देहरादून: उत्तराखंड पुलिस के जवान राजेंद्र नाथ 15 अगस्त 2021 को यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी 'माउंट एल्ब्रुस' पर भारतीय ध्वज फहराने जा रहे हैं. इस कठिन चुनौती को लेकर राजेंद्र नाथ शुक्रवार को देहरादून, SDRF मुख्यालय जौलीग्रांट से रवाना हुए. राजेंद्र नाथ इससे पहले भी माउंट त्रिशूल, संतोपथ- चंद्रभागा DKD जेसडी जैसी गगनचुंबी चोटियों का सफलतापूर्वक आरोहण कर कीर्तिमान स्थापित कर चुके हैं.
गगनचुंबी पर्वत शिखर को छूने चला हूं, इस नीले आसमान को चूमने चला हूं, हां, आज जोश और उमंग से भरा हूं, मैं, असंभव को संभव करने चला हूं. इस प्रेरणादायक जज्बे के साथ यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊंचे चोटी माउंट एल्ब्रुस को फतह करने के लिए आरक्षी राजेंद्र नाथ को पुलिस प्रतीक चिह्न देकर रवाना किया गया. राज्य ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर पहले पुलिसकर्मी (पर्वतारोही) के रूप में आरक्षी राजेंद्र नाथ यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रुस पर 15 अगस्त को भारतीय ध्वज फहराने का प्रयास करेंगे.
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SDRF के मुताबिक आगामी 8 अगस्त को दिल्ली में एक्सपीडिशन टीम की फ्लैग ऑफ सेरेमनी की जाएगी. जिसके पश्चात हवाई मार्ग से टीम यूरोप के लिए रवाना होगी. यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रुस को फहत करना किसी भी पर्वतारोही के लिए एक अभियान नहीं बल्कि यह एक प्राणपोषक- पुरस्कृत और जीवन बदलने वाला अनुभव हो सकता है. यह आम बात नहीं बल्कि इसके लिए अदम्य साहस और कुछ कर गुजरने का जुनून अनिवार्य है.
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इस रोमांचक सफर में दृढ़ता और धैर्य दोनों की आवश्यकता है. विश्व की सबसे ऊंची चोटियों में शुमार माउंट एल्ब्रुस ऊंचाई पर रक्त जमा कर देने वाले असहनीय ठंड, ऑक्सीजन की कमी, हिमस्खलन का खतरा जैसी कई जानलेवा कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में किसी भी पर्वतारोही के लिए यह कर पाना शारीरिक और मानसिक रूप से जीवन की सबसे बड़ी चुनौती का विषय है.
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पर्वतारोही राजेंद्र नाथ के नाम इससे पहले भी कई कीर्तिमान: आरक्षी राजेंद्र नाथ वर्ष 2001 से उत्तराखंड पुलिस में सेवाएं दे रहे हैं. राजेंद्र नाथ पूर्व में भी कई कीर्तिमान हासिल करते हुए राज्य के प्रथम पुलिसकर्मी के रूप में माउंट त्रिशूल (7120 मीटर) चोटी पर सफलतापूर्वक आरोहण कर चुके है. माउंट त्रिशूल को पर्वतारोहियों द्वारा प्री- एवरेस्ट समिट के रूप में किया जाता है. राजेंद्र नाथ द्वारा इससे पूर्व में भी संतोपंथ चंद्रभागा-13 ( 6264 मीटर) और DKD-2 (5670मीटर) का भी सफलतापूर्वक आरोहण का कीर्तिमान स्थापित किया है.