देहरादूनः उत्तराखंड में राशन सामग्री के दाम सामान्य दिनों की तरह एक बार फिर स्थिर हो गए हैं. कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की दस्तक के बाद राशन सामग्री के दामों में उछाल देखने को मिला था. हालांकि बीते 15 दिन से संक्रमण के मामलों में कमी आने के बाद एक बार फिर से राशन सामग्री के दाम सामान्य दिनों की तरह स्थिर हो गए हैं. साथ ही बाजारों में राशन सामग्री में भी किसी भी प्रकार की कमी नहीं देखी जा रही है.
राशन सामग्री में तेल के दाम में पिछले लॉकडाउन से काफी उछाल देखने को मिला है. जानकारी के मुताबिक कोरोना की पहली लहर के दौरान लगे लॉकडाउन के बाद तेल में दामों में 7 से 80 फीसदी दामों में बढ़ोत्तरी हुई है. वहीं, कुछ दुकानदारों का कहना है कि बाजार खुलने के बाद कई राशन सामाग्रियों के दाम में गिरावट दर्ज की गई है. कई दालों के रेट सामान्य दिनों के दामों से भी नीचे चले गए हैं.
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लॉकडाउन के बाद स्थितियां विपरीत
आम तौर पर देखें तो राशन के दामों में बढ़ोतरी होने की मुख्य वजह लोगों द्वारा सामानों के स्टॉक करने या फिर ट्रांसपोर्टेशन का अधिक चार्ज लगाना होता है. ऐसा ही कुछ स्थिति कोरोना कर्फ्यू के दौरान बनी थी. क्योंकि पिछले साल लागू लॉकडाउन के बाद स्थितियां काफी विपरीत हो गई थी. जिसके चलते लोगों ने इस बार भी राशन सामग्री को स्टोर करना शुरू कर दिया था. जिस वजह से राशन सामग्री के दाम बढ़ने लगे थे.
फुटकर विक्रताओं ने बढ़ाए दाम
यही नहीं, इसकी एक मुख्य वजह यह भी थी कि थोक विक्रेताओं की दुकान कम खुलने के चलते फुटकर विक्रेताओं ने सामानों के दाम महंगे कर दिए हैं. इस कारण पर्याप्त मात्रा में राशन दुकानों पर उपलब्ध नहीं हो पा रहा था. लेकिन अब एक बार फिर से प्रदेश में स्थिति सामान्य होने के बाद राशन सामग्री के दाम सामान्य हो गए हैं. हालांकि अभी तक तेल के दाम आसमान ही छू हैं.
तेल के दामों में उछाल
कोरोना कर्फ्यू के कारण पहले तेल के दाम 150 रुपये प्रति लीटर से कम थे. वहीं, वर्तमान समय में 180 से 190 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है. हालांकि यह दाम फुटकर विक्रेताओं के हैं. लेकिन थोक विक्रेताओं द्वारा तेल 160 -170 रुपये प्रति लीटर बेचा जा रहा है. यानी कुल मिलाकर देखें तो थोक विक्रेताओं की ओर से फिलहाल सामानों के रेट नहीं बढ़ाई गए हैं. लेकिन फुटकर विक्रेताओं ने अपनी ओर से ही सामानों के रेट में काफी वृद्धि कर दी है.
कोरोना कर्फ्यू के दौरान रेट बढ़ोतरी के सवाल पर थोक विक्रेताओं का कहना है कि पिछले 15 दिनों से दालों के दामों में थोड़ी गिरावट देखी गई है. विक्रेता के मुताबिक अरहर के दाल के दाम में 5 रुपये की कमी हुई है. इसके अतिरिक्त अन्य दालों के दामों में भी थोड़ी बहुत गिरावट आई है. यही नहीं, तेल के दाम पिछले 1 महीने से स्टेबल हैं. हालांकि, सामान्य ग्राहकों को रिफाइंड 165 रुपये और सरसों का तेल 175 रुपये प्रति लीटर बेचा जा रहा है.
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माल की सप्लाई कम
कोरोना कर्फ्यू के दौरान माल की सप्लाई पूर्ण रूप से नहीं हो पाई है. मुख्य रूप से ब्रांडेड कंपनियों के माल नहीं मिल रहे हैं. कुछ व्यापारियों का कहना है कि वर्तमान समय में राशन के दामों में थोड़ी कमी आई है. इसके अतिरिक्त मार्लों की सप्लाई पर्याप्त मात्रा में चल रही है. वर्तमान समय की स्थिति यह है कि किसी भी खाद्य सामग्री की कोई कमी नहीं है.
बहरहाल राशन के दाम स्थिर होने के बाद कोरोना कर्फ्यू के कारण आर्थिक नुकसान झेल रही जनता को कुछ राहत जरुर मिली है. हालांकि सरसों और रिफाइंड की बढ़े दामों ने जनता की जेब पर ढाका डाला है. तो वहीं अभी भी दुकानदार ट्रांसपोर्टेशन की लेटलतीफी को महंगाई का नाम दे रहे हैं. फिलहाल कोरोना कर्फ्यू के बाद बाजारों में फिर से लोगों की चहलकदमी बढ़ गई है. जिसके बाद कई दिनों से बंद पड़े व्यापारिक प्रतिष्ठान के स्वामी भी अब कुछ हद तक राहत महसूस कर रहे हैं.