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कैसे रामलीला कलाकार बने उत्तराखंड बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ?

उत्तराखंड बीजेपी की कमान अब बंशीधर भगत के हाथ में सौंप दी गई है. बंशीधर भगत को उत्तराखंड बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है. इसकी घोषणा बीजेपी के केंद्रीय पर्यवेक्षक अर्जुन सिंह मेघवाल ने की. राजनीतिक के धुरंधर माने जाने वाले बंशीधर की चुनौती अब पार्टी को प्रदेश में मजबूत करना होगा.

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बंशीधर भगत
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Published : Jan 16, 2020, 2:18 PM IST

Updated : Jan 16, 2020, 2:35 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड बीजेपी की कमान अब कालाढूंगी विधायक बंशीधर भगत के हाथ में आ गई है. बंशीधर भगत को उत्तराखंड बीजेपी का अध्यक्ष बनाया गया है. इसकी घोषणा केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के केंद्रीय पर्यवेक्षक अर्जुन सिंह मेघवाल ने की. इसके साथ ही अब प्रदेश में पार्टी को मजबूत करने के साथ 2022 के चुनाव में बीजेपी की शानदार वापसी का दामोदार बंशीधर भगत के कंधे पर आ गया है. यूपी और उत्तराखंड में मंत्री रह चुके और 6 बार विधायक का चुनाव जीतने वाले बंशीधर भगत का सियासी सफर शानदार रहा है. आइए उनके सियासी सफर पर एक नजर डालते हैं कि क्यों बीजेपी ने बंशीधर भगत को प्रदेश की कमान सौंपी है ?

विधायक बंशीधर भगत का जन्म उत्तराखंड के भक्यूड़ा भीमताल में 8 अगस्त 1951 में हुआ है. बंशीधर ने अपनी शिक्षा भले ही नौंवी कक्षा तक ही पूरी की हो लेकिन राजनीति के क्षेत्र के वो बड़े खिलाड़ी माने जाते हैं. यहीं वजह है कि वह बंटवारे से पहले उत्तर प्रदेश में भी मंत्री रहे और उत्तराखंड राज्य बनने के बाद यहां भी मंत्री बने. बंशीधर ने 6 बार विधायक का चुनाव जीतकर उन्होंने अपने राजनीतिक धुरंधर होने का परिचय दिया है. जिसकी वजह से बंशीधर प्रदेश अध्यक्ष पद के दौर में सबसे आगे थे.

ये भी पढ़े: देहरादून: नकली करेंसी के साथ एक आरोपी गिरफ्तार, भेजा जेल

बंशीधर भगत मानते हैं कि उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी से प्रेरित होकर राजनीति में कदम रखा और वर्ष 1975 में जनसंघ पार्टी से जुड़े. इसके बाद उन्होंने किसान संघर्ष समिति बनाकर राजनीति में प्रवेश किया. राम जन्म भूमि आंदोलन में वह 23 दिन अल्मोड़ा जेल में रहे. वर्ष 1989 में उन्होंने नैनीताल-ऊधमसिंह नगर के जिला अध्यक्ष का पद संभाला.

वर्ष 1991 में वह पहली बार उत्तर प्रदेश विधानसभा में नैनीताल से विधायक बने फिर 1993 में दूसरी व 1996 में तीसरी बार नैनीताल से विधायक बने. इस दौरान उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार में खाद्य एंव रसद राज्यमंत्री, पर्वतीय विकास मंत्री, वन राज्य मंत्री का कार्यभार संभाला. साल 2000 में राज्य गठन के बाद वह उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री रहे. वर्ष 2007 में हल्द्वानी विधानसभा वह चौथी बार विधायक बने. उत्तराखंड सरकार में उन्हें वन और परिवहन मंत्री बनाया गया. इसके बाद 2012 में कालाढूंगी विधानसभा से उन्होंने फिर विजय प्राप्त की फिर वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में छठीं जीत दर्ज की.गौरतलब है कि कालाढुंगी विधायक बंशीधर भगत ने सीधे शब्दों मैं मंत्री पद लेने से इनकार कर दिया था और कहा था कि केंद्र और उत्तराखंड बीजेपी नेतृत्व अगर उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाते है तो निश्चित तौर पर पार्टी को मजबूती प्रदान करने की कोशिश करेंगे. 2022 में बीजेपी उत्तराखंड मैं दोबारा सरकार बनाएगी.

