देहरादून: रामपुर तिराहा कांड की बरसी से एक दिन पहले राज्य आंदोलनकारियों ने एक बार फिर लंबित मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. पांच राज्य आंदोलनकारियों ने शहीद स्मारक स्थित छत और पेड़ पर चढ़कर अपना विरोध प्रकट किया है. उनका कहना है कि जब तक मुख्यमंत्री से उनकी मांगों को लेकर वार्ता नहीं होगी, तब तक वो नीचे नहीं उतरेंगे.
बता दें, 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण और समान पेंशन की मांग को लेकर राज्य आंदोलनकारियों ने छत और पेड़ पर चढ़कर अपना विरोध प्रकट किया. बताया जा रहा है कि अपनी मांगों को लेकर राज्य आंदोलनकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मुलाकात करने जा रहा है. चार राज्य आंदोलनकारी कलेक्ट्रेट स्थित शहीद स्मारक की छत पर चढ़ गए हैं. इसमें जगमोहन रावत, देवेश्वरी देवी, रीना देवी और यशोदा रावत शामिल हैं. जबकि राज्य आंदोलनकारी संपत्ति देवी पेड़ पर चढ़ गईं हैं.
राज्य आंदोलनकारी सावित्री नेगी का कहना है कि राज्य आंदोलनकारी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर लामबंद हैं. सरकार एक समान पेंशन लागू करे. क्योंकि राज्य सरकार किसी को ₹15 हजार, किसी को ₹5 हजार और किसी राज्य आंदोलनकारी को ₹3100 ही पेंशन दे रही है. इसके साथ उन्होंने 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण देने की मांग की.
सावित्री नेगी का कहना है कि सरकार लगातार उनकी मांगों को अनसुना करती आ रही है और उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है. अगर मुख्यमंत्री चाहें तो उनकी मांगों पर ध्यान दे सकते हैं. लेकिन मजबूरन उन्हें इस तरह का कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा है.