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उत्तराखंडः 12.5 एकड़ से ज्यादा भूमि खरीद और जमीन लीज पर देने से संबंधित अध्यादेश राजभवन से मंजूर

राजभवन ने भांग की खेती के प्रावधान हटाने के बाद 12.5 एकड़ से ज्यादा की भूमि खरीद पर मंजूरी दे दी है. जिसके बाद शासन ने अधिसूचना जारी कर दी है. ऐसे में अब प्रदेश के मैदानी जिलों में भी 12.5 एकड़ से ज्यादा की भूमि खरीदी जा सकती है. इतना ही नहीं औद्योगिक निवेश के लिए अब कोई भी निजी भूमि मालिकों से भूमि लीज पर ले सकेगा.

राजभवन
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Published : Nov 20, 2019, 4:50 PM IST

देहरादूनः बीते चार महीने से लंबित 12.5 एकड़ से अधिक भूमि खरीद और 30 साल के लिए भूमि लीज पर देने के अध्यादेश को राजभवन ने मजूंरी दे दी है. भांग की खेती के प्रावधान पर राज्य सरकार के बैकफुट पर आने के बाद इस पर मंजूरी दी गई है. जिसके बाद शासन ने अधिसूचना भी जारी कर दी है. ऐसे में अब प्रदेश के मैदानी जिलों में भी 12.5 एकड़ से ज्यादा की भूमि खरीदी जा सकती है.

गौर हो कि, राज्य सरकार ने अध्यादेश में भांग की खेती के लिए भूमि को लीज पर देने का प्रावधान किया था. जिसके बाद शासन ने अध्यादेश पर राज्यपाल की सहमति के लिए राजभवन भेजा था. जिस पर राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने आपत्ति जताई थी.

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जिसके बाद राज्य सरकार ने बीते 13 नवंबर को हुई कैबिनेट में लीज की भूमि पर भांग की खेती के प्रावधान को हटा दिया था. वहीं, अब राजभवन ने 12.5 एकड़ जमीन और 30 साल के लिए भूमि लीज पर देने की सहमति दे दी है.

उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम-1950 के अनुच्छेद 156 में सीलिंग एक्ट के तहत प्रावधान है कि प्रदेश में 12.5 एकड़ से ज्यादा की जमीन नहीं खरीद सकते हैं, लेकिन उत्तराखंड सरकार ने पहाड़ी क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा देने के लिए यह व्यवस्था पहले ही खत्म कर चुकी है.

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बीते 4 महीने पहले राज्य सरकार ने मैदानी क्षेत्रों में भी इस व्यवस्था को खत्म करने को लेकर अध्यादेश आई थी. जिसमें अनुच्छेद 156 में कृषि भूमि को बेमौसमी सब्जी, जड़ी बूटी आदि के लिए 30 साल पर लीज देने की व्यवस्था की गई है.

उधर, राजभवन से इस अध्यादेश पर मंजूरी मिलने के बाद अब शासन ने अधिसूचना जारी कर दी है. ऐसे में अब प्रदेश के मैदानी जिलों में भी 12.5 एकड़ से ज्यादा की भूमि खरीदी जा सकती है. इतना ही नहीं औद्योगिक निवेश के लिए अब कोई भी निजी भूमि मालिकों से भूमि लीज पर ले सकेगा.

देहरादूनः बीते चार महीने से लंबित 12.5 एकड़ से अधिक भूमि खरीद और 30 साल के लिए भूमि लीज पर देने के अध्यादेश को राजभवन ने मजूंरी दे दी है. भांग की खेती के प्रावधान पर राज्य सरकार के बैकफुट पर आने के बाद इस पर मंजूरी दी गई है. जिसके बाद शासन ने अधिसूचना भी जारी कर दी है. ऐसे में अब प्रदेश के मैदानी जिलों में भी 12.5 एकड़ से ज्यादा की भूमि खरीदी जा सकती है.

गौर हो कि, राज्य सरकार ने अध्यादेश में भांग की खेती के लिए भूमि को लीज पर देने का प्रावधान किया था. जिसके बाद शासन ने अध्यादेश पर राज्यपाल की सहमति के लिए राजभवन भेजा था. जिस पर राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने आपत्ति जताई थी.

