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राम मंदिर निर्माण के राजनीतिक मायने, जानिए विशेषज्ञों की राय - Ram temple construction in Ayodhya

राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन के दिन को लेकर सियासी गलियारों से लेकर हर तरफ शोर मचा हुआ है. हर कोई ऐसे नाजुक दौर में भव्य आयोजन पर गाहे-बगाहे सवाल खड़े कर रहा है. वहीं कई लोग इसके राजनीतिक मायने भी ढूंढ रहे हैं. इसे लेकर आखिर क्या है विशेषज्ञों की राय आइये जानते हैं.

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राम मंदिर निर्माण के आखिर क्या हैं राजनीतिक मायने
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Published : Aug 5, 2020, 6:17 PM IST

Updated : Aug 5, 2020, 9:24 PM IST

देहरादून: आखिरकार भव्य समारोह के बीच आज 500 सालों की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद राम मंदिर निर्माण की शुरुआत हो चुकी है. अयोध्या पहुंचकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विधि-विधान के साथ राम मंदिर निर्माण की पहली नींव रखी. इस दौरान मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी मौजूद रहे. मगर कोरोना काल में राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन के कार्यक्रम पर तमाम राजनीतिक दल सियासी प्रश्न खड़े कर रहे हैं. ऐसे में हमने सियासी मामलों के जानकारों के साथ ही कुछ अन्य लोगों से आज ही के दिन को राम मंदिर निर्माण भूमि पूजन के लिए चुने जाने पर बात की.

राम मंदिर निर्माण के आखिर क्या हैं राजनीतिक मायने

इस मामले को लेकर हमने वरिष्ठ स्तंभकार सुशील कुमार सिंह से बात की. उन्होंने हमें राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन और इसके समय को लेकर खड़े सवालों और सियासी मायनों के बारे में बताया. उन्होंने बताया कि इसी साल अक्टूबर में बिहार विधानसभा के चुनाव का आगाज होना है. इसलिए राजनीतिक दल इसे बिहार विधानसभा चुनाव से भी जोड़कर देख रहे हैं.

पढ़ें- मसूरी विधायक का राहुल गांधी पर विवादित बयान, जमकर साधा निशाना

ईटीवी भारत से बात करते हुए वरिष्ठ स्तंभकार सुशील कुमार सिंह ने बताया कि देश में जिस तेजी के साथ कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है. उसे देखते हुए कोरोना काल में राम मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या में भव्य आयोजन किया जाना कुछ अटपटा जरूर लगता है. उन्होंने कहा यह पूरा विषय जन भावनाओं से जुड़ा है. ऐसे में इसमें कोई शक नहीं है कि बीजेपी को बिहार विधानसभा चुनाव में इसका लाभ जरूर मिलेगा.

पढ़ें- फिर अनशन पर स्वामी शिवानंद, कहा- मोदी राज में हो रही मां गंगा की दुर्दशा

वहीं, दूसरी तरफ आज ही के दिन राम मंदिर निर्माण की पहली नींव रखे जाने को लेकर ज्योतिष आचार्यों की अपनी अलग ही राय है. राजधानी देहरादून के जाने-माने साइंटिफिक एस्ट्रोलॉजर शोभित बहुगुणा के मुताबिक न्यूमैरोलॉजी के हिसाब से देखा जाए तो 5 अगस्त के दिन को राम मंदिर निर्माण की पहली नींव रखे जाने के कई धार्मिक कारण हैं. सबसे पहले अगर 5 अंक की बात करे तो ये अपने आप में बहुत ही ताकतवर अंक है. दूसरी तरफ आज ग्रह नक्षत्रों की जो चाल है वह वैसी ही है जब त्रेता युग में रामलला ने जन्म के समय थी. इसे देखते हुए ही आज के दिन ही राम मंदिर निर्माण की नींव रखने का फैसला लिया गया. उन्होंने कहा इसके राजनीतिक मायने नहीं निकाले जाने चाहिए.

देहरादून: आखिरकार भव्य समारोह के बीच आज 500 सालों की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद राम मंदिर निर्माण की शुरुआत हो चुकी है. अयोध्या पहुंचकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विधि-विधान के साथ राम मंदिर निर्माण की पहली नींव रखी. इस दौरान मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी मौजूद रहे. मगर कोरोना काल में राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन के कार्यक्रम पर तमाम राजनीतिक दल सियासी प्रश्न खड़े कर रहे हैं. ऐसे में हमने सियासी मामलों के जानकारों के साथ ही कुछ अन्य लोगों से आज ही के दिन को राम मंदिर निर्माण भूमि पूजन के लिए चुने जाने पर बात की.

राम मंदिर निर्माण के आखिर क्या हैं राजनीतिक मायने

इस मामले को लेकर हमने वरिष्ठ स्तंभकार सुशील कुमार सिंह से बात की. उन्होंने हमें राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन और इसके समय को लेकर खड़े सवालों और सियासी मायनों के बारे में बताया. उन्होंने बताया कि इसी साल अक्टूबर में बिहार विधानसभा के चुनाव का आगाज होना है. इसलिए राजनीतिक दल इसे बिहार विधानसभा चुनाव से भी जोड़कर देख रहे हैं.

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ईटीवी भारत से बात करते हुए वरिष्ठ स्तंभकार सुशील कुमार सिंह ने बताया कि देश में जिस तेजी के साथ कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है. उसे देखते हुए कोरोना काल में राम मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या में भव्य आयोजन किया जाना कुछ अटपटा जरूर लगता है. उन्होंने कहा यह पूरा विषय जन भावनाओं से जुड़ा है. ऐसे में इसमें कोई शक नहीं है कि बीजेपी को बिहार विधानसभा चुनाव में इसका लाभ जरूर मिलेगा.

पढ़ें- फिर अनशन पर स्वामी शिवानंद, कहा- मोदी राज में हो रही मां गंगा की दुर्दशा

वहीं, दूसरी तरफ आज ही के दिन राम मंदिर निर्माण की पहली नींव रखे जाने को लेकर ज्योतिष आचार्यों की अपनी अलग ही राय है. राजधानी देहरादून के जाने-माने साइंटिफिक एस्ट्रोलॉजर शोभित बहुगुणा के मुताबिक न्यूमैरोलॉजी के हिसाब से देखा जाए तो 5 अगस्त के दिन को राम मंदिर निर्माण की पहली नींव रखे जाने के कई धार्मिक कारण हैं. सबसे पहले अगर 5 अंक की बात करे तो ये अपने आप में बहुत ही ताकतवर अंक है. दूसरी तरफ आज ग्रह नक्षत्रों की जो चाल है वह वैसी ही है जब त्रेता युग में रामलला ने जन्म के समय थी. इसे देखते हुए ही आज के दिन ही राम मंदिर निर्माण की नींव रखने का फैसला लिया गया. उन्होंने कहा इसके राजनीतिक मायने नहीं निकाले जाने चाहिए.

Last Updated : Aug 5, 2020, 9:24 PM IST
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