देहरादूनः उत्तराखंड का आपदा से पुराना नाता रहा है. हर साल मॉनसून सीजन में आई आपदा कई लोगों की जान लील लेती है. इस बार सूबे में बीती 29 जून को मॉनसून ने दस्तक दी थी. तब से लेकर अभी तक मॉनसून की बौछार जारी है. इस एक पखवाड़े के भीतर कई लोगों की जान जा चुकी है. पहाड़ों से लेकर मैदान तक लोग हलकान हैं. ऐसे में आपदा प्रबंधन विभाग किस तरह से प्रदेश के हालातों पर नजर बनाए हुए है और आपदा से निपटने के लिए क्या तैयारी कर रहा है? इसको लेकर ईटीवी भारत की टीम ने रियलिटी चेक किया और हकीकत जानने की कोशिश की.
बता दें कि उत्तराखंड सचिवालय में आपदा प्रबंधन विभाग का स्टेट कंट्रोल रूम बनाया गया है. इसके अलावा सभी जिलों में कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं. ऐसे में सभी जिलों से जोड़ते हुए एक स्टेट लेवल पर मुख्य आपदा कंट्रोल रूम बनाया गया है. जहां पर सभी लाइन डिपार्टमेंट के नोडल अधिकारी ड्यूटी दे रहे हैं. इन सभी नोडल अधिकारियों के ऊपर शासन स्तर से कंट्रोल रूम इंचार्ज के रूप में अलग-अलग अधिकारियों को तैनात किया गया है, लेकिन ईटीवी भारत के रियलिटी चेक में इंचार्ज ही गायब मिले.
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फोन उठाना तक मुनासिब नहीं समझे आपदा कंट्रोल रूम इंचार्जः दरअसल, ईटीवी भारत की टीम गुरुवार शाम 4:45 बजे आपदा कंट्रोल रूम पहुंची. जहां कंट्रोल रूम इंचार्ज ही नदारद मिले. काफी देर तक उनका इंतजार किया गया. उसके बावजूद भी जब वो ड्यूटी पर नहीं आए. जब कंट्रोल रूम में मौजूद अन्य कर्मचारियों ने उन्हें फोन किया तो उन्होंने फोन तक नहीं उठाया. बताया जा रहा है कि शासन की ओर से कविंद्र सिंह को आपदा कंट्रोल रूम में इंचार्ज की जिम्मेदारी दी गई है, लेकिन वे ड्यूटी से गायब नजर आए.
वहीं, कंट्रोल रूम इंचार्ज के न मिलने पर ईटीवी भारत की टीम ने राज्य आपदा न्यूनीकरण प्राधिकरण (State Disaster Mitigation Authority) के अपर सचिव जितेंद्र कुमार सोनकर से मुलाकात की. उनसे आपदा प्रबंधन के लिए विभाग की ओर से की जा रही तैयारियों और प्रोटोकॉल की जानकारी ली गई. इस दौरान जितेंद्र कुमार सोनकर ने बताया कि प्रदेशभर में मौसम के हालातों पर बारीकी से नजर रखी जा रही है. ताकि किसी भी परिस्थिति से निपटा जा सके.
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उन्होंने बताया कि हर एक लाइन डिपार्टमेंट के नोडल अधिकारियों को मॉनसून सीजन के लिए कंट्रोल रूम में तैनात किया गया है, जो अपने-अपने विभागों से संबंधित प्रदेशभर में होने वाली हर गतिविधि पर बारीकी से नजर रख रहे हैं. ये लोग न केवल मॉनिटरिंग बल्कि उस पर त्वरित कार्रवाई को लेकर भी काम कर रहे हैं. इन विभागों में एसडीआरएफ, सिंचाई, लोक निर्माण, स्वास्थ्य, गृह समेत सभी महत्वपूर्ण विभागों के नोडल अधिकारी शामिल हैं.