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जिसके बाद राज्य सरकार ने बीते 13 नवंबर को हुई कैबिनेट में लीज की भूमि पर भांग की खेती के प्रावधान को हटा दिया था. वहीं, अब राजभवन ने 12.5 एकड़ जमीन और 30 साल के लिए भूमि लीज पर देने की सहमति दे दी है.

उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम-1950 के अनुच्छेद 156 में सीलिंग एक्ट के तहत प्रावधान है कि प्रदेश में 12.5 एकड़ से ज्यादा की जमीन नहीं खरीद सकते हैं, लेकिन उत्तराखंड सरकार ने पहाड़ी क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा देने के लिए यह व्यवस्था पहले ही खत्म कर चुकी है.

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बीते 4 महीने पहले राज्य सरकार ने मैदानी क्षेत्रों में भी इस व्यवस्था को खत्म करने को लेकर अध्यादेश आई थी. जिसमें अनुच्छेद 156 में कृषि भूमि को बेमौसमी सब्जी, जड़ी बूटी आदि के लिए 30 साल पर लीज देने की व्यवस्था की गई है.

उधर, राजभवन से इस अध्यादेश पर मंजूरी मिलने के बाद अब शासन ने अधिसूचना जारी कर दी है. ऐसे में अब प्रदेश के मैदानी जिलों में भी 12.5 एकड़ से ज्यादा की भूमि खरीदी जा सकती है. इतना ही नहीं औद्योगिक निवेश के लिए अब कोई भी निजी भूमि मालिकों से भूमि लीज पर ले सकेगा.

Intro:पिछले 4 महीने से अटके अध्यादेश पर राज्य सरकार द्वारा बैकफुट पर आने और भांग की खेती के प्रावधान हटाने के बाद 12.5 एकड़ से अधिक भूमि खरीद और 30 वर्ष के लिए भूमि लीज पर देने कि अध्यादेश पर राजभवन ने मंजूरी दे दी है जिसके बाद शासन ने अधिसूचना जारी कर दी है। 


Body:गौर हो की राज्य सरकार ने अध्यादेश में भांग की खेती के लिए भूमि को लीज पर देने का प्रावधान किया था, जिसके बाद शासन ने अध्यादेश पर राज्यपाल की सहमति के लिए अध्यादेश को राजभवन भेजा गया। जिस पर राजपाल बेबी रानी मौर्य ने आपत्ति जताई थी। जिसके चलते राज्य सरकार ने 13 नवंबर को हुई कैबिनेट में लीज के भूमि पर भाग की खेती के प्रावधान को हटा दिया था। जिसके बाद अब राजभवन ने 12.5 एकड़ जमीन और 30 वर्ष के लिए भूमि लीज को देने पर सहमति दे दी है।


उत्तरप्रदेश जमीदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम- 1950 के अनुच्छेद 156 में सीलिंग एक्ट के तहत प्रावधान है कि प्रदेश में 12.5 एकड़ से अधिक जमीन नहीं खरीद सकते हैं। लेकिन उत्तराखंड राज्य सरकार ने पहाड़ी क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा देने के लिए या व्यवस्था पहले ही खत्म कर चुकी है जिसके बाद बीते 4 महीने पहले राज सरकार ने मैदानी क्षेत्रों में भी या व्यवस्था समाप्त करने को लेकर अध्यादेश लेकर आई थी, जिसमें अनुच्छेद 156 में कृषि भूमि को बेमौसमी सब्जी, जड़ी बूटी आदि के लिए 30 वर्ष पर लीज देने की व्यवस्था की गई है।




Conclusion:राजभवन से अध्यादेश को मंजूरी मिलने के बाद अब शासन ने अधिसूचना जारी कर दी है। जिसके बाद अब प्रदेश के मैदानी जिलों में भी 12.5 एकड़ से अधिक भूमि खरीदी जा सकती है। यही नहीं औद्योगिक निवेश के लिए अब कोई भी निजी भूमि मालिकों से भूमि लीज पर ले सकेगा।


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