ऋषिकेश: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा शुरू होने के बाद अब ऋषिकेश में राफ्टिंग का लुत्फ भी पर्यटक उठा सकेंगे. कोरोना की वजह से बंद हुई राफ्टिंग का शुभारंभ फिर से कर दिया गया है. बतौर मुख्य अतिथि के रूप में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज और कृषि मंत्री सुबोध उनियाल पहुंचे. इस मौके पर सतपाल महाराज ने कहा कि पर्यटन को पटरी पर लाना उनकी प्राथमिकता में शामिल है.
उन्होंने कहा कि सरकार लगातार पर्यटकों को उत्तराखंड की ओर आकर्षित करने के लिए प्रयासरत है. उचित पैरवी की वजह से ही कोर्ट ने उत्तराखंड में चारधाम यात्रा फिर से शुरू करने के आदेश जारी किए हैं, जिसका फायदा परिवहन होटल व अन्य छोटे बड़े व्यवसायियों को मिलेगा. वही अब हजारों राफ्टिंग संचालकों को भी रोजी रोटी के संकट से जूझना नहीं पड़ेगा. काफी सोच विचार के बाद सरकार ने राफ्टिंग को फिर से शुरू करने का निर्णय लिया है. बस कोविड-19 के नियमों का पालन करना जरूरी है. पर्यटक अब राफ्टिंग के साथ-साथ कैंपिंग का लुत्फ भी उठा सकेंगे.
कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि सरकार कोविड-19 की वजह से नुकसान की भरपाई करने का प्रयास कर रही है. फिलहाल, राफ्टिंग का कारोबार शुरू होने से पर्यटक ऋषिकेश मुनीकी रेती स्वर्ग आश्रम क्षेत्र में पहुंचेंगे, जिसका लाभ तमाम व्यवसायियों को मिलेगा. राफ्टिंग का कारोबार शुरू होने से संचालकों के चेहरे खिले हुए नजर आ रहे हैं.
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राफ्टिंग समिति के अध्यक्ष दिनेश भट्ट ने बताया कि राफ्टिंग के कारोबार को बढ़ावा देने के लिए अब प्रचार-प्रसार की जरूरत है, जिसके प्रयास समिति अपनी ओर से कर रही है. सरकार को भी इस दिशा में मीडिया के माध्यम से प्रचार-प्रसार करने की मांग वह करते हैं. उन्होंने बताया राफ्टिंग समिति के तहत चलने वाली करीब 400 राफ्ट गंगा में पर्यटकों को साहसिक पर्यटन के क्षेत्र में आनंदित करने के लिए तैयार है.
चारधाम यात्रा का आगाज: नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले के बाद आज से चारधाम यात्रा का आगाज हो गया है. यात्रा खुलने से केदारघाटी के लोगों में खासा उत्साह बना हुआ है. यात्रा पड़ावों पर तीर्थ यात्रियों की चहल-कदमी से वीरान पड़े बाजारों में रौनक लौट आई है. यात्रा शुरू होने से घोड़ा-खच्चर मजदूर, वाहन चालक, ढाबा, होटल, लाज व्यवसायी में खुशी देखी जा रही है. हालांकि अब चारधाम यात्रा के कपाट बंद होने में करीब डेढ़ माह का समय बच है. इसके बाद भी चारधाम यात्रा से जुड़े व्यवसायियों और तीर्थ पुरोहितों को उम्मीद है कि यात्रा खुलने के बाद कुछ सीमा तक आजीविका में सुधार हो पायेगा.