देहरादून: केदारनाथ धाम में साल 2013 में आयी भीषण आपदा के बाद यूं तो पूरी केदारघाटी को फिर से खड़ा कर दिया गया है, लेकिन 6 साल बीत जाने के बाद भी अभी तक केदार घाटी के पुनर्निर्माण का काम पूरा नहीं हो पाया है. केदारनाथ के पुनर्निर्माण का काम बहुत ही तेजी से चल रहा है. केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण की मौजूदा स्थिति की बात करें तो केदारनाथ में आदि गुरू शंकराचार्य की समाधि स्थल, सरस्वती घाट का निर्माण, तीर्थ पुरोहितों के क्षतिग्रस्त घरों और अन्य व्यवस्थाओं को लेकर निर्माण कार्य बहुत ही तेजी से चल रहा है. उम्मीद की जा रही है कि इसी साल आधे से ज्यादा काम पूरा हो जाएगा.
साल 2013 में आयी आपदा के बाद केदार घाटी को फिर से बसाने के लिए राज्य और केंद्र सरकार द्वारा काफी प्रयास किए गए. यही वजह है कि केदार घाटी अपने पूरे स्वरूप में आ गयी. केदार घाटी का पुनर्निर्माण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक है.
पढ़ें- दुनिया के नंबर वन बॉलर बुमराह के परिवार की आर्थिक स्थिति थी बेहद खराब, ऑटो चलाते थे दादा
यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए केदारनाथ के पुनर्निर्माण कार्यों की जानकारी लेते रहते हैं. इस बारे में वो समय-समय पर उत्तराखंड के मुख्य सचिव उत्पल कुमार को जरूरी दिशा-निर्देश भी देते रहते हैं और कामों की समीक्षा भी करते हैं. केदारनाथ में तीन प्रोजेक्ट के तहत पुनर्निर्माण कार्य किया जा रहा है. उम्मीद है कि आने वाले कुछ ही सालों में तीनों प्रोजेक्ट पूरे कर लिए जाएंगे. इसके बाद केदारनाथ पुनर्निर्माण योजना में शामिल अन्य कार्यों को शुरू किया जाएगा.
गुरू शंकराचार्य का समाधि स्थल
केदारनाथ मंदिर के पीछे बन रहे आदि गुरू शंकराचार्य के समाधि स्थल का काम बेहद तेजी से चल रहा है. हालांकि काम में थोड़ी गिरावट जरूर आई है, क्योंकि उत्तराखंड के अगर भौगोलिक परिस्थितियों की बात करें तो यहां की स्थितियां थोड़ी भिन्न हैं. यही वजह है कि समाधि स्थल का काम उतनी तेजी से नहीं हो पा रहा है. आगामी 2 सालों में आदि गुरू शंकराचार्य का समाधि स्थल बनकर तैयार हो जाएगा.
सरस्वती घाट का निर्माण
केदारनाथ में जिन कामों को तेजी के साथ किया जा रहा है उन में सरस्वती घाट का निर्माण भी शामिल है. साथ ही इन घाटों की सुरक्षा व्यवस्था के लिए तमाम व्यवस्थाएं की जा रही हैं. ताकि तीर्थयात्रियों को घाटों पर स्नान करने में किसी तरह की परेशानी न हो. उम्मीद की जा रही है कि इस साल अक्टूबर-नवंबर महीने तक सरस्वती घाट का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा.
पढ़ें- आपदा से निपटने के लिए SDRF ने फायर ब्रिगेड और स्थानीय लोगों को दी ट्रेनिंग
तीर्थ पुरोहितों के छतिग्रस्त घरों के निर्माण कार्य
साल 2013 में आई आपदा के बाद पूरी केदारघाटी तहस-नहस हो गई थी. जिसके बाद से लगातार केंद्र और राज्य सरकार केदार घाटी को दोबारा बसाने में जुटी है. केदारपुरी को काफी हद कर बसा दिया गया है, लेकिन कुछ अभी भी बाकि है. जिसमें तीर्थ पुरोहितों के आवास से जुड़े तमाम निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाए हैं.