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देहरादून में मनाया गया असम राइफल्स का 189वां स्थापना दिवस, उपनल में समायोजित होंगे अर्ध सैनिक बलों के जवान

देहरादून में असम राइफल्स का 189वां स्थापना दिवस मनाया गया. इस मौके पर असम राइफल के कई भूतपूर्व सैनिक और सैनिक परिवारों के सदस्यों ने भाग लिया. इस कार्यक्रम में प्रदेश के सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे. गणेश जोशी ने बताया कि अर्ध सैनिक बलों के रिटायर जवानों को उपनल में समायोजित किया जाएगा.

assam rifle raising day
असम राइफल स्थापना दिवस
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Published : Mar 25, 2023, 6:49 AM IST

देहरादून: असम राइफल्स के 189वें स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में पूर्व सैनिकों ने सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी का भव्य स्वागत किया. इस मौके पर सैनिक कल्याण मंत्री जोशी ने कार्यक्रम में मौजूद सभी पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों को स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दी. मंत्री ने देश के अमर शहीदों को याद करते हुए कहा कि असम राइफल्स हमारे देश की सबसे पुरानी अर्धसैनिक फोर्स है.

189 साल पुराना है असम राइफल्स का इतिहास: गणेश जोशी ने कहा कि असम राइफल्स का गौरव पूर्ण इतिहास रहा है. असम राइफल्स ने पहले विश्वयुद्ध और द्वितीय विश्वयुद्ध की लड़ाई में भाग लिया और अपना गौरव पूर्ण इतिहास लिखा है. उन्होंने कहा कि यह नार्थ ईस्ट में सीमा सुरक्षा के साथ आन्तरिक उग्रवाद को खत्म करने के अलावा के देश के कई दूसरे हिस्सों में बेहद कारगर साबित हुआ है. असम राइफल्स द्वारा वर्ष 1962 और फिर वर्ष 1971 की लड़ाई में भी देश की सेना के साथ हर मोर्चे पर डट कर साथ दिया गया था. इसी की बदौलत यह बल के देश में सबसे ज्यादा वीरता पदक से सम्मानित है. पूर्व सैनिक और कैबिनेट मंत्री जोशी ने बताया कि यह देश का पहला ऐसा अर्ध सैनिक बल है, जहां ऑपरेशन कमांड आर्मी के अलावा प्रशासनिक कमांड होम मिनिस्ट्री के अंर्तगत आती है.

गणेश जोशी ने गिनाए सैनिक कल्याण के कार्य: कैबीनेट मंत्री गणेश जोशी ने उत्तराखण्ड में सरकार द्वारा सैनिक कल्याण में किये गए कार्यों की जानकारी देते हुए बताया कि सरकार ने अपनी घोषणा के अनुरूप अब तक 23 शहीद आश्रितों को समूह 'ग' या 'घ' के पदों पर नौकरी दी है. इनमें से 02 शहीद आश्रित असम राइफल्स अर्ध सैनिक बल से भी हैं. उन्होंने आगे बताया कि विशिष्ट सेवा मेडल धारकों को दी जाने वाली राशि में बढ़ोत्तरी की गई है. इसी तरह से द्वितीय विश्व युद्ध अनुदान में बढ़ोत्तरी की गई है.

उत्तराखंड में 36 सैनिक गेस्ट हाउस: गणेश जोशी ने जानकारी दी है कि चम्पावत, टनकपुर में सैनिक विश्राम गृह बनाये जा रहे हैं. इनका निर्माणकार्य पूरा हो जाने पर लोकल पूर्व सैनिकों के अलावा उनकी विधवाओं और आश्रितों की काफी लम्बे समय से चली आ रही मांग पूरी की गई है. उन्होंने बताया कि अभी प्रदेश में 36 सैनिक गेस्ट हाउस चल रहे हैं. वहीं इसके अलावा उत्तराखंड में सैनिकों के लिए सबसे बड़े गौरव के रूप में सैन्य धाम बनाया जा रहा है जो कि देहरादून के गुनियाल गांव में निर्माणाधीन है. इसका 40 फीसफी से ज्यादा काम पूर्ण हो चुका है.
ये भी पढ़ें: पौड़ी में साइबर ठगों ने उपनल कर्मियों को बनाया निशाना, स्वास्थ्य मंत्री का स्टाफ बताकर की ठगी

उपनल में समायोजित होंगे अर्ध सैनिक बलों के जवान: वहीं इस मौके पर सैनिक कल्याण मंत्री ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि सरकार उपनल से होने वाले सेवायोजन में अर्द्धसैनिक बलों को शामिल करने पर विचार कर रही है. इस मौके पर गणेश जोशी ने असम राइफ़ल्स के कार्यालय के लिए फ़र्नीचर देने के अलावा कृषि और औद्यानिकी के क्षेत्र में पूर्व सैनिकों को मदद दिए जाने की बात कही. कार्यक्रम में असम राइफल संरक्षण समिति के संरक्षक कमांडेंट आरएस सजवाण, कार्यकारी अध्यक्ष सूबेदार मेजर बलवंत सिंह के साथ ही पूर्व सैनिक और उनके परिजनों सहित कई अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे.