देहरादून: उत्तराखंड बीजेपी की कमान अब कालाढूंगी विधायक बंशीधर भगत के हाथ में आ गई है. बंशीधर भगत को उत्तराखंड बीजेपी का अध्यक्ष बनाया गया है. इसकी घोषणा केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के केंद्रीय पर्यवेक्षक अर्जुन सिंह मेघवाल ने की. इसके साथ ही अब प्रदेश में पार्टी को मजबूत करने के साथ 2022 के चुनाव में बीजेपी की शानदार वापसी का दामोदार बंशीधर भगत के कंधे पर आ गया है. यूपी और उत्तराखंड में मंत्री रह चुके और 6 बार विधायक का चुनाव जीतने वाले बंशीधर भगत का सियासी सफर शानदार रहा है. आइए उनके सियासी सफर पर एक नजर डालते हैं कि क्यों बीजेपी ने बंशीधर भगत को प्रदेश की कमान सौंपी है ?

विधायक बंशीधर भगत का जन्म उत्तराखंड के भक्यूड़ा भीमताल में 8 अगस्त 1951 में हुआ है. बंशीधर ने अपनी शिक्षा भले ही नौंवी कक्षा तक ही पूरी की हो लेकिन राजनीति के क्षेत्र के वो बड़े खिलाड़ी माने जाते हैं. यहीं वजह है कि वह बंटवारे से पहले उत्तर प्रदेश में भी मंत्री रहे और उत्तराखंड राज्य बनने के बाद यहां भी मंत्री बने. बंशीधर ने 6 बार विधायक का चुनाव जीतकर उन्होंने अपने राजनीतिक धुरंधर होने का परिचय दिया है. जिसकी वजह से बंशीधर प्रदेश अध्यक्ष पद के दौर में सबसे आगे थे.

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बंशीधर भगत मानते हैं कि उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी से प्रेरित होकर राजनीति में कदम रखा और वर्ष 1975 में जनसंघ पार्टी से जुड़े. इसके बाद उन्होंने किसान संघर्ष समिति बनाकर राजनीति में प्रवेश किया. राम जन्म भूमि आंदोलन में वह 23 दिन अल्मोड़ा जेल में रहे. वर्ष 1989 में उन्होंने नैनीताल-ऊधमसिंह नगर के जिला अध्यक्ष का पद संभाला.

वर्ष 1991 में वह पहली बार उत्तर प्रदेश विधानसभा में नैनीताल से विधायक बने फिर 1993 में दूसरी व 1996 में तीसरी बार नैनीताल से विधायक बने. इस दौरान उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार में खाद्य एंव रसद राज्यमंत्री, पर्वतीय विकास मंत्री, वन राज्य मंत्री का कार्यभार संभाला. साल 2000 में राज्य गठन के बाद वह उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री रहे. वर्ष 2007 में हल्द्वानी विधानसभा वह चौथी बार विधायक बने. उत्तराखंड सरकार में उन्हें वन और परिवहन मंत्री बनाया गया. इसके बाद 2012 में कालाढूंगी विधानसभा से उन्होंने फिर विजय प्राप्त की फिर वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में छठीं जीत दर्ज की.गौरतलब है कि कालाढुंगी विधायक बंशीधर भगत ने सीधे शब्दों मैं मंत्री पद लेने से इनकार कर दिया था और कहा था कि केंद्र और उत्तराखंड बीजेपी नेतृत्व अगर उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाते है तो निश्चित तौर पर पार्टी को मजबूती प्रदान करने की कोशिश करेंगे. 2022 में बीजेपी उत्तराखंड मैं दोबारा सरकार बनाएगी.

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Last Updated : Jan 16, 2020, 2:35 PM IST
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