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राज्यसभा में सांसद अनिल बलूनी ने रखा उत्तराखंड का दर्द, कहा- आपदा तंत्र की जरूरत - उत्तराखंड में आपदा तंत्र की जरूरत

सांसद अनिल बलूनी ने उत्तराखंड के लिये एक विकसित आपदा तंत्र विकसित किए जाने पर जोर दिया.

सांसद तीरथ सिंह रावत और अनिल बलूनी
सांसद तीरथ सिंह रावत और अनिल बलूनी
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Published : Feb 10, 2021, 8:06 PM IST

Updated : Feb 10, 2021, 8:27 PM IST

नई दिल्ली/देहरादून: उत्तराखंड के चमोली में आई आपदा को लेकर बीजेपी सांसद अनिल बलूनी ने गुरुवार को राज्यसभा में शून्यकाल में अपना विषय रखते हुए सरकार से आग्रह किया कि हिमालय और ग्लेशियरों के स्वभाव को लेकर गहन अध्ययन होना चाहिए और दीर्घकालिक कार्य योजना बननी चाहिए, ताकि समय रहते आपदा प्रबंधन का एक वैज्ञानिक एवं प्रभावी तंत्र विकसित हो सके.

सांसद अनिल बलूनी ने आपदा को लेकर कहा कि हाल के वर्षों में उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने, बादल फटने और भारी भूस्खलन जैसी घटनाओं में बढ़ोत्तरी हुई है. उत्तराखंड भूकंप संभावित क्षेत्र भी है, ऐसे में पृथ्वी विज्ञान विभाग से अनुरोध किया कि आपदा की इस परिस्थितियों पर विस्तृत अध्ययन किया जाए. ताकि हिमालय, ग्लेशियरों और नदियों के स्वभाव पर स्टडी हो सके, जिससे उत्तराखंड के लिये एक विकसित आपदा तंत्र विकसित किया जा सके. इससे न सिर्फ उत्तराखंड बल्कि अन्य पहाड़ी राज्यों को भी लाभ होगा.

  • आज संसद के शुन्य काल में अपने संसदीय क्षेत्र गढ़वाल के चमोली जिले के तपोवन रेणी गॉंव में ग्लेशियर टूटने से धौली एवं ऋषि गंगा में आई आपदा के सम्बंध में घटना स्थल की वस्तुस्थिति से सदन को अवगत कराया।@BJP4UK pic.twitter.com/VLRFDSy9wt

    — Tirath Singh Rawat (@TIRATHSRAWAT) February 10, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पढ़ें- चमोली आपदा का दर्द जौनसार बाबर के पंजिया गांव में भी छलका, दो सगे भाई सहित चार लोग लापता

गौर हो कि बीती 7 फरवरी को चमोली जिले के जोशीमठ में बड़ा हादसा हुआ. रैणी गांव में ग्लेशियर टूटने से ऋषि गंगा नदी में बाढ़ आ गई, जिससे यहां निर्माणाधीन ऋषि गंगा जल विद्युत परियोजना का पावर हाउस पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया. बाढ़ से ऋषि गंगा नदी पर बना भारत-चीन सीमा को जोड़ना वाला पुल बह गया. इसके बाद बाढ़ का पानी धौली गंगा नदी में मिला. नदी में मलबा के आने से जलस्तर काफी बढ़ गया. उफनती धौली नदी का पानी फिर तपोवन पहुंचा, जहां NTPC की विष्णुगाढ़ जल विद्युत परियोजना क्षतिग्रस्त हो गई.

आपदा के बाद 600 से अधिक सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के जवान बचाव कार्य में जुटे हुए हैं. ये जवान बाढ़ से प्रभावित और संपर्क से बाहर हुए गांवों में खाना, दवाइयां और अन्य जरूरी चीजें पहुंचा रहे हैं. इस आपदा में अभी तक 32 लोगों के शव बरामद हो चुके हैं. जबकि 174 लोग अभी भी लापता हैं.

