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उत्तराखंड में धूमधाम से मनाया जा रहा रक्षाबंधन का त्योहार, महिलाओं को बस में फ्री सफर का तोहफा

आज देश आजादी की सालगिरह के साथ-साथ रक्षाबंधन का त्योहार भी मना रहा है. भाई और बहन के लिए ये सबसे बड़ा त्योहार है. इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं.

रक्षाबंधन मनाते भाई-बहन
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Published : Aug 15, 2019, 9:29 AM IST

देहरादून/हल्द्वानी: भाई-बहन के अटूट रिश्‍ते, प्‍यार, त्‍याग और समर्पण का त्योहार रक्षाबंधन पूरे देश में बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है. इसी कड़ी में उत्तराखंड में भी स्वतंत्रता दिवस के साथ-साथ रक्षाबंधन की भी धूम है. भाई-बहनों का यह त्योहार अपने आप में एक अद्भुत त्योहार है, जिसका हर भाई-बहन को इंतजार रहता है.

रक्षाबंधन सिर्फ एक त्योहार नहीं बल्कि हमारी परंपराओं का प्रतीक भी है. जो आज भी हमें अपने परिवार और संस्कारों से जोड़े रखता है. इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई में रक्षासूत्र बांधकर उनकी लंबी उम्र और सुख की कामना ईश्वर से करती हैं, तो वहीं भाई भी अपनी बहन को उसकी रक्षा का वचन देता है.

पढ़ें- एक क्लिक में जानें, राष्ट्रीय ध्वज को किन परिस्थितियों में आधा झुकाया जाता है

उत्तराखंड में भी रक्षाबंधन का त्योहार बड़ी शिद्दत के साथ मनाया जा रहा है. प्रदेश के हर जिले में राखियों की इस बार भारी बिक्री हुई है. सुबह 6 बजे से ही बहनों ने अपने भाइयों की कलाइयों में राखी बांधना शुरू कर दिया था. यह सिलसिला शाम तक जारी रहेगा, जो बहनें घर से दूर रहती हैं या ससुराल रहती हैं. वे भी आज के दिन अपने घर जा रही हैं. जिसको देखते हुए हर साल की तरह इस साल भी उत्तराखंड सरकार ने रोडवेज बसों में महिलाओं की यात्रा मुफ्त की है.

देहरादून/हल्द्वानी: भाई-बहन के अटूट रिश्‍ते, प्‍यार, त्‍याग और समर्पण का त्योहार रक्षाबंधन पूरे देश में बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है. इसी कड़ी में उत्तराखंड में भी स्वतंत्रता दिवस के साथ-साथ रक्षाबंधन की भी धूम है. भाई-बहनों का यह त्योहार अपने आप में एक अद्भुत त्योहार है, जिसका हर भाई-बहन को इंतजार रहता है.

रक्षाबंधन सिर्फ एक त्योहार नहीं बल्कि हमारी परंपराओं का प्रतीक भी है. जो आज भी हमें अपने परिवार और संस्कारों से जोड़े रखता है. इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई में रक्षासूत्र बांधकर उनकी लंबी उम्र और सुख की कामना ईश्वर से करती हैं, तो वहीं भाई भी अपनी बहन को उसकी रक्षा का वचन देता है.

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उत्तराखंड में भी रक्षाबंधन का त्योहार बड़ी शिद्दत के साथ मनाया जा रहा है. प्रदेश के हर जिले में राखियों की इस बार भारी बिक्री हुई है. सुबह 6 बजे से ही बहनों ने अपने भाइयों की कलाइयों में राखी बांधना शुरू कर दिया था. यह सिलसिला शाम तक जारी रहेगा, जो बहनें घर से दूर रहती हैं या ससुराल रहती हैं. वे भी आज के दिन अपने घर जा रही हैं. जिसको देखते हुए हर साल की तरह इस साल भी उत्तराखंड सरकार ने रोडवेज बसों में महिलाओं की यात्रा मुफ्त की है.

Intro:sammry- रक्षाबंधन

एंकर- हमारे समाज में हर रिश्ते का कोई ना कोई नाम दिया गया है ठीक उसी तरह रिश्तो में सबसे प्यारा रिश्ता भाई-बहन का रिश्ता होता है। रक्षाबंधन भाई और बहन के रिश्ते की पहचान माना जाता है। यह रिश्ता हर रिश्ते से मीठा और प्यारा होता है क्योंकि इस रिश्ते में मिठास भरा है भाई बहन का एक दूसरे के प्रति प्रेम और विश्वास है।


Body:रक्षाबंधन के वाला त्यौहार नहीं बल्कि हमारी परंपराओं का प्रतीक है जो आज भी हमें अपने परिवार एवं संस्कारों से जुड़े रखे हैं रक्षाबंधन भाई बहन की रक्षा की प्रतिबद्धता का दिन है जिसमें भाई हर दुख तकलीफ में अपनी बहन के साथ निभाने का वचन देता है यही वह वचन है जो आज के दौर में भी भाई बहन को विश्वास के बंधन से जुड़े हुआ हैं।



Conclusion:वही हल्द्वानी सहित लाल कुआं और पूरे जिले में रक्षाबंधन पर बहने अपने भाइयों को हाथों में राखी का धागा बांध बहन अपने भाई के अपनी रक्षा और हर मुसीबत में साथ देने का वचन लिया। साथ ही बहनों ने भी भाई की लंबी उम्र की शुभकामनाओं का आशीर्वाद दिया।

बाइट प्राची राखी बांधी बहन
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