देहरादून: केंद्रीय वक्फ परिषद के सदस्य रईस खान पठान में उत्तराखंड वक्फ बोर्ड का निरीक्षण किया. इसके साथ ही उन्होंने मीडिया से वार्ता करते हुए उत्तराखंड वक्फ बोर्ड की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं.
रईस पठान उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के निरीक्षण के दौरान काफी नाराज नजर आए. उन्होंने कहा कि बोर्ड के अंदर तालमेल का अभाव है. उन्होंने बोर्ड की संपत्तियों के बारे में भी जानकारी हासिल की. जिसमें उन्हें बताया गया कि 80 प्रतिशत संपत्तियों का आज तक म्यूटेशन नहीं कराया गया है. जिससे बोर्ड को काम करने में काफी दिक्कतें आ रही है. उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड की संपत्तियां हैं लेकिन इसका रिकॉर्ड नहीं है. जिसका फायदा भूमाफिया उठा रहे हैं. इसका रास्ता निकालना होगा. आज वक्फ बोर्ड की प्रॉपर्टीज का न होना, इस बात को दर्शाता है कि उनका प्रॉपर्टीज का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है.
उन्होंने कहा कि सेंट्रल वक्फ काउंसिल के साथ बोर्ड की बैठकें न होने से जाहिर होता है कि बोर्ड के अंदर तालमेल नहीं है. रईस पठान ने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि आज उनकी मौजूदगी के बावजूद वक्फ बोर्ड के मेंबरों ने यहां आने की जहमत तक नहीं उठाई. इससे प्रतीत होता है कि बोर्ड के भीतर तालमेल नहीं है.
इस दौरान रईस ने सरकार की उपलब्धियां बताते हुए कहा कि सेंटर वक्फ काउंसिल, उत्तराखंड वक्फ बोर्ड को सुविधाएं मुहैया कराता है. लेकिन बोर्ड के मेंबरों की गैरमौजूदगी यह दर्शाती है कि वो बोर्ड चलाने में इंटरेस्टेड नहीं हैं. उन्होंने समय-समय पर बोर्ड की बैठकें न होने पर भी अपनी गहरी नाराजगी जताई है.
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वहीं, अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे को लेकर भी उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया दी. रईस खान का कहना है कि तालिबान एक आतंकी संगठन है और उसका समर्थन उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि तालिबान ने एक मुल्क पर कब्जा कर लिया है. अफगानिस्तान में आतंकियों के एक गुट ने अपना नाम तालिबान रख लिया है और अफगानिस्तान जैसे सीधे मुल्क पर आतंकी घटनाओं को अंजाम देकर नाजायज कब्जा कर लिया है. इससे वहां के लोगों का जीना हराम हो गया है. हमारी सरकार इस पूरे घटनाक्रम पर निगाह रखे हुए है क्योंकि सरकार दबे कुचले मजलूम बेसहारा लोगों की हिमायत करती आई है और आगे भी कमजोर वर्गों के लिए हिमायत करती रहेगी.