देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शुक्रवार को ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के भराड़ीसैंण विधानसभा भवन में अपनी सरकार का पांचवा बजट पेश किया है. उन्होंने करीब 57,400 करोड़ रुपए का बजट सदन में पटल पर रखा. बजट में खास तौर पर सरकार ने किसानों और युवाओं को तहरीज दी है. सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के नेताओं ने इस बजट के लिए जहां मुख्यमंत्री को बधाई दी तो वहीं विपक्ष ने इसे जनता की भावनाओं के विपरीत बजट माना है.
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बजट भाषण की शुरुआत कविता की चंद पंक्तियों से की. इसके बाद कोविड-19 की चुनौतियों से निपटने वाले फ्रंटलाइन वर्कर और रैणी में हुए हादसे के बाद रेस्क्यू कार्य करने वाले जवानों की भी मुख्यमंत्री ने सराहा की. साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की.
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बजट के दौरान कृषि, उद्योग, ऊर्जा, महिला विकास, लोक निर्माण विभाग, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे सभी विभागों के लिए चलाई जा रही योजनाओं का सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जिक्र किया. मुख्यमंत्री ने जीरो टॉलरेंस पर भी सरकार की नीति को बजट भाषण के दौरान जाहिर किया. सरकार की तरफ से कोशिश की गई कि सभी पहलुओं और सेक्टर्स को बजट में समाहित किया जा सके और अधिक से अधिक बजट इन योजनाओं के लिए आवंटित हो.
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इन सभी कारणों के चलते सत्ताधारी दल भाजपा ने सरकार के इस बजट को बेहद खास बताया. इसके लिए उन्होंने सीएम त्रिवेंद्र को बधाई दी है. वहीं, दूसरी तरफ इस बजट पर कांग्रेस ने सरकार जमकर हमला बोला है. कांग्रेस के प्रदेश सचिव मथुरा दत्त जोशी ने कहा कि की तरफ से कोई भी बड़ी पहल किसी भी योजना के लिए नहीं की गई है. बजट में शिक्षा के लिए कोई खास प्रावधान नहीं किया गया. चुनावी वर्ष होने के कारण सरकार से किसी बड़ी योजना और बड़े काम की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन यह सरकार इन उम्मीदों पर खरा नहीं उतरी है.