP

उत्तर प्रदेश में 17 हजार आरक्षित पदों पर अभ्यर्थियों के लिए भर्ती की प्रक्रिया शुरू करने का ऐलान बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सतीश चन्द्र द्विवेदी ने शुक्रवार को किया. यह बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन हुई 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती में होगी.

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Published : Dec 25, 2021, 8:25 AM IST

लखनऊ/देहरादून: उत्तर प्रदेश में 17000 आरक्षित पदों पर शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. यह भर्ती बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन हुई 69 हजार सहायक शिक्षक में होगी. बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. सतीश चन्द्र द्विवेदी ने शुक्रवार को इसकी घोषणा की.

डॉ. सतीश चन्द्र द्विवेदी ने कहा है कि 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण की विसंगति को दूर करने के लिए आरक्षित वर्ग के प्रभावित अभ्यर्थियों की भर्ती की जायेगी. जिसकी प्रक्रिया शुक्रवार से ही प्रारम्भ कर दी गयी है. उन्होंने बताया कि राज्य सूचना विज्ञान केन्द्र को प्रॉसेस फ्लो उपलब्ध करा दिया गया. डॉ. द्विवेदी ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में 1,37,000 पदों पर दो चरणों (68500 एवं 69000) में की गयी चयन प्रक्रिया के बाद रिक्त लगभग 17 हजार पदों पर नई भर्ती किये जाने का भी निर्णय लिया गया है.

बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी..
उन्होंने बताया कि राज्य सूचना विज्ञान केंद्र द्वारा प्रॉसेस फ्लो (प्रक्रिया) के अनुसार आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की चयन सूची दिनांक 28 दिसंबर तक तैयार की जायेगी. इसके बाद चयन सूची का परीक्षण 29 दिंसबर किया जाएगा. वहीं, अभ्यर्थियों की सूची का प्रकाशन राज्य सूचना विज्ञान केन्द्र की वेबसाइट पर 29 दिसंबर को प्रकाशित किया जाएगा. इसके बाद जनपद स्तर पर अभिलेखों का परीक्षण 3 जनवरी 2022 तक किया जाएगा और 6 जनवरी 2022 को नियुक्ति पत्र जारी किया जायेगा. गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के सरकारी प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक की भर्ती की प्रक्रिया शुरू की गई थी. इस प्रक्रिया में आरक्षित श्रेणियों के अभ्यर्थियों की ओर से आरक्षण संबंधी नियमों का अनुपालन ना किए जाने के आरोप लगाए गए थे. इस प्रकरण को लेकर अभ्यर्थी बीते करीब 9 महीने से आंदोलन कर रहे थे. प्रकरण को लेकर अभ्यर्थियों की ओर से कई बार शिकायतें की गई.

इसे भी पढ़ें-नई खेल नीति लागू: राष्ट्रीय खेलों में पदक विजेता खिलाड़ियों को मिलेगी नौकरी, इतनी दी जाएगी प्रोत्साहन राशि

धरना प्रदर्शन किए गए लेकिन, शासन और विभाग की तरफ से आरक्षण के संबंधी नियमों में किसी तरह की गड़बड़ी न होने का हवाला देकर उनकी बात को नजरअंदाज कर दिया गया था. बीते दिनों यह प्रकरण विधानसभा में भी उठाया गया. हालांकि, सरकार की तरफ से यह घोषणा किए जाने के बाद अभ्यर्थियों में खुशी की लहर है. अभ्यर्थियों का कहना है कि देर से ही सही लेकिन सरकार को उनकी बात माननी पड़ी.

लखनऊ/देहरादून: उत्तर प्रदेश में 17000 आरक्षित पदों पर शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. यह भर्ती बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन हुई 69 हजार सहायक शिक्षक में होगी. बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. सतीश चन्द्र द्विवेदी ने शुक्रवार को इसकी घोषणा की.

डॉ. सतीश चन्द्र द्विवेदी ने कहा है कि 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण की विसंगति को दूर करने के लिए आरक्षित वर्ग के प्रभावित अभ्यर्थियों की भर्ती की जायेगी. जिसकी प्रक्रिया शुक्रवार से ही प्रारम्भ कर दी गयी है. उन्होंने बताया कि राज्य सूचना विज्ञान केन्द्र को प्रॉसेस फ्लो उपलब्ध करा दिया गया. डॉ. द्विवेदी ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में 1,37,000 पदों पर दो चरणों (68500 एवं 69000) में की गयी चयन प्रक्रिया के बाद रिक्त लगभग 17 हजार पदों पर नई भर्ती किये जाने का भी निर्णय लिया गया है.

बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी..
उन्होंने बताया कि राज्य सूचना विज्ञान केंद्र द्वारा प्रॉसेस फ्लो (प्रक्रिया) के अनुसार आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की चयन सूची दिनांक 28 दिसंबर तक तैयार की जायेगी. इसके बाद चयन सूची का परीक्षण 29 दिंसबर किया जाएगा. वहीं, अभ्यर्थियों की सूची का प्रकाशन राज्य सूचना विज्ञान केन्द्र की वेबसाइट पर 29 दिसंबर को प्रकाशित किया जाएगा. इसके बाद जनपद स्तर पर अभिलेखों का परीक्षण 3 जनवरी 2022 तक किया जाएगा और 6 जनवरी 2022 को नियुक्ति पत्र जारी किया जायेगा. गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के सरकारी प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक की भर्ती की प्रक्रिया शुरू की गई थी. इस प्रक्रिया में आरक्षित श्रेणियों के अभ्यर्थियों की ओर से आरक्षण संबंधी नियमों का अनुपालन ना किए जाने के आरोप लगाए गए थे. इस प्रकरण को लेकर अभ्यर्थी बीते करीब 9 महीने से आंदोलन कर रहे थे. प्रकरण को लेकर अभ्यर्थियों की ओर से कई बार शिकायतें की गई.

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धरना प्रदर्शन किए गए लेकिन, शासन और विभाग की तरफ से आरक्षण के संबंधी नियमों में किसी तरह की गड़बड़ी न होने का हवाला देकर उनकी बात को नजरअंदाज कर दिया गया था. बीते दिनों यह प्रकरण विधानसभा में भी उठाया गया. हालांकि, सरकार की तरफ से यह घोषणा किए जाने के बाद अभ्यर्थियों में खुशी की लहर है. अभ्यर्थियों का कहना है कि देर से ही सही लेकिन सरकार को उनकी बात माननी पड़ी.

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