देहरादून: असम राइफल्स के 189वें स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में पूर्व सैनिकों ने सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी का भव्य स्वागत किया. इस मौके पर सैनिक कल्याण मंत्री जोशी ने कार्यक्रम में मौजूद सभी पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों को स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दी. मंत्री ने देश के अमर शहीदों को याद करते हुए कहा कि असम राइफल्स हमारे देश की सबसे पुरानी अर्धसैनिक फोर्स है.

189 साल पुराना है असम राइफल्स का इतिहास: गणेश जोशी ने कहा कि असम राइफल्स का गौरव पूर्ण इतिहास रहा है. असम राइफल्स ने पहले विश्वयुद्ध और द्वितीय विश्वयुद्ध की लड़ाई में भाग लिया और अपना गौरव पूर्ण इतिहास लिखा है. उन्होंने कहा कि यह नार्थ ईस्ट में सीमा सुरक्षा के साथ आन्तरिक उग्रवाद को खत्म करने के अलावा के देश के कई दूसरे हिस्सों में बेहद कारगर साबित हुआ है. असम राइफल्स द्वारा वर्ष 1962 और फिर वर्ष 1971 की लड़ाई में भी देश की सेना के साथ हर मोर्चे पर डट कर साथ दिया गया था. इसी की बदौलत यह बल के देश में सबसे ज्यादा वीरता पदक से सम्मानित है. पूर्व सैनिक और कैबिनेट मंत्री जोशी ने बताया कि यह देश का पहला ऐसा अर्ध सैनिक बल है, जहां ऑपरेशन कमांड आर्मी के अलावा प्रशासनिक कमांड होम मिनिस्ट्री के अंर्तगत आती है.

गणेश जोशी ने गिनाए सैनिक कल्याण के कार्य: कैबीनेट मंत्री गणेश जोशी ने उत्तराखण्ड में सरकार द्वारा सैनिक कल्याण में किये गए कार्यों की जानकारी देते हुए बताया कि सरकार ने अपनी घोषणा के अनुरूप अब तक 23 शहीद आश्रितों को समूह 'ग' या 'घ' के पदों पर नौकरी दी है. इनमें से 02 शहीद आश्रित असम राइफल्स अर्ध सैनिक बल से भी हैं. उन्होंने आगे बताया कि विशिष्ट सेवा मेडल धारकों को दी जाने वाली राशि में बढ़ोत्तरी की गई है. इसी तरह से द्वितीय विश्व युद्ध अनुदान में बढ़ोत्तरी की गई है.

उत्तराखंड में 36 सैनिक गेस्ट हाउस: गणेश जोशी ने जानकारी दी है कि चम्पावत, टनकपुर में सैनिक विश्राम गृह बनाये जा रहे हैं. इनका निर्माणकार्य पूरा हो जाने पर लोकल पूर्व सैनिकों के अलावा उनकी विधवाओं और आश्रितों की काफी लम्बे समय से चली आ रही मांग पूरी की गई है. उन्होंने बताया कि अभी प्रदेश में 36 सैनिक गेस्ट हाउस चल रहे हैं. वहीं इसके अलावा उत्तराखंड में सैनिकों के लिए सबसे बड़े गौरव के रूप में सैन्य धाम बनाया जा रहा है जो कि देहरादून के गुनियाल गांव में निर्माणाधीन है. इसका 40 फीसफी से ज्यादा काम पूर्ण हो चुका है.
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उपनल में समायोजित होंगे अर्ध सैनिक बलों के जवान: वहीं इस मौके पर सैनिक कल्याण मंत्री ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि सरकार उपनल से होने वाले सेवायोजन में अर्द्धसैनिक बलों को शामिल करने पर विचार कर रही है. इस मौके पर गणेश जोशी ने असम राइफ़ल्स के कार्यालय के लिए फ़र्नीचर देने के अलावा कृषि और औद्यानिकी के क्षेत्र में पूर्व सैनिकों को मदद दिए जाने की बात कही. कार्यक्रम में असम राइफल संरक्षण समिति के संरक्षक कमांडेंट आरएस सजवाण, कार्यकारी अध्यक्ष सूबेदार मेजर बलवंत सिंह के साथ ही पूर्व सैनिक और उनके परिजनों सहित कई अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे.

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