लोकसभा में सांसद तीरथ सिंह रावत ने दी जानकारी

बुधवार को शुन्य काल में सांसद तीरथ सिंह रावत ने अपने संसदीय क्षेत्र गढ़वाल के चमोली जिले के तपोवन और रैणी गांव में आई आपदा को बारे में जानकारी दी. वहा की वर्तमान स्थिति से उन्होंने सदन के अवगत कराया.

नई दिल्ली/देहरादून: उत्तराखंड के चमोली में आई आपदा को लेकर बीजेपी सांसद अनिल बलूनी ने गुरुवार को राज्यसभा में शून्यकाल में अपना विषय रखते हुए सरकार से आग्रह किया कि हिमालय और ग्लेशियरों के स्वभाव को लेकर गहन अध्ययन होना चाहिए और दीर्घकालिक कार्य योजना बननी चाहिए, ताकि समय रहते आपदा प्रबंधन का एक वैज्ञानिक एवं प्रभावी तंत्र विकसित हो सके.

सांसद अनिल बलूनी ने आपदा को लेकर कहा कि हाल के वर्षों में उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने, बादल फटने और भारी भूस्खलन जैसी घटनाओं में बढ़ोत्तरी हुई है. उत्तराखंड भूकंप संभावित क्षेत्र भी है, ऐसे में पृथ्वी विज्ञान विभाग से अनुरोध किया कि आपदा की इस परिस्थितियों पर विस्तृत अध्ययन किया जाए. ताकि हिमालय, ग्लेशियरों और नदियों के स्वभाव पर स्टडी हो सके, जिससे उत्तराखंड के लिये एक विकसित आपदा तंत्र विकसित किया जा सके. इससे न सिर्फ उत्तराखंड बल्कि अन्य पहाड़ी राज्यों को भी लाभ होगा.

  • आज संसद के शुन्य काल में अपने संसदीय क्षेत्र गढ़वाल के चमोली जिले के तपोवन रेणी गॉंव में ग्लेशियर टूटने से धौली एवं ऋषि गंगा में आई आपदा के सम्बंध में घटना स्थल की वस्तुस्थिति से सदन को अवगत कराया।@BJP4UK pic.twitter.com/VLRFDSy9wt

    — Tirath Singh Rawat (@TIRATHSRAWAT) February 10, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पढ़ें- चमोली आपदा का दर्द जौनसार बाबर के पंजिया गांव में भी छलका, दो सगे भाई सहित चार लोग लापता

गौर हो कि बीती 7 फरवरी को चमोली जिले के जोशीमठ में बड़ा हादसा हुआ. रैणी गांव में ग्लेशियर टूटने से ऋषि गंगा नदी में बाढ़ आ गई, जिससे यहां निर्माणाधीन ऋषि गंगा जल विद्युत परियोजना का पावर हाउस पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया. बाढ़ से ऋषि गंगा नदी पर बना भारत-चीन सीमा को जोड़ना वाला पुल बह गया. इसके बाद बाढ़ का पानी धौली गंगा नदी में मिला. नदी में मलबा के आने से जलस्तर काफी बढ़ गया. उफनती धौली नदी का पानी फिर तपोवन पहुंचा, जहां NTPC की विष्णुगाढ़ जल विद्युत परियोजना क्षतिग्रस्त हो गई.

आपदा के बाद 600 से अधिक सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के जवान बचाव कार्य में जुटे हुए हैं. ये जवान बाढ़ से प्रभावित और संपर्क से बाहर हुए गांवों में खाना, दवाइयां और अन्य जरूरी चीजें पहुंचा रहे हैं. इस आपदा में अभी तक 32 लोगों के शव बरामद हो चुके हैं. जबकि 174 लोग अभी भी लापता हैं.

लोकसभा में सांसद तीरथ सिंह रावत ने दी जानकारी

बुधवार को शुन्य काल में सांसद तीरथ सिंह रावत ने अपने संसदीय क्षेत्र गढ़वाल के चमोली जिले के तपोवन और रैणी गांव में आई आपदा को बारे में जानकारी दी. वहा की वर्तमान स्थिति से उन्होंने सदन के अवगत कराया.

Last Updated : Feb 10, 2021, 8:27 PM IST
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